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Mahindra & Mahindra के भी कारोबार का होगा बंटवारा? कंपनी ने किया यह खुलासा

M&M News: टाटा ग्रुप की मोटर यूनिट टाटा मोटर्स ने कुछ ही हफ्ते पहले अपने पैसेंजर और कॉमर्शियल वेईकल बिजनेसेज को अलग कर दिया। इससे ऑटो सेक्टर में ऐसे कदम उठाए जाने की संभावनाएं बढ़ गईं। इसके बाद अब महिंद्रा एंड महिंद्रा (एमएंडएम) के डिमर्जर का भी दावा किया जाने लगा। जानिए इसे लेकर कंपनी का क्या कहना है?

अपडेटेड Oct 09, 2025 पर 4:08 PM
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Mahindra & Mahindra News: महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया जिसमें इसके ऑटोमोटिव और ट्रैक्टर डिविजन के डिमर्जर यानी अलग करने की संभावनाओं का जिक्र है।

Mahindra & Mahindra News: महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया जिसमें इसके ऑटोमोटिव और ट्रैक्टर डिविजन के डिमर्जर यानी अलग करने की संभावनाओं का जिक्र है। कंपनी ने इसे लेकर स्टॉक एक्सचेंजों को वास्तविक स्थिति की रिपोर्ट भेजी है। कंपनी का कहना है कि ऑटो और ट्रैक्टर बिजनेसेज को अलग करने की कोई योजना नहीं है। कंपनी का कहना है कि डीमर्जर की बजाय इन्हें एमएंडएम में ही बनाए रखना अधिक बेहतर है। शेयरों की बात करें तो शुरुआती गिरावट से संभलते हुए बीएसई पर आज यह 0.49% की बढ़त के साथ ₹3443.00 (M&M Share Price) पर बंद हुआ है।

क्यों देनी पड़ी Mahindra & Mahindra (M&M) को सफाई?

एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि महिंद्रा ग्रुप अंदरूनी तौर पर अपने ट्रैक्टर्स, इलेक्ट्रिक गाड़ियों (EVs) समेत पैसेंजर वेईकल्स और ट्रक बिजनेसेज को स्वतंत्र एंटिटीज के रूप में अलग करने की संभावनाओं पर विचार कर रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इसे लेकर बातचीत शुरुआती अवस्था में है और इसमें यह पता लगाया जा रहा है कि क्या इससे शेयरहोल्डर्स के निवेश की अधिक वैल्यू बनेगी। इसे ही लेकर कंपनी ने सफाई दी है और जोर देकर कहा कि ऐसी किसी भी संभावना पर कंपनी विचार नहीं कर रही है। यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई थी, जब कुछ ही हफ्ते पहले टाटा मोटर्स ने अपने पैसेंजर और कॉमर्शियल वेईकल बिजनेसेज को अलग कर दिया। इससे ऑटो सेक्टर में ऐसे कदम उठाए जाने की संभावनाएं बढ़ गईं।


कितना बढ़ चुका है एमएंडएम का ऑटोमोटिव सेगमेंट?

पांच साल में महिंद्रा एंड महिंद्रा (एमएंडएम) का ऑटोमोटिव सेगमेंट तेजी से बढ़ा है। वित्त वर्ष 2021 से वित्त वर्ष 2025 के बीच कंपनी के इस सेगमेंट की रेवेन्यू में हिस्सेदारी 35% से बढ़कर 57% बढ़ी जबकि ईबीआईटी में हिस्सेदारी 13% से उछलकर 42% पर पहुंच गई। वहीं फार्म इक्विपमेंट डिविजन की ईबीआईटी में हिस्सेदारी 74% से गिरकर 27% पर आ गई।

एक साल में कैसी रही शेयरों की चाल?

महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयर 7 अप्रैल 2025 को ₹2360.45 पर थे जो इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड निचला स्तर है। इस निचले स्तर से यह पांच महीने में 57.72% उछलकर 9 सितंबर 2025 को ₹3723.00 पर पहुंच गया जो इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड हाई लेवल है। अब आगे की बात करें तो इंडमनी पर मौजूद डिटेल्स के मुताबिक इसे कवर करने वाले 35 एनालिस्ट्स में से 34 ने इसे खरीदारी और 1 ने होल्ड रेटिंग दी है। किसी भी एनालिस्ट ने इसे सेल रेटिंग नहीं दी है। इसका हाइएस्ट टारगेट प्राइस ₹4400 और लोएस्ट टारगेट प्राइस ₹3030 है।

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