IIFL Finance Shares: ब्रोकरेज ने 45% बढ़ाया टारगेट, फटाक से 6% उछल गए शेयर

IIFL Finance Shares: गोल्ड लोन बिजनेस पर नियामकीय प्रतिबंधों के चलते आईआईएफएल फाइनेंस का मार्च तिमाही का नतीजा कुछ खास नहीं रहा और मुनाफा 77 फीसदी गिर गया था। इसके बावजूद एचएसबीसी ने इसका टारगेट प्राइस 45 फीसदी बढ़ा दिया है जिसके चलते शेयर आज इंट्रा-डे में 6 फीसदी से अधिक उछल गए। जानिए ऐसा क्यों और चेक करें नया टारगेट प्राइस

अपडेटेड May 13, 2025 पर 5:06 PM
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मार्च तिमाही में IIFL Finance का शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर 77 फीसदी गिरकर ₹38 करोड़ पर आ गया।

IIFL Finance Shares: घरेलू मार्केट में आज मुनाफावसूली का दबाव दिखा। इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) और निफ्टी 50 (Nifty 50) 1-1 फीसदी से अधिक फिसलकर बंद हुए। वहीं दूसरी तरफ वैश्विक ब्रोकरेज फर्म एचएसबीसी ने आईआईएफएल फाइनेंस की रेटिंग अपग्रेड की और टारगेट प्राइस बढ़ाया तो शेयर इंट्रा-डे में आज 6 फीसदी से अधिक उछल गए। दिन के आखिरी में आज बीएसई पर यह 4.47 फीसदी की बढ़त के साथ 405.75 रुपये पर बंद हुए हैं। हालांकि इंट्रा-डे में यह 6.02 फीसदी उछलकर 411.80 रुपये के भाव पर पहुंच गया था।

IIFL Finance का टारगेट प्राइस क्यों बढ़ाया HSBC ने?

एचएसबीसी को कवर करने वाले सभी छह एनालिस्ट्स ने खरीदारी की रेटिंग दी है। एचएसबीसी ने इसकी रेटिंग को अपग्रेड कर खरीदारी की है और टारगेट प्राइस को ₹380 से बढ़ाकर ₹550 किया है। ब्रोकरेज को उम्मीद है कि माइक्रोफाइनेंस में सुधार, सिस्टम में अधिक लिक्विडिटी और कम फंडिंग लागत के कारण प्रति शेयर आय (EPS) में सुधार होगा। हालांकि एचएसबीसी ने कुछ रिस्क को लेकर सतर्क भी किया है जैसे कि गोल्ड लोन में बढ़ता कॉम्पटीशन, अनसिक्योर्ड लोन में कटौती के चलते यील्ड में गिरावट और बढ़ता खर्च। कंपनी की मौजूदा वित्तीय सेहत की बात करें तो मार्च तिमाही में इसका शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर 77 फीसदी गिरकर ₹38 करोड़ पर आ गया। इसके मुनाफे में यह गिरावट इसके गोल्ड लोन बिजनेस पर नियामकीय प्रतिबंधों के चलते आई। ब्याज से नेट इनकम 40% गिरकर ₹546.6 करोड़ पर आ गया। टोटल इनकम इस दौरान 36% गिरकर ₹546.5 करोड़ पर आ गया।


एक साल में कैसी रही शेयरों की चाल?

आईआईएफएल फाइनेंस के शेयर पिछले साल 20 सितंब 2024 को 560.50 रुपये पर थे जो इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड हाई लेवल है। शेयरों की यह तेजी यहीं थम गई और इस हाई लेवल से छह महीने में यह करीब 50 फीसदी फिसलकर 4 मार्च 2025 को 280.95 रुपये के भाव पर आ गया जो इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड निचला स्तर है। निचले स्तर पर शेयर संभले और खरीदारी के दम पर 44 फीसदी से अधिक रिकवर हुए लेकिन अब भी एक साल के हाई से यह करीब 28 फीसदी डाउनसाइड है।

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