रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) ने 20 जुलाई को शेयरधारकों को बताया है कि डीमर्जर के बाद RIL के शेयर की एक्विजिशन कॉस्ट 95.32 फीसदी है और RSIL के शेयर का 4.68 फीसदी है। कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंजों को बताया है, "आपको कंपनी में डीमर्जर से पहले इक्विटी शेयरों की एक्विजिशन कास्ट इस तरह से निकालनी चाहिए।" RSIL का मतलब रिलायंस स्ट्रेटेजिक इनवेस्टमेंट्स लिमिटेड है। यह बिजनेस 20 जुलाई को RIL से अलग होने जा रहा है। इसका नाम बदलकर अब जियो फाइनेंशियल सर्विसेज (JFS) हो जाएगा। बाद में इसकी लिस्टिंग स्टॉक एक्सचेंजों पर कराई जाएगी।
RIL के शेयरों के 19 जुलाई के 2853 रुपये के क्लोजिंग प्राइस पर डीमर्ज्ड एंटिटी की इंप्लॉयड वैल्यू 2,707 रुपये है और RSIL की 133 रुपये है। कंपनी ने कहा है कि यह कम्युनिकेशन शेयरधारकों के बेनेफिट के लिए दी जा रही है। स्कीम ऑफ अरैंजमेंट के मुताबिक, RIL के शेयरधारकों को हर एक शेयर पर Reliance Strategic Investment का एक शेयर मिलेगा।
NSE में सुबह 9 से 10 बजे एक स्पेशन प्री-ओपन सेशन का आयोजन किया गया। इसका मकसद RIL और उससे अलग होने वाली कंपनियों के शेयरों की प्राइस डिस्कवरी है। लेकिन, इनवेस्टर्स को यह बात ध्यान में रखना चाहिए कि अलग होने वाली कंपनी के शेयरों में अभी ट्रेडिंग नहीं होगी। यह निफ्टी 50 में कॉन्सटैंट प्राइस पर बना रहेगा। ऐसा तब तक होगा जब तक इसकी लिस्टिंग बाद में हो नहीं जाती है। लिस्टिंग के तीन दिन बाद इसे निफ्टी 50 से हटा दिया जाएगा।
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