Stock market : 13 दिसंबर को निफ्टी 24,750 से ऊपर बंद होने में कामयाब रहा है और भारतीय इक्विटी इंडेक्स मजबूती के साथ बंद हुए हैं। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 843.16 अंक या 1.04 फीसदी बढ़कर 82,133.12 पर और निफ्टी 219.60 अंक या 0.89 फीसदी बढ़कर 24,768.30 पर बंद हुआ है। आज लगभग 1741 शेयरों में तेजी आई, 2086 शेयरों में गिरावट आई और 114 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। निफ्टी के सबसे ज्यादा बढ़ने वाले शेयरों में भारती एयरटेल, कोटक महिंद्रा बैंक, आईटीसी, अल्ट्राटेक सीमेंट और एचयूएल शामिल रहे हैं। जबकि श्रीराम फाइनेंस, इंडसइंड बैंक, टाटा स्टील, हिंडाल्को, जेएसडब्ल्यू स्टील निफ्टी के टॉप लूजरों में रहे हैं।
बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स सपाट नोट पर बंद हुए हैं। सेक्टोरल फ्रंट पर नजर डालें तो ऑटो, बैंक, एफएमसीजी और टेलीकॉम में 0.5-2 फीसदी की तेजी आई है। जबकि रियल्टी, मेटल और मीडिया में 0.5 फीसदी की गिरावट आई है।
एलकेपी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक रूपक डे का कहना है कि भारत में इक्विटी बाजार में सेंसेक्स की वीकली एक्सपायरी वाले दिन उतार-चढ़ाव भरा कारोबार देखने को मिला। निचले स्तर पर,निफ्टी को इनवर्स हेड-एंड-शोल्डर्स पैटर्न की नेकलाइन के आसपास सपोर्ट मिला। ऊपरी स्तरों की ओर बढ़ने से पहले निफ्टी एक ने एक बार इस सपोर्ट को टेस्ट किया।
आज का निचला स्तर पिछली रैली के 38.2 फीसदी रिट्रेसमेंट लेवल से भी मेल खाता है। आगे चलकर,यह ट्रेंड मजबूत रहने की संभावना है। जिसके चलते शॉर्ट टर्म में निफ्टी के 25,000 और उससे भी ऊपर जाने की संभावना दिखती है। निचले सिरे पर निफ्टी के लिए 24,550 के स्तर पर सपोर्ट दिख रहा है।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के अजीत मिश्रा का कहना है कि हफ्ते का अंतिम कारोबारी सत्र उतार-चढ़ाव भरा रहा। आज निफ्टी में दोनों दिशाओं में तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिला और अंत में यह करीब 1 फीसदी बढ़कर 24.768.30 के स्तर पर पहुंच गया। सेक्टोरल इंडेक्सों में भी उतार-चढ़ाव दिखा। एफएमसीजी, आईटी और बैंकिंग में बढ़त दर्ज की गई। जबकि मेटल और रियल्टी में गिरावट दर्ज की गई। ब्रॉडर इंडेक्सों में भी उतार-चढ़ाव रहा। लेकिन वे सपाट बंद होने में कामयाब रहे।
दिन के उच्चतम स्तर के निकट निफ्टी का मजबूती से बंद होना आगे भी बढ़त की संभावना को दर्शाता है। इसकी पुष्टि 24,800 के स्तर से ऊपर होने की उम्मीद है। आईटी और बैंकिंग शेयरों पर बुलिश नजरिया कायम है। दूसरे सेक्टरों में चुनिंदा शेयरों पर ही दांव लगाने की सलाह होगी। इन बातों को ध्यान में रखते हुए ही अपनी रणनीति तय करें। बाजार की वोलैटिलिटी से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए रिस्क मैनेजमेंट को प्राथमिकता देनी होगी।
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