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Hyundai Motor India: एक्सपोर्ट और एसयूवी की अच्छी डिमांड ने दिया सहारा, क्या अभी इनवेस्ट करने से होगी तगड़ी कमाई?

Hyundai Motor India Ltd (HMIL) की एवरेज सेलिंग प्राइस (ASP) 0.7 फीसदी बढ़ी। इसमें अच्छे प्रोडक्ट मिक्स का हाथ है। लेकिन, एक्सपोर्ट के एएसपी में तिमाही दर तिमाही आधार पर गिरावट आई। जून तिमाही में एवरेज डिस्काउंट बढ़कर एएसपी के 3.4 फीसदी पर पहुंच गया

अपडेटेड Aug 15, 2025 पर 6:19 PM
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ह्यूंडई का स्टॉक बीते 6 महीनों में करीब 9 फीसदी चढ़ा है।

ह्यूंडई मोटर इंडिया का प्रदर्शन जून तिमाही में अनुमान के मुकाबले अच्छा रहा है। इसमें एक्सपोर्ट वॉल्यूम में अच्छी ग्रोथ का हाथ है। कंपनी इंडिया में उत्पादन में लोकल कंपोनेंट्स पर फोकस कर रही है। लेकिन, घरेलू मार्केट में कमजोर डिमांड का असर कंपनी के प्रदर्शन पर पड़ा। रेवेन्यू में साल दर साल आधार पर 5.4 फीसदी गिरावट आई। एक्सपोर्ट वॉल्यूम साल दर साल आधार पर 13 फीसदी बढ़ा। अफ्रीकी देशों को वॉल्यूम 28 फीसदी बढ़ा, जबकि मैक्सिको के वॉल्यूम में 14 फीसदी इजाफा हुआ।

एवरेज सेलिंग प्राइस में इजाफा

Hyundai Motor India Ltd (HMIL) की एवरेज सेलिंग प्राइस (ASP) 0.7 फीसदी बढ़ी। इसमें अच्छे प्रोडक्ट मिक्स का हाथ है। लेकिन, एक्सपोर्ट के एएसपी में तिमाही दर तिमाही आधार पर गिरावट आई। जून तिमाही में एवरेज डिस्काउंट बढ़कर एएसपी के 3.4 फीसदी पर पहुंच गया। मार्च तिमाही में यह 2 फीसदी था। कंपनी ने कॉस्ट घटाने के लिए कई कदम उठाए हैं। लेकिन, ऐसा लगता है कि इससे मार्जिन पर दबाव में कमी नहीं आएगी। जून तिमाही में कंपनी के एबिड्टा मार्जिन में साल दर साल आधार पर 20 बेसिस प्वाइंट्स की गिरावट आई।


मार्जिन पर ज्यादा डिस्काउंट का असर 

ग्राहकों को ज्यादा डिस्काउंट और रॉ मैटेरियल की कीमतों में उछाल का असर कंपनी के एबिड्टा मार्जिन पर पड़ा। स्टील सहित कुछ दूसरे मेटल्स की कीमतों में उछाल देखने को मिला। इस वजह से एक्सपोर्ट में अच्छी ग्रोथ के बावजूद कंपनी मुनाफा बढ़ाने में असफल रही। जून तिमाही में इंडिया में पैसेंजर व्हीकल की डिमांड कमजोर रही। कंपनी के मैनेजमेंट का कहना है कि आगे भी डिमांड में सुस्ती बनी रह सकती है। उसके बाद डिमांड में रिकवरी आ सकती है। डिमांड पर बेहतर मानसून और फेस्टिव सीजन का पॉजिटिव असर पड़ने की उम्मीद है।

एक्सपोर्ट ग्रोथ अच्छी रहने की उम्मीद

एचएमआईएल का अनुमान है कि FY26 में एक्सपोर्ट की ग्रोथ 6-7 फीसदी रह सकती है। कंपनी घरेलू बाजार में चैलेंजेज को देखते हुए विदेशी बाजारों पर फोकस बढ़ा रही है। कंपनी 2030 तक कुल रेवेन्यू में एक्सपोर्ट की 30 फीसदी हिस्सेदारी चाहती है। FY25 में यह 22 फीसदी थी। इससे लंबी अवधि में ग्रोथ को सपोर्ट मिलेगा। साथ ही डायवर्सिफिकेशन भी बढ़ेगा। रूरल मार्केट में इम्प्रूवमेंट दिखा है। जून तिमाही में कुल सेल्स में रूरल मार्केट की हिस्सेदारी 22.6 फीसदी तक पहुंच गई।

कई नए मॉडल्स लॉन्च करने का प्लान

कंपनी के डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क का 47 फीसदी हिस्सा रूरल और 53 फीसदी हिस्सा अर्बन मार्केट में है। कपनी ने हर 10 नए आउटलेट में से 3 रूरल मार्केट में ओपन किए हैं। देश के करीब 75 फीसदी जिलों में कंपनी की मौजूदगी है। कंपनी ने 2030 तक 26 मॉडल्स लॉन्च करने का प्लान बनाया है। इसमें नए मॉडल्स, अपेडेट्स और प्रोडक्ट इनहैंसमेंट्स शामिल हैं। FY26 और FY27 में कंपनी 8 मॉडल्स लॉन्च करेगी। एसयूवी की डिमांड अच्छी बनी हुई है। कंपनी की कुल वॉल्यूम में एसयूवी की हिस्सेदारी 69 फीसदी है।

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क्या आपको निवेश करना चाहिए?

ह्यूंडई इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और आईसीई की लॉन्च से अपने पोर्टफोलियो को मजबूती देना चाहती है। इससे EBITDA को भी सपोर्ट मिलेगा। हायर लोकलाइजेशन का फायदा भी कंपनी को मिलेगा। यहर 2024 में 78 फीसदी से बढ़कर 82 फीसदी पहुंच गया है। अभी स्टॉक में FY27 की अनुमानित अर्निंग्स के 27 गुना पर ट्रेडिंग हो रही है। यह मारुति के 22.6 गुना के मुकाबले ज्यादा है। बीते 6 महीनों में यह शेयर करीब 9 फीसदी चढ़ा है।

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