उभरते बाजारों में भारत का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा है। जब तक वित्त वर्ष 2023 के आंकड़े प्राइस टू अर्निंग मल्टीप्ल के 20 गुने के आसपास रहता है तब तक हमें बाजार में किसी बड़े गिरावट की संभावना नहीं है। यहां तक की ब्याज दर में बढ़त के इस दौर और यूएस मार्केट के उथल-पुथल का भी भारतीय बाजारों पर कोई बड़ा निगेटिव असर नही देखने को मिलेगा। यह बातें CNBC-TV18 को दिए गए एक इंटरव्यू मे मोतीलाल ओसवाल के मनीष सोंथालिया (Manish Sonthalia) ने कही है।
मनीष सोंथालिया ने आगे कहा कि अगर हाई फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर पर नजर डालें तो भारतीय बाजारों के लिए कोई बड़ा खतरा नजर नहीं आ रहा है। भारतीय बाजार इस समय गिरावट में खरीद का बाजार है।
ऑटो सेक्टर में हाल के दिनों में हुए बड़े निवेशकों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि लंबे समय के बाद ऑटो सेक्टर के वॉल्यूम में भारी बढ़त देखने को मिल रही है। तिमाही आधार पर स्टील और एल्यूमीनियम जैसे कच्चे माल की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिली है। जिससे ऑटो कंपनियों के मार्जिन में सुधार हुआ है। बहुत लंबे समय बाद ऑटो मोबाइल कंपनियों के तिमाही नतीजों में वास्तव में मजबूती देखने को मिली है। मनीष सोंथालिया का मानना है कि आगे हमें ऑटो ओरिजिनल इक्विपमेंट मेकर्स के मुनाफे में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
आईटी सेक्टर पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि लॉन्ग टर्म के नजरिए से आईट स्टॉक पोर्टफोलियों मे शामिल करने के लिए सबसे बेहतर स्टॉक है। वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में आईटी शेयरों के नतीजे मजबूत रहेगे।
गौरतलब है कि आज ही देश की आईटी दिग्गज Tata Consultancy Services (TCS) के नतीजों के साथ जुलाई -सितंबर तिमाही के नतीजों का मौसम शुरु हो जाएगा।
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