Stock market : एसबीआई सिक्योरिटीज के सुदीप शाह का कहना है कि बाजार जून सीरीज में डायरेक्शनल ब्रेकआउट के लिए तैयार हो रहा है। मनीकंट्रोल के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि रोलओवर आंकड़ों से पता चलता है ट्रेडर अपनी पोजीशन को आगे बढ़ाने के पक्ष में। उनको लगता है कि जून में ब्रेकआउट देखने को मिल सकता है।
मई सीरीज के दौरान, निफ्टी फ्यूचर्स केवल 1,165 अंकों के छोटे दायरे के भीतर घूमता रहा जो हाल के दिनों का सबसे छोटा दायरा है। यह बाजार में वौलैटिलिटी कम होने और अनिर्णय की स्थिति कायम रहने का संकेत है। मई सीरीज के अधिकांश हिस्से में इंडेक्स कंसोलीडेशन जोन में रहा। बाजार में बुल्स और बीयर दोनों में से किसी का भी दबदबा नहीं रहा । किसी पक्के ट्रेंड के अभाव सूचकांक ने अंत में मजबूती दिखाई और मई सिरीज अंतत:हरे निशान में बंद हुई। ये बाजार में निहित मजबूती का संकेत है।
इस प्राइस एक्शन से संकेत मिलता है कि बाजार संभवतः जून सारीज में डायरेक्शनल ब्रेकआउट के लिए तैयार हो रहा है। इस नजरिए को सपोर्ट करते हुए, मई सीरीज में निफ्टी फ्यूचर्स का रोलओवर 79.10 फीसकी तक बढ़ गया है। ये अप्रैल के 79.08 फीसदी से थोड़ा अधिक और तीन महीने के औसत 78.09 फीसदी से ज्यादा है। रोलओवर में इस बढ़त से संकेत मिलता है कि ट्रेडर अपनी पोजीशन को आगे बढ़ाने के पक्ष में। उनको लगता है कि जून में ब्रेकआउट देखने को मिल सकता है।
सुदीप शाह का कहना है कि निफ्टी के लिए 25,050-25,100 के जोन में तत्काल रेजिस्टेंस दिख रहा है। 25,100 से ऊपर जाने पर निफ्टी में 25,500 का रास्ता खुल सकता है। उसके बाद इसका अगला टारगेट 25,700 पर नजर आ रहा है। दूसरी तरफ, 24,550-24,500 के जोन में अहम सपोर्ट है। यदि निफ्टी 24,500 के स्तर से नीचे चला जाता है, तो 50-डे ईएमए अगले अहम सपोर्ट के रूप में काम करेगा जो वर्तमान में 24,150-24,100 के स्तर पर स्थित है।
पिछले 18 सालों के आंकड़ों पर नजर डालें तो जून महीने में अक्सर निफ्टी के लिए सकारात्मक रुझान देखने को मिला है। 11 मौकों पर, इंडेक्स ने 4.19 फीसदी की औसत बढ़त के साथ पॉजिटिव क्लोजिंग की है। जबकि 7 मौकों पर, यह 3.80 फीसदी की औसत गिरावट के साथ नकारात्मक नोट पर बंद हुआ है। जून सीरीज में निफ्टी का औसत रिटर्न 1.09 फीसदी रहा है। पिछले 18 सालों में जून में औसत वोलैटिलिटी 7.80 फीसदी रही है।
बैंक निफ्टी ने भी पिछले 18 सालों में जून में सकारात्मक रुझान दिखाया है। इन 18 सालों में यह 11 बार बढ़त के साथ बंद हुआ और औसत 4.52 फीसदी की बढ़त हुई है। जबकि 7 बार निगेटिव क्लोजिंग हुई है, जिसमें औसत 5.63 फीसकी की गिरावट हुई है। जून सीरीज में बैंक निफ्टी का औसत रिटर्न 0.58 फीसदी रहा है। हालांकि,बैंक निफ्टी ने पिछले 18 सालों में लगभग 9.30 फीसदी की औसत वोलैटिलिटी दिखाई है।
क्या आपको इस हफ्ते बैंक निफ्टी में अहम कंसोलीडेशन ब्रेकआउट देखने को मिल सकता है? इसके जवाब में सुदीप ने कहा कि पिछले 26 कारोबारी सत्रों में, बैंक निफ्टी इंडेक्स एक साइडवेज मूवमेंट के साथ आगे बढ़ रहा है। धीरे-धीरे डेली चार्ट पर स्टेज-2 कप पैटर्न को आकार मिल रहा है। यह एक क्लासिकल कंटीन्यूअस फॉर्मेशन है जो आमतौर पर ऊपर की ओर ब्रेकआउट से पहले होता है। यह कंसोलीडेशन बाजार को हेल्दी बना रहा है। दायरे में हो रहे कारोबार के बावजूद ओवरऑल ट्रेंड पॉजिटिव है। इसके अलावा इंडेक्स अपने अहम लॉन्ग और शॉर्ट टर्म मूविंग एवरेज से ऊपर कारोबार कर रहा है। ये भी बाजार के लिए एक अच्छा संकेत है। पिछले कुछ कारोबारी सत्रों से डेली आरएसआई 62-56 के बीच छोटे दायरे में ऊपर नीचे हो रहा है।
इस तरह के प्राइस और इंडीकेटर एक्शन से आम तौर पर इस बात का संकेत मिलता है कि बाजार रफ्तार पकड़ने की तयारी में है। सतह के नीचे चुपचाप आगे बढ़ने लिए ताकत इकट्ठी की जा रही है। रेजिस्टेंस जोन से के ऊपर का एक ब्रेकआउट ट्रिगर के रूप में कार्य कर सकता है और बैंक निफ्टी को नई रफ्तार पकड़ा सकता है।
अहम स्तरों की बात करें तो 56,000-56,100 का जोन पार होने पर 56,900 के स्तर तक तीव्र उछाल देखने को मिल सकता है। जिसके बाद शॉर्ट टर्म में बैंक निफ्टी में 57,600 का स्तर देखने को मिल सकता है। वहीं, नीचे की तरफ 55,050-54,950 के जोन में स्थित 20-day EMA बैंक निफ्टी के लिए तत्काल सपोर्ट का काम कर सकता है। अगर बैंक निफ्टी 54,950 के नीचे फिसलता है तो फिर इसके लिए अगला सपोर्ट 54,400 के स्तर पर होगा।
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