Stock market : 25 मार्च को उतार-चढ़ाव भरे कारोबारी सत्र में बाजार सपाट बंद हुआ है। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 32.81 अंक या 0.04 फीसदी बढ़कर 78,017.19 पर और निफ्टी 10.30 अंक या 0.04 फीसदी बढ़कर 23,668.65 पर बंद हुआ है। आज लगभग 1019 शेयरों में तेजी आई, 2868 शेयरों में गिरावट आई और 107 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। आईटी को छोड़कर दूसरे सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए हैं। ऑटो, कैपिटल गुड्स, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, मेटल, तेल और गैस, पावर, पीएसयू बैंक, रियल्टी और टेलीकॉम में 1-1.5 फीसदी की गिरावट रही।
निफ्टी पर अल्ट्राटेक सीमेंट, ट्रेंट, बजाज फिनसर्व, इंफोसिस, ग्रासिम इंडस्ट्रीज टॉप गेनरों में रहे, जबकि इंडसइंड बैंक, डॉ रेड्डीज लैब्स, अडानी एंटरप्राइजेज, कोल इंडिया और अडानी पोर्ट्स निफ्टी के टॉप लूजर रहे। बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 1 फीसदी स्मॉलकैप इंडेक्स में 1.6 फीसदी की गिरावट आई।
प्रोग्रेसिव शेयर्स के निदेशक आदित्य गग्गर का कहना है कि मजबूत शुरुआत के बाद इंडेक्स ने 23,800 के अपने पिछले स्विंग हाई को तोड़ने का प्रयास किया। लेकिन बाजार को ऊपरी स्तरों से आए दबाव का सामना करना पड़ा। ऊपर से आई मुनाफावसूली ने इंडेक्स पर दबाव बनाया जिसके कारण यह 10.30 अंकों की मामूली बढ़त के साथ 23,668.65 पर बंद हुआ। आईटी को छोड़कर, दूसरे सभी सेक्टर लाल निशान में बंद हुए। पीएसयू बैंक और मीडिया सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले रहे। ब्रॉडर मार्केट ने फ्रंटलाइन इंडेक्स से कमजोर प्रदर्शन किया। मिड और स्मॉलकैप दोनों में 1.06 फीसदी और 1.56 फीसदी का करेक्शन देखने को मिला।
संभावित हिडेन बियरिश डाइवर्जेंस के साथ इंडेक्स ने अपने पिछले हाई के पास एक बियरिश कैंडलस्टिक पैटर्न बनाया है जो ट्रेंड में बदलाव की संभावना का संकेत है। निफ्टी के लिए 23,800 पर अहम रेजिस्टेंस बना हुआ है। जबकि 23,400 के स्तर पर सपोर्ट दिख रहा है।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के रिसर्च हेड विनोद नायर का कहना है कि छह दिनों की रिकवरी रैली के बाद ब्रॉडर मार्केट में,खासकर छोटे और मझोलो शेयरों में कुछ मुनाफावसूली आई। इन शेयरों के वैल्यूएशन अभी भी महंगे हैं। दूसरी ओर,आईटी सेक्टर ने नरम टैरिफ नीति की उम्मीदों और हाल के करेक्शन के बाद अच्छे हुए वैल्यूएशन का फायदा उठाते हुए तेजी पकड़ी। निकट भविष्य में,निवेशकों के सतर्क रहने की उम्मीद है। निवेशकों को अमेरिका-भारत के बीच ट्रेड पॉलिसी पर स्पष्टता आने का इंतजार है। अब बाजार का फोकस चौथी तिमाही के नतीजों पर भी होगा। दरों में कटौती की बढ़ती संभावना और रुपये की चाल जैसे अनुकूल इंडीकेटर बाजार को सपोर्ट देते नजर आ सकते हैं।
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