'अभी नहीं खरीदें IndiGo के शेयर', इस एनालिस्ट ने दी चेतावनी, एक महीने में 20% टूट चुका है भाव
Indigo Share Price: इंडिगो की पैरेंट कंपनी इंटरग्लोबल एविएशन के शेयरों में आई हालिया गिरावट के बावजूद अभी भी कई एक्सपर्ट इससे दूर रहने की सलाह दे रहे हैं। रेमंड जेम्स इन्वेस्टमेंट के चीफ मार्केट स्ट्रैटेजिस्ट मैट ऑर्टन का कहना है कि शेयर में करीब 20% की गिरावट के बाद भी एयरलाइन “खतरे से पूरी तरह बाहर नहीं आई है” और इस समय इसमें खरीदारी करना जल्दबाजी हो सकती है
Indigo Share Price: हालिया बिकवाली में कंपनी का मार्केट कैप करीब 5 अरब डॉलर तक घट चुका है
Indigo Share Price: इंडिगो की पैरेंट कंपनी इंटरग्लोबल एविएशन के शेयरों में आई हालिया गिरावट के बावजूद अभी भी कई एक्सपर्ट इससे दूर रहने की सलाह दे रहे हैं। रेमंड जेम्स इन्वेस्टमेंट के चीफ मार्केट स्ट्रैटेजिस्ट मैट ऑर्टन का कहना है कि शेयर में करीब 20% की गिरावट के बाद भी एयरलाइन “खतरे से पूरी तरह बाहर नहीं आई है” और इस समय इसमें खरीदारी करना जल्दबाजी हो सकती है।
इंटरग्लोब एविएशन के शेयर पिछले एक महीने में 16.3% से ज्यादा टूट चुके हैं। यह गिरावट तब आई जब दिसंबर के पहले हफ्ते में जब इंडिगो की सैकड़ों की संख्या में फ्लाइट्स अचानक रद्द हो गई। इससे हजारों यात्री फंस गए और देश के कई एयरपोर्ट्स पर अफरा-तफरी की स्थिति मच गई।
ऑर्टन मानते हैं कि इंडिगो भले ही एक “लीन ऑपरेशन” चलाती हो, लेकिन कंपनी पर नियामकीय जोखिम अभी भी काफी ज्यादा है। उनके शब्दों में, “जब तक यह साफ नहीं हो जाता कि रेगुलेशन किस दिशा में जाएगा, तब तक मैं गिरावट पर खरीदारी नहीं करूंगा।”
फ्लाइट्स के बड़े पैमाने पर रद्द होने के बाद इंडिगो पर मिस-मैनेजमेंटन से लेकर नियमों को प्रभावित करने की कथित कोशिशों तक के आरोप लगे हैं। खबर है कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) इस बात की जांच कर रहा है कि क्या एयरलाइन ने किसी नियम का उल्लंघन किया है। कंपनी की 60% से ज्यादा मार्केट शेयर को भी इस पूरे घटनाक्रम में एक अहम कारण माना जा रहा है।
एयरलाइन के अपने आंकड़ों से यह भी सामने आया है कि जिस समय पायलटों की संख्या बढ़ाने की जरूरत थी, उस दौरान कंपनी ने पायलट पूल को घटाया। यात्रियों के गुस्से और सरकारी दबाव के बीच इंडिगो ने प्रभावित यात्रियों को 10,000 रुपये के ट्रैवल वाउचर देने की पेशकश की है। इसके अलावा सरकार के नियमों के तहत फ्लाइट के ब्लॉक टाइम के आधार पर 5,000 से 10,000 रुपये तक का मुआवजा भी देना होगा। इन सबका कुल अनुमानित वित्तीय बोझ करीब 500 करोड़ रुपये बताया जा रहा है।
शेयर बाजार में इस घटना का असर साफ दिखा है। हालिया बिकवाली में कंपनी का मार्केट कैप करीब 5 अरब डॉलर तक घट चुका है। फिलहाल इंडिगो का मार्केट कैपिटलाइजेशन करीब 1.9 लाख करोड़ रुपये पर आ गया है।
बाकी एनालिस्ट्स की क्या है राय?
हालांकि ऑर्टन की यह राय कई दूसरे ब्रोकरेज फर्मों की राय से अलग है। UBS ने शुक्रवार को इंडिगो के शेयर पर ‘खरीदें (Buy)’ की रेटिंग दी है और ऐसा टारगेट प्राइस रखा है और इसके शेयर में मौजूदा स्तर से 31% तक ऊपर जाने का अनुमान जताया है। कुल 26 एनालिस्ट्स में से 21 अब भी इस स्टॉक पर ‘Buy’ की सलाह दी हुई है और इनका अगले 12 महीनों के लिए औसत टारगेट प्राइस 6,002 रुपये है। इनवेस्टेक इस सूची में इकलौती ब्रोकरेज फर्म है, जिसने इंडिगो पर ‘Sell’ की रेटिंग दी हुई है और उसका टारगेट प्राइस 4,050 रुपये है।
कंपनी का कहना है कि बीते 10 दिनों में उसके ऑपरेशंस में काफी सुधार हुआ है। एयरलाइन के ताजा आंकड़ों के मुताबिक शनिवार को इंडिगो ने 138 डेस्टिनेशन पर 2,050 से ज्यादा उड़ानें चलाई। इनमें से केवल दो उड़ानें तकनीकी कारणों से रद्द हुईं।
इसके बावजूद, वित्तीय मोर्चे पर दबाव बना हुआ है। कंपनी ने दिसंबर 2025 में खत्म होने वाली तीसरी तिमाही के लिए अपनी गाइडेंस पहले ही घटा दी है और अब बाजार की नजर चौथी तिमाही के गाइडेंस पर टिकी है। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के मुताबिक, ब्रोकरेज फर्म अब वित्त वर्ष 2026 में कंपनी का औसत स्टैंडअलोन अर्निंग प्रति शेयर (EPS) 161.42 रुपये रहने का अनुमान लगा रहे थे, जो दिसंबर तिमाही की शुरुआत में 231 रुपये था। FY27 के लिए अनुमान भी 14% घटाकर 226.80 रुपये प्रति शेयर कर दिए गए हैं।
इंटरग्लोब एविएशन ने हालिया सितंबर तिमाही में 18,555 करोड़ रुपये के रेवेन्यू पर 2,614 करोड़ रुपये का नेट लॉस दर्ज किया था। उस तिमाही में कंपनी का अर्निंग प्रति शेयर (EPS) 67.6 रुपये रहा था।
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