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मार्केट में करेक्शन के बाद क्या स्टॉक्स की कीमतें अट्रैक्टिव लेवल पर आ गई हैं?

मार्केट में गिरावट का असर शेयरों की वैल्यूएशन पर पड़ा है। सितंबर में बीएसई 500 के करीब 50 फीसदी स्टॉक्स का पीई मल्टीपल 50 से ज्यादा था। अब 181 स्टॉक्स का पीई मल्टीपल 50 से ज्यादा रह गया है। हालांकि, अब भी शेयरों की कीमतों में गिरावट की गुंजाइश है

अपडेटेड Dec 05, 2024 पर 2:49 PM
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कुछ ही ऐसे सेक्टर्स हैं, जिनमें लंबी अवधि के औसत पीई मल्टीपल से नीचे ट्रेडिंग हो रही है।

स्टॉक मार्केट में अक्टूबर और नवंबर में आई गिरावट का असर वैल्यूएशन पर पड़ा है। सितंबर में बीएसई 500 के करीब 50 फीसदी स्टॉक्स का पीई मल्टीपल 50 से ज्यादा था। अब 181 स्टॉक्स का पीई मल्टीपल 50 से ज्यादा रह गया है। कोटक एएमसी के चीफ इनवेस्टमेंट अफसर (इक्विटी) हर्ष उपाध्याय ने यह बताया। उन्होंने कहा कि मार्केट में हालिया गिरावट से वैल्यूएशन में कुछ कमी आई है। उन्होंने कहा कि कुछ स्टॉक्स की ज्यादा वैल्यूएशन की वजह ज्यादा ग्रोथ की उम्मीद हो सकती है।

निवेश में सावधानी बरतने की जरूरत

उपाध्याय ने कहा कि वैल्यूएशन (Valuation) में कमी के बावजूद निवेशकों को काफी सावधानी बरतने की जरूरत है। वेल्थ क्रिएशन के लिए निवेश करने में शेयरों का चुनाव बहुत सावधानी से करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मार्केट की वैल्यूएशन अभी ज्यादा है। कुछ ही ऐसे सेक्टर्स हैं, जिनमें लंबी अवधि के औसत पीई मल्टीपल से नीचे ट्रेडिंग हो रही है। इंडियन स्टॉक्स का रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE) अट्रैक्टिव है। इससे फिर से इंडियन स्टॉक्स में विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी दिख सकती है।


लंबी अवधि के निवेश के लिए मौके

उन्होंने कहा, "पिछले कुछ सालों से मार्केट में जारी तेजी में ज्यादातर सेक्टर की हिस्सेदारी रही है। लेकिन, प्राइवेट बैंक ज्यादा अट्रैक्टिव दिख रहे हैं, क्योंकि उनकी वैल्यूएशन ठीक लग रही है। ज्यादा बातें शॉर्ट टर्म इनवेस्टमेंट के बारे में हो रही हैं। लेकिन, इस बाजार में लंबी अवधि के निवेश के लिए मौके हैं।" उन्होंने ऑटोमोबाइल को अपना दूसरा पसंदीदा सेक्टर बताया। उनका मानना है कि स्लोडाउन और करेक्शन के बावजूद ऑटोमोबाइल सेक्टर में अच्छी संभावना दिख रही है।

ज्यादातर सेक्टर में अब भी स्टॉक्स की कीमतें ज्यादा

कोटक एएमसी के बारे में उन्होंने कहा कि एएमसी ने अपने एनएफओ में ट्रांसपोर्टेशन और लॉजिस्टिक्स पर फोकस किया है। इसकी वजह यह है कि हमें लगता है कि इन सेक्टर्स में वैल्यूएशन लंबी अवधि के औसत के मुकाबले कम है। हालांकि, उन्होंने कहा कि निवेशकों को सभी सेक्टर के प्रदर्शन को लेकर एक जैसी राय नहीं बनानी चाहिए। उन्होंने कहा, "ज्यादातर सेक्टर्स में अब भी कीमतें ज्यादा हैं। ऐसे में हर सेक्टर की बॉटम-अप वैल्यूएशन जरूरी है।"

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लॉर्जकैप स्टॉक्स पर फोकस बढ़ाने की जरूरत

उन्होंने कहा कि अभी निवेशकों को लार्जकैप स्टॉक्स पर फोकस बढ़ाना चाहिए। स्मॉलकैप में कम निवेश करना ठीक रहेगा। पिछले 4-5 साल में बीएसई 500 के ज्यादातर स्टॉक्स की कीमतें करीब दोगुनी हो गई हैं। इस दौरान कई स्टॉक्स की कीमतें पांच गुनी तक हो गई हैं। एनएसई 100 सूचकांक के कई स्टॉक्स में भी जबर्दस्त तेजी आई है।

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