Market this week : 24 जनवरी के खत्म हुए हफ्ते में भी बाजार में कमजोरी देखने को मिली है। वीकली बेसिस पर सेंसेक्स 0.56 फीसदी गिरकर बंद हुआ है। वहीं, निफ्टी 0.48 फीसदी की कमजोरी लेकर बंद हुआ। बैंकिंग शेयरों में भी बिकवाली रही। इसके चलते बैंक निफ्टी 0.36 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ। दिग्गजों की तुलना में छोटे-मझोले शेयरों का ज्यादा पिटाई देखने को मिली है। इसके चलते मिडकैप इंडेक्स साप्ताहिक आधार पर 2.46 फीसदी और निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स 4.05 फीसदी गिरावट के साथ बंद हुआ है।
अगले हफ्ते कैसी रह सकती है बाजार की चाल
कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च हेड श्रीकांत चौहान ने कहा कि भारतीय इक्विटी बाजार ने इस इस हफ्ते भी अधिकांश ग्लोबल बाजारों के मुकाबले अपना खराब प्रदर्शन जारी रखा। मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स बेंचमार्क इंडेक्सों में ज्यादा टूटे हैं। बीएसई रियल्टी इंडेक्स में तेज करेक्शन के साथ अधिकांश सेक्टोरल इंडेक्स के लाल निशान में बंद हुए। बीएसई आईटी इंडेक्स ने कमजोर बाजार में अपेक्षाकृत मजबूत प्रदर्शन किया। एफआईआई भारतीय इक्विटी के नेट सेलर बने हुए हैं। इससे बाजार पर दबाव बढ़ रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही के नतीजों का सीजन काफी हद तक उम्मीदों के अनुरूप रहा है। इस हफ्ते रुपये में मामूली बढ़त हुई है और ब्रेंट क्रूड में नरमी आई है। वैश्विक घटनाक्रम,आगामी केंद्रीय बजट,आरबीआई नीति और चालू वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही के नतीजे सहित कई घटनाएं अगले पखवाड़े में बाजार की चाल को दिशा देती दिखाई देंगी।
मिरे एसेट शेयरखान में तकनीकी अनुसंधान विश्लेषक जतिन गेडिया का कहना है कि पिछले चार कारोबारी सत्रों से निफ्टी 23000 – 23400 के एक बड़े रेंज में कारोबार कर रहा है। डेली और ऑवरली टाइम फ्रेम मोमेंटम इंडीकेटरों के बीच डाइवर्जेंस आगे बाजार को कंसोलीडेशन की ओर ले जा सकता है। बोलिंगर बैंड छोटे हो रहे हैं। इससे भी बाजार के रेंजबाउंड रहने के संकेत नजर आ रहे हैं। ऐसे में जब तक निफ्टी 23050 – 23000 के सपोर्ट को नहीं तोड़ता, तब तक हम रेंज बाउंड प्राइस एक्शन जारी रहने की उम्मीद कर सकते हैं। अगर निफ्टी 23000 से नीचे गिरता है तो फिर ये गिरावट 22670 की ओर बढ़ सकती है जो 16828 से 26277 तक की बढ़त के 38.2 फीसदी फिबोनाची रिट्रेसमेंट स्तर के साथ मेल खाता है।
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