अपने ऑल-टाइम हाई के करीब आने के बाद, बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी और सेंसेक्स के 21 नवंबर के सेशन की शुरुआत फ्लैट नोट पर होने की संभावना है। कमजोर ग्लोबल संकेतों से सेंटिमेंट पर असर पड़ रहा है। रिस्क-ऑफ मूड आज भारतीय बाज़ारों में सकर्कता के माहौल की ओर इशारा कर रहा है। ग्लोबल उतार-चढ़ाव बाजार की शुरुआती चाल तय कर सकते हैं। आज वीकली फ्राइडे क्लोज है, इसलिए बाज़ार के कंसोलिडेशन रेंज में ट्रेड करने की उम्मीद है।
एनरिच मनी के CEO पोनमुडी आर ने कहा कि ग्लोबल कमजोरी बाजार की बढ़त पर विराम लगा सकती है। सेलेक्टिव प्रॉफिट-बुकिंग से इनकार नहीं किया जा सकता। हालांकि, शॉर्ट-टर्म में सावधानी के मूड के बावजूद,भारत के लिए बड़ा ट्रेंड पॉजिटिव बना हुआ है।
21 नवंबर को इन अहम स्तरों पर रहे नजर
टेक्निकल नज़रिए से देखें तो निफ्टी ने अहम रेजिस्टेंस लेवल को आसानी से पार कर लिया है और लगातार रिकॉर्ड ऊंचाई की ओर बढ़ रहा है। बड़ा सेटअप कंस्ट्रक्टिव बना हुआ है क्योंकि इंडेक्स अपने 10-दिन और 20-दिन के एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज से ऊपर बना हुआ है। ये ऐसे ज़ोन हैं जिन्होंने लगातार डायनामिक सपोर्ट का काम किया है।
SAMCO सिक्योरिटीज के डेरिवेटिव्स रिसर्च एनालिस्ट, धूपेश धमेजा का कहना है कि पिछले रेजिस्टेंस लेवल अब भरोसेमंद सपोर्ट में बदल गए हैं, जिससे लॉन्ग-टर्म बुलिश बायस मजबूत हुआ है और चल रहा अपट्रेंड मजबूत बना हुआ है। जब तक इंडेक्स 25,900–25,850 सपोर्ट कॉरिडोर से ऊपर बना रहता है, ट्रेडर्स "बाय-ऑन-डिप्स" अप्रोच बनाए रख सकते हैं।
ऊपर की तरफ निफ्टी के लिए 26,270 के पास तत्काल रेजिस्टेंस है जो इसका पिछला ऑल-टाइम हाई है। इस थ्रेशहोल्ड के ऊपर स्टेबल क्लोजिंग से मोमेंटम से जुड़ी नई खरीदारी शुरू हो सकती है, जिससे इंडेक्स शायद नई टेरिटरी में जा सकता है। इसके उलट, 25,850 से नीचे की कोई भी गिरावट (जब तक स्ट्रक्चरल सपोर्ट बना रहता है,तब तक) नई खरीदारी के लिए ट्रिगर का काम कर सकती है।
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