IPO market : Citi India के CEO बालासुब्रमण्यन को अगले 2 महीनों में 15 अरब डॉलर के IPO आने की उम्मीद

IPO market : बालासुब्रमण्यम ने मनीकंट्रोल से हुए बातचीत में कहा कि बाजार में आने के लिए कंपनियों की पाइपलाइन काफी मजबूत है और 2026 की शुरुआत तक इसमें मजबूत बढ़त हो सकती है। उनका मानना है कि बाजार में अगले 2 महीनों में 15 अरब डॉलर के IPO आ सकते हैं

अपडेटेड Oct 28, 2025 पर 2:32 PM
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बालासुब्रमण्यन ने कहा कि रिटेल सेक्टर से बाहर निकलने के बाद बैंक का फोकस अपने मौजूदा कारोबार को ही और मज़बूत करने पर है

भारत में Citi के लिए निवेश बैंकिंग और डील मेकिंग हमेशा से एक अहम कारोबार रहा है। भारत में कंपनी के सीईओ और बैंकिंग हेड, के. बालासुब्रमण्यन ने कहा कि 2025 उम्मीदों से भी बेहतर रहा है और उन्हें उम्मीद है कि इसका अंत भी शानदार रहेगा। उन्होंने कहा कि 2024 आईपीओ बाजार के लिहाज से एक शानदार साल रहा था। उन्होंने उम्मीद जताई कि 2025 भी इसी तरह का साल साबित होगा। साल 2025 ने कई निवेश बैंकरों को अचंभित कर दिया है,जिनमें के. बालासुब्रमण्यन भी शामिल हैं।

मनीकंट्रोल से हुई बातचीत में उन्होंने कहा कि इस साल हमें डिमांड और सप्लाई का एक बेहतरीन मेल देखने को मिला है। अभी से 15 दिसंबर के बीच,अगर बाजार में पॉजिटिल रुझान बना रहता है,तो हमें बाजार से 10-15 अरब डॉलर की और पूंजी जुटती नजर आ सकती है।

Citi इस महीने की शुरुआत में हुई दो बड़ी लिस्टिंग, टाटा कैपिटल और एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स में सबसे आगे रही थी। सिटी के पास लिस्टिंग की एक लंबी कतार है जो 2026 की पहली छमाही तक भी जारी रह सकती है। उन्होंने कहा, "मैं इससे बेहतर कुछ नहीं मांग सकता।"


FIIs की वापसी

विदेशी संस्थागत निवेशकों की धीरे-धीरे हो रही वापसी भी शुकून दे रही है। उन्होंने कहा अक्टूबर की शुरुआत से ही फाइनेंशियल और विदेशी संस्थागत निवेशकों की बाज़ार में वापसी के साथ हमें मार्केट में अच्छा एक्शन देखने को मिल रहा है। इसके चलते पिछले 12 महीनों में पहली बार निफ्टी 25,700 अंक तक पहुंच गया है।

हाल में आए कुछ आईपीओ के वैल्यूएशन और मल्टिपल्स के बारे में पूछे जाने पर, बालासुब्रमण्यन ने कहा कि जब तक ग्रोथ अच्छी बनी रहेगी इनके वैल्यूशन के पीछे के फंडामेंटल तर्क भी सही बने रहेंगे।

BFSI सेक्टर में तेजी

आईपीओ के अलावा, सिटी इस साल फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर के कुछ बड़े सौदों से भी जुड़ी रही है। चाहे वह यस बैंक-सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन (एसएमबीसी) सौदा हो या भारतीय स्टेट बैंक का 25,000 करोड़ रुपये का क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (किसी बैंक द्वारा जारी किया गया सबसे बड़ा इश्यू), या हाल ही में संपन्न आईएचसी-सम्मान कैपिटल प्रेफरेंशियल इश्यू, हर बड़े सौदे में सिटी की भागीदारी रही। बालासुब्रमण्यन ने कहा, "फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर लगातार काफी एक्टिव बना हुआ है।"

मौजूदा कारोबार को और मज़बूत करने पर फोकस

क्या सिटी तेज़ी से बढ़ते फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर से फायदा उठाने के लिए "अधिग्रहण" की रणनीति अपनाएगा? इसके जवाब में बालासुब्रमण्यन ने कहा कि रिटेल सेक्टर से बाहर निकलने के बाद बैंक का फोकस अपने मौजूदा कारोबार को ही और मज़बूत करने पर है।

उन्होंने कहा, "हम हर क्षेत्र में बाज़ार हिस्सेदारी के लिहाज़ से बहुत अच्छी स्थिति में हैं। इस समय भारत में, हम अपने मौजूदा कारोबार को और मज़बूत करने के लिए वर्टिकल विस्तार पर विचार कर रहे हैं और देख रहे हैं कि हम बाज़ार में और ज़्यादा हिस्सेदारी कैसे हासिल कर सकते हैं।"

 

 

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