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Goldman Sachs को पछाड़ देगा HDFC Bank? अब बस इतना ही है फर्क

HDFC Bank vs Goldman Sachs: भारत में प्राइवेट सेक्टर का सबसे बड़े लेंडर एचडीएफसी बैंक इतना बड़ा हो चुका है कि अब अमेरिका के वैश्विक निवेश बैंक और फाइनेंशियल सर्विसेज गोल्डमैन सैक्स की गद्दी खतरे में पड़ गई है। एचडीएफसी बैंक और गोल्डमैन के मार्केट कैप के बीच अब अधिक गैप नहीं रह गया है। जानिए दोनों की मौजूदा स्थिति

अपडेटेड Apr 29, 2025 पर 9:53 AM
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HDFC Bank vs Goldman Sachs: घरेलू मार्केट में लिस्टेड एचडीएफसी बैंक का मार्केट कैप 14.69 लाख करोड़ रुपये (17628 करोड़ डॉलर) पर पहुंच चुका है। यह कैलकुलेशन 28 अप्रैल के मार्केट क्लोजिंग के हिसाब से है। वहीं गोल्डमैन का मार्केट कैप 14.93 लाख करोड़ रुपये (17916 करोड़ डॉलर) है।

HDFC Bank vs Goldman Sachs: घरेलू मार्केट में लिस्टेड एचडीएफसी बैंक का मार्केट कैप 14.69 लाख करोड़ रुपये (17628 करोड़ डॉलर) पर पहुंच चुका है। यह कैलकुलेशन 28 अप्रैल के मार्केट क्लोजिंग के हिसाब से है। इस बढ़त के साथ अब यह गोल्डमैन सैक्स के काफी करीब पहुंच चुका है। गोल्डमैन का मार्केट कैप 14.93 लाख करोड़ रुपये (17916 करोड़ डॉलर) है। एचडीएफसी बैंक का शेयर फिलहाल 2 हजार रुपये की तरफ बढ़ रहा है और ऐसे में गोल्डमैन के साथ मार्केट कैप के गैप के और कम होने या एचडीएफसी बैंक के आगे निकलने के भी आसार हैं।

HDFC Bank vs Goldman Sachs: क्या तुलना की जा सकती है?

एचडीएफसी बैंक जल्द ही गोल्डमैन को पछाड़ सकता है लेकिन ध्यान दें कि आम की तुलना आम से ही हो सकती है, अंगूर से नहीं। ऐसे ही एचडीएफसी बैंक की तुलना गोल्डमैन से नहीं हो सकती है। इसकी वजह ये है कि गोल्डमैन ट्रेडिशनल डिपॉजिट बेस या रिटेल लेंडिंग पर निर्भर नहीं करता। ऐसे में सवाल उठ सकता है कि फिर ये तुलना क्यों? इसकी वजह ये है कि मार्केट कैप में इतना नजदीक आना यह संकेत देता है कि एचडीएफसी बैंक दुनिया के वित्तीय दिग्गजों से भिड़ने में सक्षम है, वह भी ऐसे माहौल में जब यह डिपॉजिट पर दबाव और दरों में कटौती की चुनौतियां हैं।


आखिर क्यों चढ़ रहे एचडीएफसी बैंक के शेयर?

आईआईएफएल फाइनेंस की रिपोर्ट के मुताबिक मजबूत तिमाही नतीजे, रणनीतिक बैलेंस शीट मैनेजेमेंट और पॉजिटिव मार्केट सेंटिमेंट में शेयर नई ऊंचाई पर पहुंच गए। 23 अप्रैल 2025 को यह ₹1,977.95 के रिकॉर्ड हाई पर था जबकि पिछले साल 13 मई 2024 को यह एक साल के निचले स्तर ₹1,430.15 पर था। नुवामा वेल्थ एंड इंवेस्टमेंट की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2023 में एचडीएफसी बैंक के विलय के चलते डिपॉजिट से जुड़ी जो चुनौतियां आई थी, उसे दूर करने पर एचडीएफसी बैंक के फोकस ने शेयरों में चाबी भरी।

नुवामा की रिपोर्ट के मुताबिक विलय के चलते बैंक का लोन पोर्टफोलियो तेजी से बढ़ गया लेकिन इसकी तुलना में डिपॉजिट बेस बहुत कम रह गया। इससे मार्च 2024 में लोन-टू-डिपॉजिट रेश्यो (एलडीआर) 104 फीसदी रह गया था। हालांकि फिर बैंक ने डिपॉजिट को प्राथमिकता दी जिससे मार्च 2025 में एलडीआर घटकर 96.5 फीसदी पर आ गया। बैंक के सीएफओ श्रीनिवासन वैद्यनाथन का कहना है कि मैनेजमेंट को इसके वित्त वर्ष 2027 तक विलय के पहले के स्तर 85-90 फीसदी तक आने की उम्मीद है।

नुवामा की रिपोर्ट के मुताबिक सिस्टमैटिक लिक्विडिटी में सुधार और रेपो रेट में कटौती ने बैंक को अच्छा मौका दिया। इससे नेट इंटेरेस्ट मार्जिन को स्थिर रखने में मदद मिली और इसके वित्त वर्ष 2027 तक 3.5-3.6 फीसदी तक पहुंचने का अनुमान है। इसकी वजह ये है कि ऊंची लागत वाली कर्ज समाप्त हो रही है और लोन मिक्स अब हाई यील्ड वाले रिटेल एसेट्स की तरफ शिफ्ट हो रहा है। रिपोर्ट में बैंक का डिपॉजिट वित्त वर्ष 2025 से वित्त वर्ष 2027 में सालाना 15 फीसदी की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़ने का अनुमान है। गोल्डमैन ने हाल ही में इसकी कवरेज शुरू की है और खरीदारी की रेटिंग दी है। गोल्डमैन का कहना है कि जल्द ही यह ₹2000 के लेवल को पार कर सकता है।

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