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ITC Hotel Demerger : डेरिवेटिव एनालिस्ट्स का आईटीसी के स्टॉक के बारे में क्या नजरिया है?

आईटीसी इंडिया में तेजी से बढ़ती हॉस्पिटलिटी इंडस्ट्री में अपनी पैठ बढ़ाने के लिए होटल बिजनेस के लिए अलग कंपनी बनाना चाहती है। इससे होटल बिजनेस पर ज्यादा फोकस करने का मौका मिलेगा। हालांकि, मार्केट को कंपनी का यह फैसला पसंद नहीं आया। 24 जुलाई को भी आईटीसी के शेयर में 4 फीसदी गिरावट आई थी। 25 जुलाई को भी शेयरों पर दबाव दिखा

अपडेटेड Jul 25, 2023 पर 2:49 PM
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दोपहर 2:15 बजे शेयर का प्राइस 1.33 फीसदी गिरकर 465.20 रुपये था।

ITC के शेयरों में 25 जुलाई को गिरावट आई। दोपहर 2:15 बजे शेयर का प्राइस 1.33 फीसदी गिरकर 465.20 रुपये था। कंपनी के अपने होटल बिजनेस को अलग करने का प्लान मार्केट को पसंद नहीं आया। इसी वजह से मंगलवार को शेयरों पर दबाव दिखा। आईटीसी ने 24 जुलाई को अपने होटल बिजनेस को अलग करने का ऐलान किया था। हालांकि, इसकी उम्मीद पहले से की जा रही थी। अलग होने के बाद होटल बिजनेस में आईटीसी की हिस्सेदारी 40 फीसदी होगी। बाकी हिस्सेदारी ITC के शेयरधारकों को बांट दी जाएगी। यह हिस्सेदारी आईटीसी में उनकी हिस्सेदारी पर निर्भर करेगी।

बीते हफ्ते देश की सातवीं सबसे बड़ी कंपनी बनी थी

आईटीसी इंडिया में तेजी से बढ़ती हॉस्पिटलिटी इंडस्ट्री में अपनी पैठ बढ़ाने के लिए होटल बिजनेस के लिए अलग कंपनी बनाना चाहती है। इससे होटल बिजनेस पर ज्यादा फोकस करने का मौका मिलेगा। हालांकि, मार्केट को कंपनी का यह फैसला पसंद नहीं आया। सोमवार को भी आईटीसी के शेयर में 4 फीसदी गिरावट आई थी। आईटीसी ने पिछले हफ्ते एक बड़ी उपलब्धि हासिल की थी। पहली बार इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन 6 लाख करोड़ के पार हो गया था। इससे यह देश की सातवीं सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनी बन गई थी। इस साल कंपनी के शेयर 48 फीसदी चढ़ चुके हैं।


अगले रेसिस्टेंस लेवल को पार करने में आएगी दिक्कत

डेरिवेटिव एनालिस्ट राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि मार्केट पार्टिसिपेंट्स को होटल बिजनेस के अलग होने का अनुमान था। आईटीसी ने होटल बिजनेस में 40 फीसदी हिस्सेदारी रखने का फैसला किया है, जो मार्केट को पसंद नहीं आया है। डेरिवेटिव के नजरिए से देखें तो आईटीसी के शेयर के लिए करीब 500 रुपये पर रेसिस्टेंस दिख रहा है। इस हफ्ते होने वाली मंथली एक्सपायरी में शेयरों के इस लेवल को पार करने की उम्मीद नहीं है। इसलिए आगे इसमें कमजोर ट्रेड रह सकता है। जून तिमाही के नतीजों से पहले बेयर स्प्रेड स्ट्रेटेजी का इस्तेमाल करना सही रहेगा।

बाय ऑन डिप स्ट्रेटेजी के इस्तेमाल की सलाह

5Paisa.com के ट्रेडिंग स्ट्रेटेजिस्ट रुचित जैन ने कहा कि आईटीसी के लिए ओवरऑल ट्रेंड पॉजिटिव है। हालांकि, 500 रुपये के लेवल पर इसे रेसिस्टेंस का सामना करना पड़ा है। इसकी वजह ज्यादा ओपन इंटरेस्ट और 500 के प्राइस पर कॉल राइटिंग है। 500 रुपेय का लेवल रेसिस्टेंस की तरह काम करता रहेगा। गिरावट में 450-455 पर इस स्टॉक को सपोर्ट मिलेगा। शॉर्ट टर्म में इस स्टॉक में करेक्शन दिख सकता है। उन्होंने कहा कि इनवेस्टर्स को 'बाय ऑन डिप स्ट्रेटेजी' का इस्तेमाल करनी चाहिए। 450 रुपये के सपोर्ट लेवल पर इसमें खरीदारी के मौके होंगे। 450 रुपये पर सबसे ज्यादा ओपन इंटरेस्ट है, जिससे पता चलता है कि इस स्टॉक का ओवरऑल ट्रेंड पॉजिटिव बना हुआ है।

पहली तिमाही के नतीजों पर नजर

इनवेस्टर्स और ट्रेडर्स की नजरें आईटीसी की पहली तिमाही के रिजल्ट पर लगी हैं। आने वाले समय में आईटीसी के शेयरों की चाल को लेकर दोनों एनालिस्ट्स के बीच एक राय नहीं है। बेयर स्प्रेड एक ऑप्शंस स्ट्रेटेजी है। इसका इस्तेमाल तब किया जाता है जब किसी स्टॉक को लेकर नजरिया बेयरिश होता है। इसमें लॉस को कम रखते हुए ज्यादा प्रॉफिट कमाने की कोशिश होती है।

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