Mutual Funds Stakes in March: मार्च में बाजार में करेक्शन के दौरान, नियामक चेतावनियों के कारण, म्यूचुअल फंडों ने सावधानीपूर्वक मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में छोटी मात्रा में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा दी है। 127 मिडकैप फर्मों में से, जहां म्यूचुअल फंड निवेश किया जाता है, 69 में म्यूचुअल फंड की हिस्सेदारी में बढ़त देखी गई, जबकि शेष 58 शेयरों में उनकी हिस्सेदारी कम हो गई। ACE equities data के मुताबिक, म्यूचुअल फंड ने 19 मिडकैप शेयरों में 100 करोड़ रुपये से 865 करोड़ रुपये का निवेश किया। जबकि 29 शेयरों ने मार्च में 10-99 करोड़ रुपये निवेश किये गये।
स्मॉलकैप सेगमेंट में, म्यूचुअल फंड की लगभग 720 कंपनियों में हिस्सेदारी है। 192 कंपनियों में उनकी हिस्सेदारी घटी और 451 में बढ़ी, जबकि 77 शेयरों में मार्च में एमएफ हिस्सेदारी में कोई बदलाव नहीं हुआ। 20 स्मॉलकैप में म्यूचुअल फंड निवेश 100 करोड़ रुपये से 665 करोड़ रुपये तक था, जबकि 125 शेयरों में यह 10-99 करोड़ रुपये था।
Samvardhana Motherson International में सबसे ज्यादा हुई खरीदारी
मिडकैप सेगमेंट में संवर्धन मदरसन इंटरनेशनल 856 करोड़ रुपये की MF की खरीदारी के साथ सबसे आगे है। इसके बाद स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लगभग 853 करोड़ रुपये और केनरा बैंक 604 करोड़ रुपये के साथ दूसरे स्थान पर है। मार्च में एक प्रमुख ब्लॉक डील के बाद संवर्धन मदरसन इंटरनेशनल में 7.32 करोड़ शेयरों की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। जिससे इसमें MF होल्डिंग्स एक महीने पहले 83.01 करोड़ से बढ़कर 90.33 करोड़ शेयर हो गई। सेल में MF के शेयरों में 6.35 करोड़ की वृद्धि देखी। जबकि केनरा बैंक ने MF द्वारा 1.04 करोड़ शेयरों की खरीद दर्ज की।
Shriram Finance में सबसे ज्यादा बिकवाली
मिडकैप क्षेत्र में म्यूचुअल फंडों (MF) द्वारा सबसे अधिक बिक्री श्रीराम फाइनेंस में 514 करोड़ रुपये की हुई। इसके बाद ल्यूपिन और पीबी फिनटेक में 515 करोड़ रुपये और 469 करोड़ रुपये की बिक्री हुई। जिंदल स्टील एंड पावर, कमिंस इंडिया और टाटा कम्युनिकेशंस में म्यूचुअल फंडों द्वारा 300 करोड़ रुपये से 400 करोड़ रुपये के बीच बिकवाली देखी गई।
स्मॉलकैप सेगमेंट में NLC India में खरीदारी और Bata India में बिकवाली
स्मॉलकैप सेगमेंट में, सरकार द्वारा ऑफर-फॉर-सेल के माध्यम से अपनी हिस्सेदारी कम करने के बाद एनएलसी इंडिया में MF की ओर से सबसे बड़ा बाईंग इंटरेस्ट देखने को मिला। उन्होंने 665 करोड़ रुपये के करीब 2.92 करोड़ शेयर खरीदे। प्रेस्टीज एस्टेट प्रोजेक्ट्स, सुवेन फार्मास्यूटिकल्स और जीआर इंफ्राप्रोजेक्ट्स जैसी अन्य कंपनियों में MF ने अपनी हिस्सेदारी क्रमश: 405 करोड़ रुपये, 282 करोड़ रुपये और 262 करोड़ रुपये तक बढ़ा दी।
बाटा इंडिया सबसे बड़ा स्मॉलकैप स्टॉक था, जिसमें MF द्वारा लगभग 276 करोड़ रुपये की बिक्री देखी गई। इसके बाद भारत डायनेमिक्स और हिंदुस्तान कॉपर में MF द्वारा 193 करोड़ रुपये और 178 करोड़ रुपये की बिक्री की गई।
मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों से दूर रहने की सलाह
कई एनालिस्ट्स ने निवेशकों को आगाह किया है कि वे अभी मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों से दूर रहें। इसके बजाय, केवल क्वालिटी वाले शेयरों पर फोकस करें। Invasset PMS के संस्थापक और फंड मैनेजर अनिरुद्ध गर्ग ने हाल ही में मनीकंट्रोल के साथ साक्षात्कार में कहा कि मिडकैप और स्मॉलकैप दोनों सेगमेंट का अधिक वैल्यूएशन किया गया था। उन्होंने निवेशकों से सावधानी से निवेश करने का आग्रह किया।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरुण लोहचब ने मनीकंट्रोल के साथ बातचीत में उनका समर्थन करते हुए कहा कि मार्च में गिरावट के बाद भी ब्रॉडर मार्केट में उछाल है, खासकर स्मॉलकैप में ऐसा दिखा है। उन्हें स्मॉलकैप में और गिरावट की आशंका है क्योंकि ये स्टॉक अपने फंडामेंटल से ऊपर कारोबार कर रहे हैं। लोहचाब का यह भी सुझाव है कि एक और करेक्शन वेव स्मॉलकैप को अधिक वाजिब स्तर पर ला सकती है।
डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।)