LIC के शेयरों में गिरावट का सिलसिला मंगलवार को भी जारी रहा। देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी के शेयर में खूब बिकवाली हुई। इससे शेयर 3 फीसदी से ज्यादा गिर गया। एक दिन में ही एलआईसी का मार्केट कैप करीब 17,000 करोड़ रुपये घट गया। एलआईसी ने सोमवार को मार्च तिमाही के नतीजों का ऐलान किया था।
मंगलवार को एलआईसी के शेयर 3.05 फीसदी यानी 25.55 रुपये गिरकर बीएसई पर 811.50 रुपये पर बंद हुए। लिस्टिंग के बाद से एलआईसी के शेयरों में गिरावट का सिलसिला जारी है। मंगलवार को आई गिरावट के बाद एलआईसी का मार्केट कैप गिरकर 5,13,273 करोड़ रुपये रह गया। एक दिन में मार्केट कैप 16,160 करोड़ रुपये घट गया।
31 मार्च, 2022 को खत्म फाइनेंशियल ईयर में एलआईसी का नेट प्रीमियम इनकम 6.1 फीसदी बढ़कर 4,27,419 करोड़ रुपये रहा। एक साल पहले यह 4,02,844 करोड़ रुपये था। पिछले वित्त वर्ष में एलआईसी का प्रॉफिट 4,043.12 करोड़ रुपये रहा। यह फाइनेंशियल ईयर 2020-21 में 2,900.57 करोड़ रुपये के प्रॉफिट से 39.39 करोड़ रुपये ज्यादा है।
सोमवार को एलआईसी के बोर्ड ने प्रति शेयर 1.50 रुपये डिविडेंड का ऐलान किया। कंपनी डिविडेंड पर कुल 948.75 करोड़ रुपये खर्च करेगी। यह प्रॉफिट ऑफ्टर टैक्स (PAT) का करीब 23.46 फीसदी है।
मंगलवार को शेयर बाजार लाल निशान में बंद हुए। बीएसई सेंसेक्स 359 अंक गिरकर 55,566 अंक पर बंद हुआ। मंगलवार को एसबीआई लाइफ के शेयर 2 फीसदी की मजबूती के साथ 1173.85 रुपये पर बंद हुए।
कंपनी का आईपीओ 4 मई को खुला था। यह 9 मई को बंद हुआ था। 17 मई को एलआईसी के शेयर बीएसई और एनएसई पर लिस्ट हुए थे। यह इश्यू प्राइस (Issue Price) से करीब 8.11 फीसदी डिस्काउंट के साथ NSE पर 872 रुपये पर लिस्ट हुआ था। बीएसई पर यह 867 रुपये पर लिस्ट हुआ था।
LIC के आईपीओ में इनवेस्टर्स ने अच्छी दिलचस्पी दिखाई थी। यह इश्यू करीब तीन गुना सब्सक्राइब हुआ था। पॉलिसीहोल्डर्स के लिए तय कैटेगरी में यह इश्यू सबसे ज्यादा 6 गुना सब्सक्राइब हुआ था। सरकार ने एलआईसी के आईपीओ के जरिए करीब 21,000 करोड़ रुपये जुटाए। सरकार ने इस इश्यू के जरिए एलआईसी में अपनी 3.5 फीसदी हिस्सेदारी बेची है। एलआईसी में इश्यू से पहले सरकार की 100 फीसदी हिस्सेदारी थी।