Share Markets: शेयर बाजार की हालिया गिरावट से अगर आप परेशान हैं, स्टॉक मार्केट को लेकर आपका भरोसा डगमगा गया है तो ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म जेफरीज और HSBC की नई रिपोर्टें आपको कुछ हद तक राहत पहुंचा सकती है। जेफरीज का कहना है कि निफ्टी में अगले करीब 3 महीने में 7 फीसदी तक की उछाल आ सकती है। ब्रोकरेज ने इंडिया स्ट्रैटजी नाम से एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें उसने भारतीय शेयर बाजार को लेकर अपनी राय रखी है। जेफरीज का कहना है कि भारतीय शेयर बाजार का 2025 में अब तक प्रदर्शन कमजोर रहा है, लेकिन साल के बाकी बचों महीनों में इसमें तेज उछाल देखने को मिल सकती है। साल 2025 के अंत तक उसने निफ्टी के 7 फीसदी उछलने का अनुमान जताया है।
जेफरीज ने कहा कि निफ्टी इंडेक्स साल 2025 के अंत तक 26,600 के स्तर तक जा सकता है। फिलहाल निफ्टी करीब 24,900 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। इसका मतलब है कि ब्रोकरेज को अगले करीब 3 महीने में इस इंडेक्स के 1700 अंक तक उछलने का अनुमान है। हालांकि जेफरीज ने साथ में यह भी कहा कि इक्विटी की अधिक सप्लाई बाजार की रफ्तार को सीमित कर सकती हैं।
जेफरीज ने यह भी कहा कि विदेशी निवेशक भारत को लेकर अंडरवेट यानी कमजोर स्थिति में हैं। विदेशी निवेशकों की सबसे बड़ी चिंता कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ है, जो उनकी उम्मीद के मुताबिक नहीं है। हालांकि ब्रोकरेज का कहना है कि सरकार ने हाल में कुछ ऐसे कदम उठाए हैं, जिससे कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ तेज हो सकती है। जैसे भारतीय रिजर्व बैंकों ने इस साल अब तक तीन बार ब्याज दरों में कटौती की है और इसके आगे भी और घटने की उम्मीद है।
इसके अलावा सरकार ने हाल ही में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) में बड़े सुधार किए हैं, जिससे कंज्म्शन में तेज उछाल आने की उम्मीद है। भारत के चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर वेंकटरमन अनंत नागेश्वरन ने मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान भारत की जीडीपी ग्रोथ के 6.3 से 6.8 फीसदी के बीच रहने का अनुमान जताया है। जेफरीज का कहना है कि इन सभी उपायों से आने वाली तिमाहियों कॉरपोरेट अर्निंग्स ग्रोथ तेज होती दिख सकती है, जो विदेशी निवेशकों को भी भारत की ओर वापस आकर्षित करेगी।
HSBC ने 8 महीने बाद बढ़ाई भारत की रेटिंग
सिर्फ जेफरीज ही नहीं, बल्कि ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म HSBC ने भारत को लेकर अपनी राय बदली है। HSBC ने करीब 8 महीनों के बाद भारतीय शेयरों की रेटिंग में इजाफा किया है और इसे न्यूट्रल से बढ़ाकर "ओवरवेट" कर दिया है। HSBC का कहना है कि हालिया गिरावट के बाद भारतीय शेयर अब अपने बाकी समकक्षों के मुकाबले कहीं अधिक आकर्षक दिख रहे हैं।
HSBC ने अनुमान लगाया है कि सेंसेक्स 2026 के अंत तक 94,000 के स्तर तक जा सकता है, जो मौजूदा स्तर से करीब 15% ऊपर होगा। वहीं मौजूदा साल 2025 के अंत तक उसने सेंसेक्स के लिए 85,130 का टारगेट तय किया है।
HSBC ने कहा ट्रंप के लगाए टैरिफ का भारतीय कंपनियों पर बहुत अधिक असर नहीं होगा। विदेशी निवेशक पिछले एक साल से भारतीय शेयर बाजार से पैसे निकाल रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद घरेलू निवेशक डटे हुए हैं। यही कारण है कि लंबी अवधि में भारत एशियाई निवेशकों के लिए एक मजबूत विकल्प के रूप में उभर रहा है। सरकार की नीतियां भी शेयर बाजार के लिए सपोर्टिव बनी हुई हैं।
इस बीच अगर भारतीय शेयर बाजार के हालिया प्रदर्शन की बात करें तो सेंसेक्स और निफ्टी में आज 25 सितंबर को लगातार 5वें दिन गिरावट देखने को मिली। ये पिछले 6 महीने की सबसे लंबी गिरावट है। सेंसेक्स 556 अंक टूटकर 81,160 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 166 अंक गिरकर 24,891 पर आ गया। साल 2025 में अब तक निफ्टी में 5.5% की तेजी आई है, लेकिन यह अभी भी दूसरे एशियाई और इमर्जिंग देशों के बाजारों की तुलना में काफी कमजोर रिटर्न है।
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