IndusInd Bank shares : संकटग्रस्त प्राइवेट बैंक इंडसइंड बैंक के शेयरों में मंगलवार, 29 अप्रैल को बढ़त देखने को मिली है। बैंक के डिप्टी सीईओ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बैंक के डेरिवेटिव पोर्टफोलियो की जांच में पाई गई गड़बड़ी के बाद डिप्टी सीईओ अरुण खुराना ने इस्तीफा दिया है। इस्तीफे की इस खबर के बाद इंडसइंड बैंक के शेयरों में 2 फीसदी की तेजी नजर आ रही है।
अरुण खुराना ने अपने इस्तीफा पत्र में लिखा,"हाल ही में बैंक में कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुई हैं। इसमें बैंक ने आंतरिक डेरिवेटिव ट्रेड्स की गलत अकाउंटिंग के चलते लाभ-हानि खाते (P&L) पर प्रतिकूल प्रभाव को स्वीकार किया है। चूंकि मैं ट्रेजरी फ्रंट ऑफिस फंक्शन का पर्यवेक्षण कर रहा था। साथ ही पूरे समय निदेशक, डिप्टी सीईओ और बैंक के वरिष्ठ प्रबंधन का हिस्सा था, इसलिए मैं तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे रहा हूं।"
अरुण खुराना ने आगे लिखा कि वे अपनी जिम्मेदारियों को सुचारू रूप से सौंपने में मदद करेंगे ताकि तबादले की प्रक्रिया आसान हो सके।
यह इस्तीफा इंडसइंड बैंक के बोर्ड द्वारा की गई उस घोषणा के बाद आया है जिसमें कहा गया था कि वे एकाउंटिंग चूकों के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों की जवाबदेही तय करने और सीनियर मैनेजमेंट की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को फिर से समायोजित करने के लिए 'आवश्यक कदम' उठा रहे हैं। यह कदम एक बाहरी एजेंसी द्वारा 26 अप्रैल, 2025 को बैंक को अपनी रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद उठाया गया है।
इससे पहले इंडसइंड बैंक ने कहा था कि डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में अकाउंटिंग चूक से बैंक की नेटवर्थ पर 1,979 करोड़ रुपये का निगेटिव असर पड़ेगा। डेरिवेटिव ट्रेड से जुड़ी गड़बड़ियों के कारण बैंक ने दिसंबर 2024 तक अपनी नेटवर्थ पर 2.27 फीसदी के निगेटिव असर (कर-बाद आधार पर) का अंदाजा लगाया है।
इंडसइंड बैंक ने पिछले महीने डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में एकाउंटिंग खामियों की सूचना दी थी, जिसका दिसंबर 2024 तक बैंक के कुल नेट वर्थ पर लगभग 2.35 फीसदी निगेटिव असर पड़ने का अनुमान है।