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छोटे-मझोले शेयरों की 6 दिनों से चल रही तेजी थमी, स्मॉल और मिडकैप इंडेक्स 2% तक टूटे

NIFTY MIDCAP 150 इंडेक्स 112 अंक यानी 0.58 फीसदी की गिरावट के साथ 19,305.85 के स्तर पर दिख रहा है। इंडेक्स के 47 शेयरों में तेजी और 102 शेयरों में गिरावट देखने के मिल रही है। 1 शेयर में कोई बदलाव नहीं हुआ है। निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स में करीब 2 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है

अपडेटेड Mar 25, 2025 पर 3:09 PM
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अजीत मिश्रा ने निवेशकों को सतर्क रहने तथा बाजार में ओवरऑल सेंटीमेंट पॉजिटिव रहने के बावजूद प्रमुख टेक्निकल लेवलों और ग्लोबल संकेतों पर बारीकी से नजर रखने की सलाह दी है

25 मार्च को स्मॉल और मिडकैप कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई है। इससे ब्रॉडर मार्केट के इंडेक्स लाल निशान में फिसल गए हैं और छह दिन से जारी तेजी का सिलसिला थम गया है। निवेशक अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के टैरिफ टैंट्रम से चिंतित दिख रहे है। इसके बाजार की तेजी के टिकाऊ रहने को लेकर आशंका बनी हुई है। इसके अलावा विदेशी निवेशको की तरफ से खरीदारी लौटने की अभी पक्के तौर पर पुष्टि भी नहीं हुई है। आज स्मॉल और मिडकैप इंडेक्स में 2 फीसदी तक की गिरावट आई है। ब्रॉडर मार्केट के इंडेक्सों ने बेंचमार्क निफ्टी की तुलना में कमजोर प्रदर्शन किया है।

NIFTY MIDCAP 150 इंडेक्स 112 अंक यानी 0.58 फीसदी की गिरावट के साथ 19,305.85 के स्तर पर दिख रहा है। इंडेक्स के 47 शेयरों में तेजी और 102 शेयरों में गिरावट देखने के मिल रही है। 1 शेयर में कोई बदलाव नहीं हुआ है। निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स में करीब 2 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। जबकि निफ्टी मिडकैप इंडेक्स में दोपहर के कारोबार में 1 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई।

बजाज ब्रोकिंग ने कहा कि पिछले हफ्ते की तेजी बारगेन बाइंग की वजह से आई थी। इसके अलावा एफपीआई के रुख में बदलाव की उम्मीदों से भी इसमें तेजी आई थी। इसके चलते सेंसेक्स, निफ्टी, निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स में पिछले कई सालों की सबसे बड़ी साप्ताहिक बढ़त देखने को मिली। हालांकि, इस तेजी के टिकाऊ होने पर संदेह है,क्योंकि एफपीआई अभी भी भारतीय इक्विटी के नेट सेलर बने हुए हैं। निफ्टी के चार्ट से संकेत मिलता है कि बाजार में डबल बॉटम फॉर्मेशन देखने को मिल सकता है। इस प्रक्रिया में निफ्टी निचले स्तर पर जाता दिखेगा। इसके बाद रिकवरी आएगी। फिर स्थिरता लौटने के पहले बाजार एक फिर अपने लो पर जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में तीन महीने या उससे थोड़ा ज्यादा समय लग सकता है।


रेलिगेयर ब्रोकिंग के अजीत मिश्रा ने भी निवेशकों को सतर्क रहने तथा बाजार में ओवरऑल सेंटीमेंट पॉजिटिव रहने के बावजूद प्रमुख टेक्निकल लेवलों और ग्लोबल संकेतों पर बारीकी से नजर रखने की सलाह दी है।

मिडकैप इंडेक्स में डिक्सन टेक्नोलॉजीज में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली। ये 5 फीसदी से ज्यादा टूट गया है। जिससे 5 दिनों से चला आ रहा बढ़त का सिलसिला टूट गया है। इसके अलावा मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स (लगभग 5 प्रतिशत नीचे), पॉलिसीबाजार-पैरेंट पीबी फिनटेक (4 प्रतिशत से अधिक नीचे), कल्याण ज्वैलर्स (लगभग 4 प्रतिशत नीचे), भारत डायनेमिक्स (लगभग 4 प्रतिशत नीचे), वोडाफोन आइडिया (3 प्रतिशत से अधिक नीचे), हुडको (लगभग 3 प्रतिशत नीचे), डेल्हीवरी (2 प्रतिशत से अधिक नीचे) और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स (1 प्रतिशत से अधिक नीचे) में भी गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं।

स्मॉलकैप इंडेक्स पर, स्वान एनर्जी के शेयरों में सबसे ज़्यादा गिरावट आई है। यह स्टॉक करीब 6 फीसदी टूट गया है। इसके अलावा स्मॉलकैप शेयरों में ओला इलेक्ट्रिक (करीब 5 प्रतिशत की गिरावट), सेंट्रल बैंक (करीब 5 प्रतिशत की गिरावट), कैस्ट्रॉल इंडिया (4 प्रतिशत से ज़्यादा की गिरावट), बीईएमएल (करीब 4 प्रतिशत की गिरावट), एमसीएक्स (करीब 4 प्रतिशत की गिरावट), सीएएमएस (करीब 4 प्रतिशत की गिरावट) और केनेस टेक (करीब 3 प्रतिशत की गिरावट) में भी गिरावट देखने को मिली है।

 

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