Market trend : ग्लोबल टेक शेयरों में बिकवाली से सेंटिमेंट हुआ खराब, सेंसेक्स-निफ्टी ने की कमजोर शुरुआत
Market today : टेक्नोलॉजी स्टॉक्स में ग्लोबल कमजोरी के कारण भारतीय बाजार आज निचले स्तर पर खुले हैं, हालांकि लार्ज कैप में रोटेशन और मजबूत घरेलू प्रवाह गिरावट को सीमित कर सकते हैं
निफ्टी ने बीते हफ़्ते के आखिर में अच्छी रिकवरी की, जिससे एक मज़बूत डिमांड ज़ोन बना। हालांकि, मेन ट्रेंड कमजोर बना हुआ है। निफ्टी लगातार लोअर हाई बना रहा है, जो 26,200 के आसपास लगातार बने सप्लाई प्रेशर का संकेत देता है
Stock market news : ग्लोबल मार्केट में बड़े पैमाने पर बिकवाली के संकेतों के चलते भारतीय शेयर बाज़ार 15 दिसंबर के सेशन में कमजोरी के साथ खुले हैं। वॉल स्ट्रीट और पूरे एशिया में कमज़ोरी का असर हमारे बाजार की शुरुआती चाल पर देखने को मिला है। निवेशक टेक्नोलॉजी शेयरों के महंगे वैल्यूएशन को लेकर फिर से परेशान दिख रहे हैं। इसके बावजूद, मार्केट के जानकारों का मानना है कि गिरावट सीमित रह सकती है, क्योंकि ब्रॉडर मार्केट से लार्ज कैप शेयरों में रोटेशन के संकेत मिल रहे हैं।
प्री-ओपनिंग में बाजार की धीमी शुरुआत हुई है। प्री-ओपनिंग में सेंसेक्स 153.28 अंक या 0.18 प्रतिशत गिरकर 85,114.38 पर और निफ्टी 241.50 अंक या 0.93 प्रतिशत गिरकर 25,805.45 पर दिख रहा है ।सुबह 7.50 बजे, GIFT निफ्टी भी 26,057 पर ट्रेड कर रहा था, जो 82 अंक या 0.3 प्रतिशत नीचे था। इससे घरेलू बेंचमार्क इंडेक्सों की गेटिव ओपनिंग हुई है।
फोकस में ग्लोबल मार्केट
पिछले कारोबारी सेशन में अमेरिकी बाज़ार टेक्नोलॉजी शेयरों में गिरावट के कारण काफी नीचे बंद हुए थे। नैस्डैक कम्पोजिट 1.6 प्रतिशत गिरा था, जिससे हाल ही में टेक्नोलॉजी शेयरों में आई गिरावट और बढ़ गई। S&P 500 रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के एक दिन बाद लगभग 1 प्रतिशत फिसल गया, जबकि डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 0.5 प्रतिशत गिरा, जो टेक्नोलॉजी कंपनियों में इसके कम एक्सपोज़र का संकेत है।
इस बात पर बढ़ते संदेह के बीच निवेशकों की रिस्क लेने की क्षमता कम हो गई है कि क्या टेक्नोलॉजी स्टॉक्स महंगे वैल्यूएशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर भारी खर्च को सही ठहरा पाएंगे। इसका असर इस साल अच्छा प्रदर्शन करने वाले एशियाई बाजारों पर भी पड़ा है। एशियाई बाजार भी ग्लोबल टेक्नोलॉजी सप्लाई चेन पर बहुत ज़्यादा निर्भर हैं। आज 2025 के आखिरी ट्रेडिंग वीक में एशियाई शेयर बाज़ार गिरावट के साथ खुले हैं। टेक्नोलॉजी कंपनियों की अर्निंग पर दबाव की संभावना और उनके AI से जुड़े कैपिटल खर्च को लेकर जुड़ी चिंताओं ने पूरे क्षेत्र में माहौल खराब कर दिया है।
फोकस में ICICI Pru AMC
देश में, निवेशकों का ध्यान ICICI प्रूडेंशियल AMC के IPO पर रहेगा, जिसका सब्सक्रिप्शन आज दूसरे दिन में प्रवेश कर रहा है। उम्मीद है कि इस इश्यू को अच्छी डिमांड मिलेगी, क्योंकि इस फंड हाउस के पास इक्विटी, डेट, हाइब्रिड, पैसिव और थीमेटिक स्ट्रैटेजी में कुल 143 स्कीम के साथ प्रोडक्ट्स की एक बड़ी रेंज है।
रुपये की कमजोरी से चिंता
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 90.55 तक गिरने के बाद फोकस में रहेगा। ये अपने पिछले ऑल टाइम लो 90.47 से भी नीचे चला गया है। एनालिस्ट चेतावनी दे रहे हैं कि करेंसी में लगातार कमजोरी से करंट अकाउंट डेफिसिट पर दबाव बढ़ सकता है और भारतीय इक्विटी में विदेशी पूंजी का फ्लो कम हो सकता है।
ट्रंप चुनेंगे फेड का नया चेयरमैन
शुक्रवार देर रात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि जब जेरोम पॉवेल का कार्यकाल मई में खत्म होगा तो फेडरल रिज़र्व के चेयरमैन के तौर पर उनकी जगह लेने के लिए केविन हैसेट सबसे आगे रहेंगे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि केविन वॉर्श के नाम पर भी विचार किया जा रहा है। अगले साल मॉनेटरी पॉलिसी पर इसके असर को देखते हुए इस नियुक्ति पर करीब से नज़र रखी जा रही है।
संस्थागत निवेशकों पर रहेगी नजर
पिछले सेशन में, विदेशी इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स ने 1,114 करोड़ रुपये के इंडियन इक्विटीज़ शेयर बेचे, जबकि डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स ने खरीदार बनकर 3,869 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
टेक्निकल आउटलुक
निफ्टी ने बीते हफ़्ते के आखिर में अच्छी रिकवरी की, जिससे एक मज़बूत डिमांड ज़ोन बना। हालांकि, मेन ट्रेंड कमजोर बना हुआ है। निफ्टी लगातार लोअर हाई बना रहा है, जो 26,200 के आसपास लगातार बने सप्लाई प्रेशर का संकेत देता है। 26,000–25,900 का बैंड एक अहम सपोर्ट एरिया के तौर पर उभर रहा है, जिसने पहले एक मज़बूत रेजिस्टेंस ज़ोन के तौर पर काम किया था।
SAMCO सिक्योरिटीज के डेरिवेटिव्स रिसर्च एनालिस्ट, धुपेश धमेजा की राय है कि 26,500 स्ट्राइक पर लगभग 1.19 करोड़ कॉल कॉन्ट्रैक्ट्स का बड़ा ओपन इंटरेस्ट जमा होना इस लेवल को एक बड़ा रेजिस्टेंस बनाता है। इसके उलट, 26,000 स्ट्राइक पर लगभग 1.36 करोड़ पुट कॉन्ट्रैक्ट्स एक मज़बूत सपोर्ट बेस बनाता है।"
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