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Morgan Stanley on market : बुल मार्केट अभी नहीं हुआ खत्म, मॉर्गन स्टैनली को इन शेयरों में नजर आ रहे कमाई के मौके

Morgan Stanley on banking stocks : ब्रोकरेज का कहना है वित्तीय कंसोलिडेशन से प्राइवेट कैपेक्स ग्रोथ की गुंजाइश है। खर्च बढ़ने से कंपनियों के नतीजों में ग्रोथ बढ़ सकती है। बैंकों में चुनिंदा नजरिया अपनाने का वक्त है। बड़े प्राइवेट बैंक ज्यादा बेहतर लग रहे हैं। बड़े बैंकों में कहीं ऊंचे वैल्युएशन संभव हैं

अपडेटेड Sep 04, 2024 पर 5:27 PM
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मॉर्गन स्टैनली को डिफेंसिव के मुकाबले सिक्लिकल शेयर बेहतर लग रहे हैं। इसके अलावा इसको मिडकैप और स्मॉलकैप के मुकाबले लार्जकैप शेयर बेहतर दिख रहे हैं

मॉर्गन स्टैनली ने भारत के तेजी के बाजार की सेहत को लेकर एक अहम नोट जारी किया है। इसमें भारतीय बाजार में करेक्शन के कारणों की चर्चा की गई है। बाजार पर मॉर्गन स्टैनली का रेड अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि मौजूदा बुल मार्केट में करेक्शन के कई ट्रिगर हैं। उस करेक्शन की वजह फंडामेंटल और टेक्निकल दोनों होंगे। लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि बुल मार्केट खत्म हो गया है। हम अभी बुल मार्केट के आधे रास्ते तक ही पहुंचे हैं।

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करेक्शन की क्या हो सकती है वजह?


मॉर्गन स्टैनली ने अपने नोट में कहा है कि सिर्फ वैल्युएशन करेक्शन का कारण नहीं होगा। फंडामेंटल और सेटिमेंटल बदलावों के बीच ऊंचे वैल्युएशन से बाजार को लेकर फिक्र हो रही है।

करेक्शन की क्या हैं टेक्निकल और फंडामेंटल वजहें

कोविड के बाद पहली बार ग्रोथ सुस्त पड़ने के संकेत मिल रहे हैं। ग्लोबल ग्रोथ धीमी पड़ी तो घरेलू कंपनियों के नतीजों में भी नरमी आएगी। सरकारी नीतियां री-डिस्ट्रिब्यूशन की ओर बढ़ रही हैं। टेक्निकल रिस्क की बात करते हुए मॉर्गन स्टैनली का कहना है कि रिटेल निवेशक अब प्राइमरी मार्केट पर शिफ्ट हो सकते हैं। ग्लोबल बाजारों में तेज गिरावट आई तो भारत पर भी असर होगा।

बुल मार्केट में अगली तेजी कहां?

वित्तीय कंसोलिडेशन से प्राइवेट कैपेक्स ग्रोथ की गुंजाइश है। खर्च बढ़ने से कंपनियों के नतीजों में ग्रोथ बढ़ सकती है। रिटेल निवेशकों की इक्विटी होल्डिंग में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। आगे भारतीय बाजारों में विदेशी निवेश में बढ़ोतरी हो सकती है।

मॉर्गन स्टैनली के पसंदीदा शेयर

मॉर्गन स्टैनली को डिफेंसिव के मुकाबले सिक्लिकल शेयर बेहतर लग रहे हैं। इसके अलावा इसको मिडकैप और स्मॉलकैप के मुकाबले लार्जकैप शेयर बेहतर दिख रहे हैं। मॉर्गन स्टैनली ने बताया है कि वो इस समय फाइनेंशियल, टेक्नोलॉजी, कंज्यूमर डिस्क्रिशनरी और इंडस्ट्रियल शेयरों पर ओवरवेट है।

बैंकों पर मॉर्गन स्टैनली

मॉर्गन स्टैनली का कहना है कि बैंकों में चुनिंदा नजरिया अपनाने का वक्त है। इस सेक्टर में मजबूती के आधार पर मुनाफे में काफी फर्क देखने को मिल सकता है। बड़े प्राइवेट बैंक ज्यादा बेहतर लग रहे हैं। बड़े बैंकों में कहीं ऊंचे वैल्युएशन संभव हैं।

MS के लार्जकैप पसंदीदा बैंकों में ICICI Bank, Kotak Bank और Axis Bank शामिल हैं। फेडरल बैंक पर मॉर्गन स्टैनली इक्वलवेट से डाउनग्रेड करके अंडरवेट हो गया है। वहीं, यस बैंक का टारगेट 16.50 रुपए से बढ़ा कर 16.60 रुपए और कोटक महिंद्रा बैंक का टारगेट 2,300 रुपए से घटा कर 2,290 रुपए और RBL बैंक का टारगेट 260 रुपए से घटा कर 210 रुपए कर दिया है

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