फायदेमंद फंड में आज बात हो रही है फोकस फंड में निवेश के बारे में। यहां हम ये जानने की कोशिश करेंगे की फोकस फंड में निवेश के फायदे क्या है, फोकस फंड कैसे निवेशकों के लिए अच्छा होता है। इसके साथ ही हम आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड (ICICI Prudential Mutual Fund) के फंड मैनेजर वैभव दुसाद (Vaibhav Dusad) से ये जानने की कोशिश करेंगे कि ICICI प्रू फोकस्ड इक्विटी फंड कैसा है और इसकी वेल्थ क्रिएशन की रणनीति क्या है।
वैभव दुसाद ने बताया कि ICICI प्रू फोकस्ड इक्विटी फंड की असेट अंडर मैनेजमेंट 9,745 करोड़ रुपए हैं। यह एक ओपन एंडेड फंड है जो 28 मई 2009 को खुला था। यह एक तरह का कंसंट्रेटेड फंड होता है। इसमें अधिकतम 25-30 स्टॉक में निवेश किया जाता है। इसमें चुनिंदा स्टॉक्स में निवेश का विकल्प होता है। फोकस फंड में स्टॉक सेलेक्शन के लिए हर सेक्टर से 1 स्टॉक की खरीदारी होती है। हर सेक्टर से 3-4 स्टॉक नहीं खरीदते। बैंकिंग सेक्टर से ज्यादा स्टॉक सेलेक्शन होता है। इसमें ज्यादा मुनाफे वाले स्टॉक्स पर नजर रहती है।
वैभव दुसाद ने आगे कहा कि फोकस फंड में मार्केट कैप पर कोई बाध्यता नहीं होती। इसमें किसी भी स्टॉक की खरीदारी कर सकते हैं। पिछले 2 साल से लार्ज और मिडकैप में ज्यादा निवेश किया जा रहा है। स्मॉल कैप को शामिल नहीं किया गया। स्मॉल कैप में पॉजिटिव सरप्राइज और वैल्यूएशन कंफर्ट की कमी है। फंड में लार्ज और लार्ज-मिडकैप ज्यादा हैं। लार्ज कैप और लार्ज मिडकैप से फंड में स्थिरता है।
फंड में लार्ज कैप, लार्ज मिडकैप की संख्या ज्यादा है। 4 साल पहले स्मॉलकैप में निवेश करते थे। लेकिन अब स्मॉलकैप में वैल्यूएशन और रिस्क ज्यादा है। इसमें स्टॉक सेलेक्शन के लिए स्टॉक के रिलेटिव वैल्यू की समीक्षा की जाती है। एब्सल्यूट से ज्यादा रिलेटिव वैल्यू पर फोकस होता है। क्वालिटी, ग्रोथ रेट, वैल्यूएशन जैसे पहलू पर भी नजर रहती है। कंपनी में क्राइसिस से स्टॉक वैल्यूएशन बढ़ती है। वैल्यूएशन बढ़ने पर स्टॉक का चुनाव करते हैं।
फंड में विदेशी स्टॉक्स की हिस्सेदारी
फोकस फंड में US बेस्ड फंड को जगह नहीं है। फंड में US फंड शामिल किए जा सकते हैं। इस फंड में सलेक्टेड स्टॉक्स में निवेश है। फंड पर रिटर्न ज्यादा है। लेकिन रिस्क भी ज्यादा है। इस फंड में बैंकिंग सेक्टर का वेटेज कम है। वहीं, इंश्योरेंस और NBFC की हिस्सेदारी ज्यादा है।
मल्टी कैप फंड vs फोकस फंड
मल्टी कैप फंड में ज्यादा सहूलियत होती है। मल्टी कैप फंड में स्टॉक की बाध्यता नहीं होती। वहीं, फोकस फंड में स्टॉक्स के सीमित विकल्प होते हैं। फोकस फंड में फंड मैनेजर को ज्यादा सहूलियत होती है। मल्टी कैप फंड में स्मॉल कैप से आसान एग्जिट की सुविधा होती है।