LIC के शेयरों की कमजोर लिस्टिंग से इनवेस्टर्स निराश हैं। हालांकि, इसकी उम्मीद पहले से का जा रही थी। ग्रे मार्केट में इस शेयर पर प्रीमियम खत्म हो गया था। पिछले हफ्ते से इसमें डिस्काउंट पर कारोबार हो रहा था। इससे अंदाजा लग गया था कि इस शेयर की लिस्टिंग कमजोर रहेगी।
फिर भी, इस लिस्टिंग ने उन लाखों इनवेस्टर्स का दिल तोड़ दिया है, जिन्होंने पहली बार शेयर में निवेश किया। उन्हें एलआईसी के ब्रांड पर भरोसा था। इसमें ज्यादातर पॉलिसीहोल्डर्स हैं।
उधर, सरकार ने एलआईसी के शेयरों की कमजोर लिस्टिंग की वजह स्टॉक मार्केट के खराब हालात को बताया है। डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) के सेक्रेटरी तुहिन कांत पांडेय ने कहा कि मार्केट की अनिश्चितता इस शेयर की कमजोर लिस्टिंग की वजह है।
पांडेय ने इनवेस्टर्स को एलआईसी के शेयरों को लंबे समय तक रखने की सलाह दी है। उन्होंने कहा, "कोई मार्केट के बारे में अनुमान नहीं लगा सकता। हम पहले से कहते आ रहे हैं कि इस शेयर को आपको लंबे समय के लिए रखना है।" उन्होंने शेयरों की लिस्टिंग के बाद संवाददाताओं के सवाल के जवाब में यह बात कही।
मंगलवार सुबह एलआईसी का शेयर एनएसई इश्यू प्राइस के मुकाबले 8.11 फीसदी डिस्काउंट के साथ 872 रुपये पर लिस्ट हुआ। बीएसई पर यह 867 रुपये पर लिस्ट हुआ। कंपनी ने 949 रुपये प्रति शेयर के भाव पर इनवेस्टर्स को शेयर अलॉट किए थे। चूंकि, पॉलिसीहोल्डर्स, रिटेल इनवेस्टर्स और एंप्लॉयीज को डिस्काउंट मिला था। इसलिए उन्हें लॉस कम हुआ है।
पांडेय ने कहा कि रिटेल इनवेस्टर्स और पॉलिसीहोल्डर्स कुछ प्रोटेक्शन मिला था। उन्हें शेयर डिस्काउंट पर इश्यू किए गए थे। शेयरों की लिस्टिंग के मौके पर एलआईसी के चेयरमैन एम आर कुमार ने कहा कि सेकेंडरी मार्केट में एलआईसी के शेयर को अच्छा रिस्पॉन्स मिलेगा। इससे इस शेयर में तेजी देखने को मिलेगी।
कुमार ने कहा, "मार्केट में निराशा है। इसलिए हम पहले से प्रीमियम के साथ लिस्टिंग की उम्मीद नहीं कर रहे थे। आगे इस शेयर में तेजी आएगी। मुझे यकीन है कि कई लोग खासकर पॉलिसीहोल्डर्स जिन्हें शेयर अलॉट नहीं हुए हैं, वे सेकेंडरी मार्केट से शेयर खरीदेंगे। मुझे इस शेयर में कमजोरी बने रहने की कोई वजह दिखाई नहीं देती।"