बाजार के आगे के आउटलुक पर बातचीत Elixir Equities के दीपन मेहता का कहना है कि टैरिफ वॉर से 2008 की मंदी की याद आई। बाजार की आगे की चाल पर ट्रंप टैरिफ पर निर्भर करेगी। अभी बाजार के अनिश्चितता के माहौल में पोर्टफोलियों में कैश बढ़ाए। दीपन ने इस बातचीत में आगे कहा कि भारत पर टैरिफ 10-12 फीसदी रहे तो कोई दिक्कत नहीं है।
ये सेक्टर लग रहे हैं बेहतर
दीपन मेहता ने कहा कि अगर ग्लोबल अनिश्चितता कम होती है तो सबसे पहले बैंकिंग और एनबीएफसी सेक्टर ऐसा सेक्टर रहेगा, जो नया हाई लगाता दिखेगा। बैंकिंग, फाइनेंस में पोजिशन बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि रिटेल , इंफ्रास्ट्रक्चर, कैपिटल गुड्स , सीमेंट अच्छे लग रहे हैं।
आईटी कंपनियों पर अंडरवेट नजरिया
आईटी सेक्टर पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि आईटी कंपनियों को लेकर अभी अंडरवेट नजरिया बना हुआ है। यूएस में अगर स्लोडाउन आता है तो इस सेक्टर की मुश्किलें बढ़ेगी। जिसके कारण भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनियों पर भी असर देखने को मिलेगा। साथ ही AI का बढ़ता ट्रेड भी भारतीय आईटी कंपनियों के लिए परेशानी बन रहा है। दीपन मेहता ने कहा कि लार्जकैप आईटी में अगले 10 सालों में फ्लैट ग्रोथ संभव है।
दीपन मेहता का कहना है कि ऐसे कई सेक्टर है जिनका ट्रंप टैरिफ से कोई लेना-देना नहीं है। उनकी ग्रोथ भारतीय बाजार पर निर्भर करती है। इंडिगो, इंडियन होटल्स जैसे शेयरों के अर्निंग ग्रोथ बेहतर है लेकिन इनके PE मल्टीप्ल का गेम ही अलग है।
एफएमसीजी शेयरों से रहें दूर
एफएमसीजी सेक्टर पर राय देते हुए उन्होंने कहा कि एफएमसीजी सेक्टर से एक्जिट करना ही बेहतर है। कई सारी एफएमसीजी कंपनियां ऐसी है जो नोमनल ग्रोथ रेट ऑफ जीडीपी से मैच नहीं कर पा रही है। यानी की यह एक ऐसा सेक्टर हो गया है जिसमें सुस्ती नजर आ रही है। जिसके चलते इसमें इन्वेस्टर्स के पैसे नहीं बनेगा। ऐसे में एफएमसीजी में निवेश ना कर कंज्यूमर स्टॉक्स पर फोकस करें।
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