Stock market : इजरायल-ईरान तनाव ने बाजार का मूड बिगाड़ दिया है। जियोपॉलिटिकल टेंशन से ब्रेंट क्रूड में कल 6 फीसदी से ज्यादा की तेजी रही तो MCX पर सोना रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया। वहीं सेंसेक्स-निफ्टी 0.5 फीसदी से ज्यादा की गिरावट पर बंद हुए। 13 जून को सेंसेक्स 573 अंक गिरकर 81119 पर बंद हुआ और निफ्टी ने 170 अंक फिसलकर 24719 पर क्लोजिंग की। निफ्टी बैंक में करीब 1 फीसदी की गिरावट रही। हालांकि मिडकैप और स्मॉलकैप में निचले स्तर से थोड़ी रिकवरी रही। स्टॉक स्पेसिफिक बात करें तो डिफेंस शेयरों में खरीदारी रही। CPSE, IT इंडेक्स हल्की बढ़त लेकर बंद हुए। वहीं, FMCG, बैंकिंग, मेटल शेयरों में थोड़ा प्रेशर रहा है।
आगे कैसी रह सकती है बाजार की दशा और दिशा
कोटक सिक्योरिटीज के अमोल अठावले का कहना है कि सप्ताह की शुरुआत अच्छी रही थी, लेकिन एक बार फिर बाजार को 25,200/82800 के करीब रेजिस्टेंस का सामना करना पड़ा और यहां से इसका रुख बदल गया। तकनीकी रूप से देखें तो वीकली चार्ट पर एक लॉन्ग बियरिश मोमबत्ती बनी है और वर्तमान में इंडेक्स 20-डे एसएमए (सिंपल मूविंग एवरेज) से नीचे आराम से कारोबार कर रहें हों जो काफी हद तक निगेटिव है।
अमोल अठावले मानना है कि जब तक बाजार 20-डे एसएमए या 24,850/81600 से नीचे रहेगा, तब तक कमजोरी कायम रहने की संभावना बनी रहेगी। ऐसी स्थिति में हमें नीचे की ओर फिर से 24,500/80500 का स्तर देखने को मिल सकता है। 24,500/80500 से भी नीचे जाने पर बिक्री दबाव और बढ़ सकता है। इस स्तर से नीचे जाने पर इंडेक्स 24,300/79900 के आसपास स्थित 50-डे एसएमए तक फिसल सकते हैं।
ऊपर की तरफ,24,750/81300 पर रेजिस्टेंस है। इससे ऊपर के ब्रेक में 24,850/81600 तक का पुलबैक मूव संभव है। आगे भी बढ़त जारी रह सकती है और बाजार 24,950–25,000/81900-82100 की ओर बढ़ सकता है।
बैंक निफ्टी के लिए 55,000 और 55,200 के बीच है अहम सपोर्ट है। इससे ऊपर टिके रहने तक इसमें 56,100-56,300 की ओर वापस उछलने की संभावना बनी रहेगी। दूसरी तरफ 55000 से नीचे गिरने पर 50-दिवसीय एसएमए या 54500 की और गिरावट बढ़ सकती है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के सिद्धार्थ खेमका का कहना है कि इज़राइल-ईरान युद्ध के बढ़ते खतरे के बीच कच्चे तेल की कीमतों में बढ़त होगी। ऐसे में बाजार की नजर तेल की खोज से जुड़ी कंपनियों पर रहेगी। इसके अलावा,जियोपोलिटिकल तनाव बढ़ने के चलते घरेलू डिफेंस कंपनियों पर भी फोकस रहेगा। दुनियाभर में बढ़ते तनाव के बीच डिफेंस खर्च बढ़ने और नए एक्सपोर्ट ऑर्डर मिलने की उम्मीद है।। कुल मिलाकर कमजोर ग्लोबल संकेतों के कारण बाजार में मंदी बनी रहने की संभावना है। लेकिन इंडस्ट्री स्पेसिफिक खबरों के चलते कुछ खास सेक्टरों में मोमेंटम देखने को मिल सकता है।
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