Market trend : सुस्त शुरुआत के बाद 24 नवबंर को बाजार में निचले स्तरों से अच्छी रिकवरी आई है। 11 बजे के आसपास सेंसेक्स 137.76 पॉइंट्स या 0.16 परसेंट बढ़कर 85,369.68 पर और निफ्टी 45.90 पॉइंट्स या 0.18 परसेंट बढ़कर 26,114.05 पर नजर आ रहा था। लगभग 1386 शेयर बढ़े थे, 2174 शेयर गिरे हैं और 187 शेयर बिना किसी बदलाव के कारोबार कर रहे थे। वहीं निफ्टी बैंक 300 प्वाइंट से ज्यादा चढ़ा था। मिड और स्मॉल कैप में भी सुधार देखने को मिला है। उधर INDIA VIX करीब 4 परसेंट नीचे आ गया है। इससे तेजड़ियों को राहत मिली है।
जेफरीज ने अपनी इंडिया स्ट्रेटेजी में कहा है कि नतीजों के खराब ट्रेंड का दौर पीछे छूट गया है। दूसरी छमाही और वित्त वर्ष 2027 से EPS का ट्रेंड सुधर सकता है। ऑटो, बैंक, पावर और कंज्यूमर के नतीजों में सुधार संभव है। कम बेस और पॉलिसी सपोर्ट से नतीजों को सपोर्ट संभव है। टेलीकॉम और सीमेंट में सबसे ज्यादा EPS ग्रोथ संभव है। वित्त वर्ष 2027 में 13-15 फीसदी EPS ग्रोथ की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही की अर्निंग्स पर मौसम की खराबी और कमजोर मांग का असर देखने को मिला है। दिक्कतें कम होने से वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही से अर्निंग का ट्रेंड बेहतर होगा। वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में अर्निंगस में सालाना आधार पर 10 फीसदी की बढ़ोतरी की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2027 की अर्निंग्स ब्रॉड सेक्टर सपोर्ट से 16 फीसदी बढ़ सकती है। इस अवधि में रेवेन्यू में 13-14 फीसदी की और मार्जिन में 20 Bps की बढ़ोतरी हो सकती है।
IT में सबसे ज्यादा रफ्तार देखने को मिल रही है। निफ्टी का आईटी इंडेक्स करीब डेढ़ परसेंट मजबूती के साथ कारोबार कर रहा है। इंफोसिस,टेक महिंद्रा, HCL टेक निफ्टी के टॉप गेनर्स में शामिल हैं। साथ ही सरकारी बैंकों में भी बहार लौटी है। लेकिन रियल्टी, NBFCs और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स पर दबाव देखने को मिल रहा है। दुबई एयर शो में तेजस फाइटर जेट क्रैश होने से HAL टूटा है। ये शेयर करीब 3 परसेंट गिरकर वायदा का टॉप लूजर बना है। वहीं BEL और भारत डायनेमिक्स में भी कमजोरी है। निफ्टी डिफेंस करीब डेढ़ परसेंट कमजोर हुआ है।
नए लेबर कोड से स्टाफिंग और वर्कफोर्स सॉल्यूशन कंपनियों वाले शेयरों में जोरदार तेजी आई है। आज के सत्र में टीमलीज सर्विसेज करीब 10 फीसदी दौड़ा है। वहीं क्वेस कॉर्प में भी मजबूती के साथ कारोबार हो रहा है। 21 नवंबर से 4 नए लेबर कोड लागू हुए हैं। नए कानून से गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को सिक्योरिटी मिलेगी।
इस बीच जेफरीज ने अपनी इंडिया स्ट्रेटेजी में कहा है कि नतीजों के खराब ट्रेंड का दौर पीछे छूट गया है। दूसरी छमाही और वित्त वर्ष 2027 से EPS का ट्रेंड सुधर सकता है। ऑटो, बैंक, पावर और कंज्यूमर के नतीजों में सुधार संभव है। कम बेस और पॉलिसी सपोर्ट से नतीजों को सपोर्ट संभव है। टेलीकॉम और सीमेंट में सबसे ज्यादा EPS ग्रोथ संभव है। वित्त वर्ष 2027 में 13-15 फीसदी EPS ग्रोथ की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही की अर्निंग्स पर मौसम की खराबी और कमजोर मांग का असर देखने को मिला है। दिक्कतें कम होने से वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही से अर्निंग का ट्रेंड बेहतर होगा। वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में अर्निंगस में सालाना आधार पर 10 फीसदी की बढ़ोतरी की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2027 की अर्निंग्स ब्रॉड सेक्टर सपोर्ट से 16 फीसदी बढ़ सकती है। इस अवधि में रेवेन्यू में 13-14 फीसदी की और मार्जिन में 20 Bps की बढ़ोतरी हो सकती है।
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