म्यूचुअल फंड की एक खास स्कीम के लिए नियमों में बदलाव करना चाहता है सेबी

शेयर बाजार रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने ओवरनाइट म्यूचुअल फंड स्कीम्स (MFOS) के रिडेम्प्शन में NAV तय करने के लिए कट ऑफ टाइम बदलने का प्रस्ताव दिया है। ओवरनाइट म्यूचुअल फंड स्कीम (Overnight Mutual Fund Scheme) एक डेट म्यूचुअल फंड योजना है, जो मुख्य रूप से उन सिक्योरिटीज (Securities) में निवेश करती है, जिनकी मैच्योरिटी अवधि सिर्फ 1 दिन की होती है। ये फंड बेहद कम रिस्क और हाई लिक्विडिटी के साथ आते हैं, लिहाजा यह शॉर्ट-टर्म के लिए बेहतर विकल्प माना जाता है

अपडेटेड Jan 20, 2025 पर 9:35 PM
Story continues below Advertisement
सेबी ने ओवरनाइट योजनाओं से जुड़ी यूनिट खरीदने और बेचने के लिए एनएवी के कट ऑफ टाइम को 3 बजे से बढ़ाकर 7 बजे करने का प्रस्ताव दिया है।

शेयर बाजार रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने ओवरनाइट म्यूचुअल फंड स्कीम्स (MFOS) के रिडेम्प्शन में NAV तय करने के लिए कट ऑफ टाइम बदलने का प्रस्ताव दिया है। ओवरनाइट म्यूचुअल फंड स्कीम (Overnight Mutual Fund Scheme) एक डेट म्यूचुअल फंड योजना है, जो मुख्य रूप से उन सिक्योरिटीज (Securities) में निवेश करती है, जिनकी मैच्योरिटी अवधि सिर्फ 1 दिन की होती है। ये फंड बेहद कम रिस्क और हाई लिक्विडिटी के साथ आते हैं, लिहाजा यह शॉर्ट-टर्म के लिए बेहतर विकल्प माना जाता है।

क्या है सेबी का प्रस्ताव?

सेबी का कहना है कि ओवरनाइट योजनाओं से जुड़ी यूनिट खरीदने और बेचने के लिए एनएवी के कट ऑफ टाइम को 3 बजे से बढ़ाकर 7 बजे करने का प्रस्ताव दिया गया है। आसान शब्दों में कहें तो म्यूचुअल फंड्स कंपनियों के पास यूनिट बेचने और खरीदने का फैसला लेने के लिए ज्यादा समय मिलेगा। फिलहाल, यह समय 3 बजे तक का है। अब इसे बढ़ाकर 7 बजे करने की तैयारी है।


एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस बदलाव से फंड्स सही फैसला ले पाएंगे। लिहाजा, निवेशकों के लिए इन स्कीम्स में ज्यादा रिटर्न की संभावना बढ़ जाएगी। अगर प्रस्तावित बदलाव लागू होता है, तो स्टॉक ब्रोकर्स (एसबी) या क्लियरिंग सदस्य (सीएम) को म्यूचुअल फंड ओवरनाइट स्कीम्स (एमएफओएस) की यूनिट को अन-प्लेज करने और म्यूचुअल फंड को फैसला लेने के लिए बाजार बंद होने के बाद कई घंटे का समय मिलेगा।

MFOS में निवेश स्टॉक ब्रोकर्स या क्लियरिंग सदस्यों के लिए क्लाइंट फंड निवेश करने से जुड़ा एक नया विकल्प है। इसके अलावा, ऐसी MFOS इकाइयों का डीमैट रूप में होना जरूरी है और उन्हें हर समय क्लियरिंग कॉरपोरेशन के पास गिरवी रखना आवश्यक है।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।