स्मॉलकैप और मिडकैप म्यूचुअल फंड्स के रिटर्न में क्यों है बड़ा अंतर, एक्सपर्ट ने बताए ये कारण
मिडकैप और स्मॉलकैप म्यूचुअल फंड्स इस साल बड़े उतार-चढ़ाव से गुजर रहे हैं। कुछ फंड्स ने शानदार रिटर्न दिए, जबकि कुछ पीछे रह गए। आखिर ऐसा क्यों हुआ? फिसडम (Fisdom) के रिसर्च हेड नीरव आर करकेरा ने CNBC-TV18 के साथ एक बातचीत में इसे लेकर विस्तार से बात की।
Invesco India Mid Cap Fund ने पिछले एक साल में करीब 14% का रिटर्न दिया है
मिडकैप और स्मॉलकैप म्यूचुअल फंड्स इस साल बड़े उतार-चढ़ाव से गुजर रहे हैं। कुछ फंड्स ने शानदार रिटर्न दिए, जबकि कुछ पीछे रह गए। आखिर ऐसा क्यों हुआ? फिसडम (Fisdom) के रिसर्च हेड नीरव आर करकेरा ने CNBC-TV18 के साथ एक बातचीत में इसे लेकर विस्तार से बात की। साथ ही उन फंड्स के रिटर्न के अंतर को लेकर बात की और यह भी बताया कि निवेशकों को इस कैटेगरी में निवेश करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
मिडकैप फंड्स में इतना बड़ा फर्क कैसे?
कारकेरा ने सबसे पहले Invesco India Mid Cap Fund की बात की, जिसने पिछले एक साल में करीब 14% का रिटर्न दिया है और अपने बेंचमार्क से कहीं बेहतर प्रदर्शन किया है। उन्होंने बताया कि इस फंड की सबसे बड़ी खासियत है कि यह "अपने लेबल पर खरा उतरता है।”है। यानी बहुत से मिडकैप फंड्स बड़े रिटर्न की तलाश में लार्जकैप स्टॉक्स भी जोड़ लेते हैं, लेकिन Invesco का यह फंड पूरी तरह मिडकैप स्पेस में ही निवेश करता है।
यह फंड किसी थीम या सेक्टर के पीछे भागने के बजाय एकदम “बॉटम-अप स्टॉक चुनने” के तरीके पर चलता है। फाइनेंशियल, रियल एस्टेट, इंडस्ट्रियल और डिफेंस में मौकों को जल्दी पहचानने की इसकी काबिलियत ने रिटर्न को सपोर्ट किया है। इसके पोर्टफोलियो में L&T फाइनेंस, AU स्मॉल फाइनेंस बैंक, गोदरेज प्रॉपर्टीज और भारत डायनेमिक्स जैसे स्टॉक्स हैं, जिन्होंने अच्छा योगदान दिया है।
Motilal Oswal Midcap Fund क्यों पिछड़ गया?
इसके बाद कारकेरा ने मोतीलाल ओसवाल मिडकैप फंड का उदाहरण दिया, जिसने इस साल उतना अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। ध्यान देने वाली बात यह है कि इस फंड की पिछली तीन साल की CAGR लगभग 25% रही है, यानी लॉन्ग टर्म में यह एक मजबूत परफॉर्मर रहा है। तो फिर इस साल क्या हुआ?
कारकेरा के मुताबिक, इसकी वजह है फंड की हाई-कन्विक्शन और कन्सन्ट्रेटेड स्ट्रेटेजी। इस तरह की रणनीति तब शानदार रिटर्न देती है जब बाजार इसके थीम्स के साथ चलता है, लेकिन अगर थीम कमजोर हो जाएं तो फंड का प्रदर्शन गिर सकता है।
2025 में प्रीमियम कंजम्पशन, इंजीनियरिंग सर्विसेज और मिडकैप IT, ये तीनों थीम दबाव में रहे, जिसकी वजह से फंड का रिटर्न कमजोर रहा। हालांकि कारकेरा का मानना है कि जब मार्केट साइकिल इनके पक्ष में आएगा, तो यही फंड फिर से अच्छा प्रदर्शन कर सकता है।
Invesco Small Cap Fund क्यों चमका?
स्मॉलकैप सेगमेंट की बात करें, तो कारकेरा ने Invesco Small Cap Fund को एक “लगातार बेहतर परफॉर्म” करने वाला फंड बताया। उन्होंने कहा कि इस फंड की ताकत इसकी रिसर्च-ड्रिवन अप्रोच है। यह फंड किसी थीम या चेजिंग बायस से दूर रहता है और कंपनियों को बारीकी से स्टडी कर bottom-up तरीके से चुनता है।
इसका पोर्टफोलियो काफी डाइवर्सिफाइड है और इसमें कैपिटल मार्केट्स, इंफ्रास्ट्रक्चर और हॉस्पिटल सेक्टर से अच्छे स्टॉक्स शामिल हैं। यह फंड दो चीजों को सबसे ज्यादा महत्व देता है, वैल्यूएशन में कम्फर्ट और कमाई की विजिबिलिटी। यही कारण है कि उतार-चढ़ाव वाले बाजार में भी यह फंड लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।
DSP Nifty Small Cap Quality 50 Index Fund क्यों फिसला?
अंत में कारकेरा ने DSP निफ्टी स्मॉलकैप क्वालिटी 50 इंडेक्स फंड की चर्चा की, जो इस साल करीब 12% नीचे है। यह एक पैसिव और रूल-बेस्ड फंड है, जो सिर्फ “क्वालिटी फैक्टर” पर फोकस करता है। इस तरह की रणनीति तभी काम करती है जब छोटे कंपनियों में “क्वालिटी थीम” एक साथ अच्छा प्रदर्शन करे। लेकिन मौजूदा बाजार में ऐसा देखने को नहीं मिला।
स्मॉलकैप सेगमेंट का बड़ा हिस्सा इस साल गिरावट में रहा और क्वालिटी फैक्टर ने भी मजबूती नहीं दिखाई, जिसकी वजह से यह फंड लचीलापन नहीं दिखा पाया। एक्टिव फंड मैनेजर्स जहां खराब सेक्टरों से निकलकर नए अवसरों में जा सकते हैं, वहीं ऐसे पैसिव फंड्स सिर्फ नियमों के हिसाब से ही चलते हैं, यही इसकी कमजोरी और मजबूती दोनों है।
कुल मिलाकर मिडकैप और स्मॉलकैप फंड्स में रिटर्न का इतना बड़ा अंतर इसलिए है क्योंकि हर फंड की रणनीति, स्टॉक-पिकिंग स्टाइल अलग-अलग है। निवेशकों के लिए सबसे जरूरी बात यह है कि किसी भी फंड का आकलन सिर्फ रिटर्न देखकर नहीं करना चाहिए, बल्कि यह समझना चाहिए कि वह फंड किस तरह निवेश करता है और किन परिस्थितियों में अच्छा या खराब प्रदर्शन कर सकता है।
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