LIC के शेयरों में निवेश करने वालों के लिए अच्छी खबर है। पिछले एक हफ्ते में यह शेयर करीब 8 फीसदी चढ़ चुका है। बुधवार (6 जुलाई) को भी इस शेयर में मार्केट खुलने पर तेजी देखने को मिली। इसके बाद इस शेयर के बारे में ब्रोकरेज फर्मों की राय भी बदल रही है।
LIC के शेयरों में निवेश करने वालों के लिए अच्छी खबर है। पिछले एक हफ्ते में यह शेयर करीब 8 फीसदी चढ़ चुका है। बुधवार (6 जुलाई) को भी इस शेयर में मार्केट खुलने पर तेजी देखने को मिली। इसके बाद इस शेयर के बारे में ब्रोकरेज फर्मों की राय भी बदल रही है।
ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने LIC के शेयरों को खरीदने की सलाह दी है। उसने इस शेयर के लिए 830 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है। यह LIC के शेयरों से मायूस हो चुके निवेशकों के लिए अच्छी खबर है। मोतीलाल ओसवाल के टारगेट प्राइस का मतलब है कि इस शेयर में 20 फीसदी की तेजी आएगी।
मोतीलाल ओसवाल ने कहा है कि एलआईसी की एनुइटी सेगमेंट में सबसे ज्यादा बाजार हिस्सेदारी है। फाइनेंशियल ईयर 2020-21 में यह 77 फीसदी थी। इसकी वजह यह है कि ग्रुप बिजनेस में कंपनी की मजबूत पैठ है। हालांकि, प्राइवेट लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां भी इस बिजनेस में अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने की कोशिश कर रही हैं।
बुधवार को शुरुआती कारोबा में LIC के शेयरों में तेजी देखने को मिली। 9:25 बजे यह शेयर 1.05 फीसदी की तेजी के साथ 710 रुपये पर चल रहा था। शेयर बाजार में तेजी का असर भी LIC के शेयरों पर दिखा। सेंसेक्स करीब 0.66 फीसदी यानी 359 अंक की तेजी के साथ 53,502 अंक पर था।
इस बीच, LIC ने शेयरधारकों को डिविडेंड पेमेंट के लिए रिकॉर्ड डेट तय कर दी है। कंपनी ने इस बारे में स्टॉक एक्सचेंजों को बताया है। उसने कहा है कि डिविडेंड पेमेंट के लिए रिकॉर्ड डेट 26 अगस्त होगी। कंपनी की पहली एनुअल जनरल मीटिंग (AGM) 27 सितंबर को होगी।
LIC का आईपीओ 3 मई को आया था। कंपनी ने आईपीओ में इनवेस्टर्स को 949 रुपये प्रति शेयर के भाव पर शेयर दिए थे। लेकिन, 17 मई को शेयरों की लिस्टिंग बहुत कमजोर रही। उसके बाद से शेयरों में लगातार गिरावट देखी गई। एक समय तो इसका प्राइस लिस्टिंग प्राइस के मुकाबले 32 फीसदी तक गिर गया था।
सरकार ने इस कंपनी में अपनी 3.5 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर 21,000 करोड़ रुपये हासिल किए थे। एंकर इनवेस्टर्स ने एलआईसी के 5.93 करोड़ शेयर खरीदे थे। कंपनी ने 949 रुपये पर इनवेस्टर्स को शेयर जारी किए थे। एंकर इनवेस्टर्स में ज्यादा घरेलू फंड्स थे।
LIC के आईपीओ में देश और विदेश के एंकर इनवेस्टर्स ने पैसे लगाए थे। इनमें गवर्नमेंट ऑफ सिंगापुर, एसबीआई म्यूचुअल फंड, HDFC Mutual Fund और एक्सिस म्यूचुअल फंड शामिल थे। लेकिन, ज्यादा निवेश घरेलू म्यूचुअल फंडों ने किया था। इस इश्यू में म्यूचुअल फंड की 99 स्कीमों में 4000 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे थे।
इस इश्यू में LIC के पॉलिसीहोल्डर्स ने खूब दिलचस्पी दिखाई थी। पॉलिसीहोल्डर्स का कोटा छह गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसकी वजह डिस्काउंट था। कंपनी ने अपने पॉलिसीहोल्डर्स को प्रति शेयर 60 रुपये का डिस्काउंट दिया था। रिटेल इनवेस्टर्स को प्रति शेयर 45 रुपये का डिस्काउंट मिला था। इस वजह से रिटेल इनवेस्टर्स ने भी इस इश्यू में अच्छी दिलचस्पी दिखाई थी।
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