Credit Cards

मार्च में आई जोरदार तेजी के दम पर भारत टॉप 10 ग्लोबल बाजारों में रहा सबसे आगे, अमेरिका को लगा झटका

वर्तमान में बाजार में लिस्टेड सभी कंपनियों का कुल मार्केटकैप लगभग 4.8 लाख करोड़ डॉलर है, जो फरवरी के अंत में लगभग 4.39 लाख करोड़ डॉलर था। इस अवधि में जर्मनी का मार्केट कैप 5.64 फीसदी बढ़कर 2.81 लाख करोड़ डॉलर से अधिक हो गया, जबकि जापान और हांगकांग ने 4.9 फीसदी और 4 फीसदी की बढ़त दर्ज की है

अपडेटेड Mar 24, 2025 पर 11:21 AM
Story continues below Advertisement
मार्च की शुरुआत से अब तक निफ्टी में 1,100 से ज्यादा और सेंसेक्स में 3,500 अंक से ज्यादा की तेजी आई है। वित्तीय वर्ष के अंत के करीब आने के साथ ही निवेशक जैसे को तैसा टैरिफ पर ट्रम्प के अगले कदम पर कड़ी नज़र बनाए हुए हैं

लगातार पांच महीनों की गिरावट के बाद,मार्च में अब तक भारत के मार्केट कैप में डॉलर के लिहाज से 9.4 फीसदी की जोरदार बढ़त देखने को मिली है। यह चार सालों में देखने को मिली सबसे बड़ी मंथली बढ़त है। इस तेजी के चलते भारत को दुनिया के दस सबसे बड़े इक्विटी बाजारों में सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाला देश बन गया है। एक्सचेंज पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान में बाजार में लिस्टेड सभी कंपनियों का कुल मार्केटकैप लगभग 4.8 लाख करोड़ डॉलर है, जो फरवरी के अंत में लगभग 4.39 लाख करोड़ डॉलर था। यह उछाल मई 2021 के बाद आई सबसे मजबूत बढ़त को दर्शाता है।

इस अवधि में जर्मनी का मार्केट कैप 5.64 फीसदी बढ़कर 2.81 लाख करोड़ डॉलर से अधिक हो गया, जबकि जापान और हांगकांग ने 4.9 फीसदी और 4 फीसदी की बढ़त दर्ज की है। फ्रांस में 2.7 फीसदी, चीन में 2.2 फीसदी, यूनाइटेड किंगडम में 2 फीसदी और कनाडा में 0.44 फीसदी की मामूली बढ़त देखने को मिली है।

अमेरिकी बाजार पिछड़े


इसके विपरीत, 59.13 लाख करोड़ डॉलर के वैल्यूएशन के साथ दुनिया के सबसे बड़ा इक्विटी बाजार संयुक्त राज्य अमेरिका में इसी अवधि के दौरान 3.7 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। सऊदी अरब में भी 4.4 फीसदी की गिरावट आई है।

मार्च में भारतीय इक्विटी बाजारों में जोरदार तेजी

मार्च में भारतीय इक्विटी बाजारों में जोरदार तेजी देखने को मिली है। बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी में 5-5 फीसदी की तेजी आई है। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप जैसे ब्रॉडर इंडेक्सों ने और भी बेहतर प्रदर्शन किया है। इनमें 8.4 फीसदी और 9.8 फीसदी की तेजी देखने को मिली है।

वैल्यू बॉइंग और ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों से बाजार को मिला सपोर्ट

यह तेजी मुख्य रूप से वैल्यू बॉइंग और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों के कारण आई है। निवेशक अमेरिकी फेडरल रिजर्व के रुख से भी उत्साहित हैं,जिसने ब्याज दरों में 2025 में दो बार कटौती का संकेत दिया है।

हाल ही में आए रिटेल महंगाई के आंकड़े उम्मीद से भी बेहतर रहे हैं। ये आरबीआई के 4 फीसदी के मध्यम अवधि लक्ष्य से नीचे रहे हैं। इसके चलते आरबीआई की आगामी अप्रैल मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें बढ़ गई हैं।

मार्केट एक्सपर्ट्स का यह भी मानना है कि बैंकिंग सिस्टम में नकदी की कमी को दूर करने के लिए हाल ही में की गई पहलों से भी बाजार को सपोर्ट मिला है। आरबीआई आगे भी ये कोशिश जारी रख सकता है। 2024 के अंत से अब तक आरबीआई ने सिस्टम में वैरिएबल रेट रेपो(VRR) ऑक्शन, स्वैप और ओपन मार्केट ऑपरेशन (OMOs) के जरिए लगभग 3 लाख करोड़ रुपये की टिकाऊ नकदी डाली है।

Trading Strategy: क्या निफ्टी 23500 के पार टिकने में रहेगा कामयाब, बैंक निफ्टी छू सकता है 51500 का स्तर?

चौथी तिमाही के नतीजे बेहतर रहने पर आगे और भी उछाल संभव

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के गौरांग शाह ने कहा कि मार्च की शुरुआत से अब तक निफ्टी में 1,100 से ज्यादा और सेंसेक्स में 3,500 अंक से ज्यादा की तेजी आई है। वित्तीय वर्ष के अंत के करीब आने के साथ ही निवेशक जैसे को तैसा टैरिफ पर ट्रम्प के अगले कदम पर कड़ी नज़र बनाए हुए हैं। इस तेजी के बाद मामूली करेक्शन संभव है। शॉर्ट टर्म ट्रेडरों के लिए, मुनाफ़ा बुक करना सही रणनीतीति हो सकता है। जबकि लॉन्ग टर्म निवेशकों को निवेशित बने रहना चाहिए। अगर चौथी तिमाही के नतीजे बेहतर रहने पर आगे और भी उछाल संभव है।

 

डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।