52 Week low Stocks: एक्सपर्ट्स के मुताबिक शेयर बाजार में अधिक पैसा तभी कमाया जा सकता है, जब अच्छी कंपनियों के शेयर कम कीमत पर खरीदे जाएं। यहां हम तीन ऐसे Nifty 50 स्टॉक्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जो इस समय अपने 52-वीक लो पर ट्रेड कर रहे हैं। इन कंपनियों में नेस्ले इंडिया (Nestle India), एशियन पेंट्स (Asian Paints) और इंडसइंड बैंक (IndusInd Bank) शामिल हैं। इन शेयरों ने आज 19 दिसंबर को बाजार में कमजोर सेंटीमेंट के बीच अपने 52-वीक लो को छू लिया।
अपने 52-वीक हाई से इन शेयरों में निवेशकों की कुल संपत्ति 2.2 लाख करोड़ रुपये घट गई, जिसका मतलब है कि इनमें 44 फीसदी तक गिरावट आई है। आइए जानते हैं कि आज के कारोबार में निफ्टी 50 की ये प्रमुख कंपनियां क्यों निचले स्तर पर पहुंच गई हैं। आप इन कारणों को समझकर निवेश से जुड़ा निर्णय ले सकते हैं।
मार्केट कैप में गिरावट: 56395 करोड़ रुपये
सितंबर तिमाही की आय के बाद से इंडसइंड बैंक के शेयर में लगातार कमजोरी देखी गई है, क्योंकि बैंक ने खराब आंकड़े पेश किए हैं। इंडसइंड बैंक ने Q2FY25 में अपने कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट में बड़ी गिरावट दर्ज की, जो पिछले वर्ष की समान तिमाही की तुलना में 39.5 फीसदी घटकर 1331 करोड़ रुपये रह गया। जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान बैंक की नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) में सालाना आधार पर 5 फीसदी की वृद्धि देखी गई, जो 5347 करोड़ रुपये रही। हालांकि, NII में वृद्धि बाजार की उम्मीदों से कम रही।
माइक्रोफाइनेंस लोन बुक में तनाव के बीच इंडसइंड बैंक के प्रोविजन और कंटीजेंसी पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में दर्ज 974 करोड़ रुपये से 87 फीसदी बढ़कर 1820 करोड़ रुपये हो गईं। हाल ही में ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म यूबीएस ने इंडसइंड बैंक पर न्यूट्रल रुख बनाए रखा और बढ़ते नॉन-परफॉर्मिंग लोन (NPL) और बिगड़ती पोर्टफोलियो क्वालिटी पर चिंता का हवाला देते हुए इसके टारगेट प्राइस को 1350 रुपये से घटाकर 1150 रुपये प्रति शेयर कर दिया।
52-वीक हाई: 3422.95 रुपये
मार्केट कैप में गिरावट: 1.07 लाख करोड़ रुपये
शेयर में गिरावट दो सीनियर मैनेजमेंट एग्जीक्यूटिव, श्याम स्वामी और विशु गोयल द्वारा 17 दिसंबर 2024 को तत्काल प्रभाव से अपने इस्तीफे की घोषणा के बाद आई है। इसके अलावा, छोटे कंपटीटर्स की तुलना में कंपनी को धीमी ग्रोथ का सामना करना पड़ सकता है, खासकर बाजार में बिरला ओपस की एंट्री के साथ।
एशियन पेंट्स का बड़े शहरों में इंडेक्सेशन अधिक है - जो फूड इनफ्लेशन, हायर हाउसिंग रेंटल, कम वेतन वृद्धि और हाई इंटरेस्ट पेमेंट के कारण शहरी मंदी का खामियाजा भुगत रहे हैं। जिसका बड़ा प्रभाव देखने को मिल रहा है। इसके अलावा, इसे पिछले साल की तुलना में हायर बेस पर काम करना होगा।
मार्केट कैप में गिरावट: 58384 करोड़ रुपये
सितंबर तिमाही के मुनाफे में मामूली गिरावट की रिपोर्ट के बाद से FMCG कंपनी के शेयरों में दबाव देखने को मिल रहा है। यह गिरावट चैलेंजिंग एक्सटर्नल एनवायरनमेंट के कारण है, जिसमें कंज्यूमर डिमांड में कमी और खास तौर पर कॉफी और कोको के लिए कमोडिटी की ऊंची कीमतें शामिल हैं।
एमके ग्लोबल ने कहा, "नेस्ले इंडिया का हाई वैल्यूएशन उसकी बेहतरीन कार्यक्षमता, प्राइसिंग पावर, मजबूत पेरेंट कंपनी का सपोर्ट और हेल्दी रिटर्न प्रोफाइल का नतीजा है।" हालांकि, कंपनी वैल्यूएशन के मामले में उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाई, जिसके चलते इसके शेयर की कीमत पिछले कुछ हफ्तों में गिरावट दर्ज कर रही है।
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