Market Outlook: IT से मिली निराशा, लेकिन बैंकिंग शेयरों के दम पर बाजार हिट कर सकता है नया हाई

Market Outlook:वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही के अब तक आए नतीजों में आईटी कंपनियों का प्रदर्शन सुस्त रहा है। हालांकि बैंकों के नेट इंटरेस्ट मार्जिन (एनआईएम), एसेट क्वालिट और लोन बुक में शानदार ग्रोथ देखने को मिली है। बाजार की नजर अब वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही के नतीजों, घरेलू और ग्लोबल मक्रो इकोनॉमिक आंकड़ों, ग्लोबल मार्केट के रुझान, कच्चे तेल की कीमतों और एफआईआई/डीआईआई की गतिविधियों पर रहेगी

अपडेटेड Jul 24, 2023 पर 8:22 AM
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Market Outlook: बढ़ता वैल्यूशन बाजार के लिए चिंता का विषय है। बाजार के ज्यादा महंगे हो जाने पर बाजार में तेज करेक्शन हो सकता है। शुक्रवार को हमें ऐसा ही कुछ देखने को मिला था

Market Outlook: एनएसई निफ्टी पिछले हफ्ते 20000 अंक के ऐतिहासिक स्तर के बहुत ही करीब पहुंच गया। लेकिन इंफोसिस के कमजोर गाइडेंस और कुछ मध्यम आकार की आईटी कंपनियों के कमजोर नतीजों ने शुक्रवार को तेज बिकवाली का बटन ऑन कर दिया। हालांकि, निजी क्षेत्र के कुछ बैंकों की तरफ से आए वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही के शानदार नतीजों के बाद बाजार के नई तेजी पकड़नें की उम्मीदें बढ़ गई हैं। शनिवार को आए बैंकों के नतीजे उम्मीद से बेहतर रहे हैं। इनकी एसेट क्वालिटी और लोन वितरण में शानदार ग्रोथ देखने को मिली है।

ICICI बैंक ने पहली तिमाही में शानदार नतीजे पेश किए हैं। 30 जून 2023 को खत्म हुई तिमाही में बैंक का मुनाफा करीब 40 फीसदी बढ़ा है। वहीं, ब्याज से होने वाली कमाई में भी 38 फीसदी का उछाल देखने को मिला है। बैंक के NPA में गिरावट आई है। जबकि लोन ग्रोथ 22 फीसदी पर रहा है। हालांकि तिमाही आधार में NIM (नेट इंटरेस्ट मार्जिन) पर थोड़ा दबाव देखने को मिला है।

कोटक बैंक ने भी शानदार नतीजे पेश किए हैं। 30 जून 2023 को खत्म हुई पहली तिमाही में इसके नतीजे अनुमान से कहीं अच्छे रहे हैं। 16 तिमाहियों में सबसे अच्छी डिपॉजिट ग्रोथ देखने को मिली है। वहीं, ब्याज से होने वाली कमाई में 33 फीसदी तो मुनाफे में 67 फीसदी का उछाल देखने को मिला है। एसेट क्वॉलिटी में भी सुधार दिखा है।


RBL और AU बैंक के नतीजे भी अच्छे रहो हैं। पहली तिमाही में RBL बैंक का मुनाफा 43 फीसदी बढ़ा हैं। वहीं ब्याज से होने वाली इसकी कमाई में 21 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है। वहीं AU बैंक के प्रॉफिट में 44 फीसदी से ज्यादा का उछाल देखने को मिला है। लेकिन NPA और NIM पर दबाव दिखा है।

आईटी कंपनियों का प्रदर्शन सुस्त

मास्टर कैपिटल सर्विसेज लिमिटेड के अरविंदर सिंह नंदा का कहना है कि वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही के अब तक आए नतीजों में आईटी कंपनियों का प्रदर्शन सुस्त रहा है। हालांकि बैंकों नेट इंटरेस्ट मार्जिन (एनआईएम), एसेट क्वालिट और लोन बुक में शानदार ग्रोथ देखने को मिली है। बैंकों के कारोबार में लॉन्ग टर्म में जोरदार ग्रोथ की उम्मीद दिख है । उम्मीद है कि बाजार की नजर अब वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही के नतीजों, घरेलू और ग्लोबल मक्रो इकोनॉमिक आंकड़ों, ग्लोबल मार्केट के रुझान, कच्चे तेल की कीमतों और एफआईआई/डीआईआई की गतिविधियों पर रहेगी और यही बाजार की दिशा तय करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि निफ्टी अब 20100 और 20300 के स्तर की ओर बढ़ने को लिए तैयार दिख रहा है। ऐसे में किसी भी करेक्शन की स्थिति में लगभग 19550 अंक के आसपास नई लॉन्ग पोजीशन बनाई जा सकती है।

ग्लोबल मैक्रो आंकड़ों पर रहेगी बाजार की नजर

अमेरिकी फेडरल रिजर्व 26 जुलाई को अपनी मौद्रिक नीति की घोषणा करने के लिए तैयार है। अधिकांश विश्लेषकों का मानना है कि यूएस फेड ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की बढ़ोतरी करेगा। फेड की ब्याज दर 5.25 -5.5 फीसदी पर पहुंच कर ही स्थिर होगी। अमेरिका में खुदरा महंगाई मई के 4 फीसदी से घटकर जून में 3 फीसदी पर रही। इसके बावजूद यह अभी भी फेड के 2 फीसदी के लक्ष्य से ऊपर है। अपनी पिछली नीति बैठक में FOMC के लगभग सभी सदस्य इस बात पर सहमत थे कि इस वर्ष और अधिक सख्ती की जरूरत होगी।

एफआईआई के निवेश पर भी रहेगी बाजार की नजर

भारत में एफपीआई का निवेश जुलाई में भी बेरोकटोक जारी रहा। उभरते बाजारों में इस साल अब तक भारत में सबसे ज्यादा एफपीआई निवेश आया है। वहीं, चीन में एफपीआई की बिकवाली जारी है। जुलाई में 21 तारीख तक एफपीआई ने भारत में 43804 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इस आंकड़े में स्टॉक एक्सचेंजों, प्राथमिक बाजारों और थोक सौदों के जरिए से हुए निवेश शामिल हैं। एफपीआई फाइनेंशियल, ऑटोमोबाइल, कैपिटल गुड्स, रियल्टी और एफएमसीजी में निवेश करना जारी रखे हुए हैं। इन सेक्टरों में एफपीआई की खरीदारी ने इन सेक्टरों के शेयरों की कीमतों में आये उछाल और सेंसेक्स और निफ्टी रिकॉर्ड के ऊंचाई पर पहुंचने में बड़ा योगदान किया है।

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बढ़ते वैल्यूशन से करेक्शन का डर

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के वीके विजयकुमार का कहना है कि बढ़ता वैल्यूशन बाजार के लिए चिंता का विषय है। बाजार के ज्यादा महंगे हो जाने पर बाजार में तेज करेक्शन हो सकता है। शुक्रवार को हमें ऐसा ही कुछ देखने को मिला था। इस दिन इंफोसिस और एचयूएल की नकारात्मक खबरों के चलते सेंसेक्स 887 अंक गिर गया था।

 

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Sudhanshu Dubey

Sudhanshu Dubey

First Published: Jul 24, 2023 8:22 AM

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