Market Outlook: 19 मई को खत्म हुए हफ्ते में बाजार में वोलैटिलिटी हावी रही। मिलेजुले ग्लोबल संकेतों के बीच बाजार साप्ताहिक आधार पर 0.5 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ है। इस हफ्ते बाजार पर अमेरिकी डेट सीलिंग का मुद्दा हावी रहा। हालांकि कंपनियों के अच्छे नतीजों और विदेशी संस्थागत निवेशकों की खरीदारी ने बाजार को निचले स्तरों पर सपोर्ट दिया। हफ्ते के अंत में बीएसई सेंसेक्स 298.22 अंक या 0.48 फीसदी गिरकर 61729.68 पर और निफ्टी 50 इंडेक्स 111.4 अंक या 0.60 फीसदी की गिरावट के साथ 18203.40 पर बंद हुआ। इस महीने अब तक सेंसेक्स और निफ्टी में 1 फीसदी और 0.77 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
बीएसई मिड-कैप इंडेक्स सपाट बंद हुआ
सप्ताहिक आधार बीएसई मिड-कैप इंडेक्स सपाट बंद हुआ है। वहीं, स्मॉल-कैप इंडेक्स 0.4 फीसदी बढ़कर बंद हुआ है। जबकि लार्ज-कैप सूचकांक 0.6 फीसदी गिर कर बंद हुआ है। निफ्टी 50 में शामिल कंपनियों के अब तक आए नतीजों पर नजर डालें तो इनकी आय में 9.7 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है, जो 10.6 फीसदी के अनुमान से कम है। जबकि निफ्टी 500 की आय में अनुमानित 8.9 फीसदी की तुलना में 11.7 फीसदी की बढ़त हुई है। ये मिड और स्मॉल-कैप के बेहतर प्रदर्शन का संकेत है।
निफ्टी फार्मा इंडेक्स 3 फीसदी भागा
सेक्टोरल इंडेक्स पर नजर डालें तो निफ्टी फार्मा इंडेक्स 3 फीसदी, मीडिया इंडेक्स 2 फीसदी और ऑयल एंड गैस इंडेक्स 1.8 फीसदी गिरकर बंद हुए हैं। जबकि निफ्टी रियल्टी और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी इंडेक्स में 1 फीसदी की तेजी आई है। बीते हफ्ते बीएसई का स्मॉलकैप इंडेक्स 0.4 फीसदी बढ़त के साथ बंद हुआ है। रेप्रो इंडिया, ऑरियोनप्रो सॉल्यूशंस, शक्ति पंप्स (इंडिया), डीदेव प्लास्टिक इंडस्ट्रीज, कोकुयो कैमलिन और इंडो अमाइन्स में 24-45 फीसदी की बढ़त देखने को मिली। वहीं, दूसरी तरफ श्रेयस शिपिंग, सुबेक्स, ऑटोमोटिव एक्सल, जेके टायर एंड इंडस्ट्रीज, एथोस, नेशनल फर्टिलाइजर्स, टीवी टुडे नेटवर्क, थिरुमलाई केमिकल्स और सोलारा एक्टिव फार्मा साइंसेज में 10-20 फीसदी की गिरावट आई।
विदेशी संस्थागत निवेशकों की खरीदारी से मिला सपोर्ट
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने इस हफ्ते भारतीय इक्विटी मार्केट में 4098.2 करोड़ रुपये की खरीदारी की, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 677.45 करोड़ रुपये की बिकवाली की। हालांकि, अब तक इस महीने में एफआईआई ने 17376.31 करोड़ रुपये की इक्विटी खरीदी है और डीआईआई ने 4674.68 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची है।
जानिए अगले हफ्ते कैसी रह सकती है बाजार की चाल
कोटक सिक्योरिटीज के श्रीकांत चौहान का कहना है कि घरेलू इक्विटी बाजारों में इस हफ्ते थोड़ा सुधार देखने को मिला। अमेरिकी ऋण सीमा के से जुड़ी चिंताओं के बीच इस हफ्ते ग्लोबल बाजारों में मिला-जुला रुख रहा। सेक्टोरल इंडेक्स पर नजर डालें तो इस हफ्ते के दौरान अधिकांश सूचकांकों में गिरावट दिखी। हालांकि, बीएसई आईटी और बीएसई रियल्टी ने इस हफ्ते बढ़त दिखाई। हाल के हफ्तों में एफआईआई भारतीय इक्विटी के शुद्ध खरीदार रहे हैं। ग्लोबल ग्रोथ में सुस्ती की संभावना कायम है भले ही महंगाई में कमी देखने को मिली हो। अगले हफ्ते भी कई कंपनियों के नतीजे आएंगे ऐसे में बाजार में स्टॉक विशेष गतिविधि देखने को मिलेगी।
श्रीकांत चौहान ने आगे कहा कि बाजार की नजर आगे बढ़ते हुए मानसून की गति पर भी रहेगी। अपने नवीनतम अपडेट में आईएमडी ने उम्मीद जताई है कि केरल में मानसून की शुरुआत में थोड़ी देरी हो सकती है।
एंजेल वन के ओशो कृष्णन का कहना है कि जोरदार तेजी के बाद बाजार में एक करेक्शन की पहले से ही उम्मीद थी। लेकिन बाजार का ओवरऑल स्ट्रक्चर अभी भी मजबूत बना हुआ है। बुल्स अपने अहम सपोर्ट स्तर को बचाए रखने में कामयाब रहे हैं। यहां तक की ऑवरली चार्ट पर RSI में पॉजिटिव डायवर्जेंस के साथ 'वोल्फ वेव' पैटर्न का गठन सूचकांक के लिए सकारात्मक संकेत है। तकनीकी नजरिए से देखें तो निफ्टी 18050-18000 को बचाए रखने में कामयाब रहा है। आगे भी ये स्तर निफ्टी के लिए अहम सपोर्ट का काम करेंगे। ऊपर की तरफ निफ्टी के लिए 18400-18450 पर रजिस्टेंस दिख रहा है। अगर निफ्टी इस बाधा को पार कर लेता है तो फिर इसमें और तेजी देखने को मिलेगी।
शेयरखान के जतिन गेडिया का कहना है कि निफ्टी के ऑवरली मोमेंटम इंडीकेटर पर दिख रहा पॉजिटिव डाइवर्जेंस गिरावट थमने के संकेत दे रहा है। अब अगले कुछ कारोबारी सत्रों में निफ्टी में तेजी देखने को मिल सकती है। निफ्टी के लिए अहम लेवल्स की बात करें 18300 - 18350 पर तत्काल बाधा दिख रही है जबति 18100 - 18050 पर सपोर्ट दिख रहा है। कुल मिलाकर अभी भी लगता है कि निफ्टी कंसोलीडेशन के मोड में है और आगे यह 18000 –18400 के जोन में कंसोलीडेट होता दिख सकता है।
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