Nifty Outlook and Strategy : FIIs की बिकवाली और कमजोर ग्लोबल सेंटिमेंट से बाजार पर दबाव, इन अहम स्तरों पर रहे नजर
Stock market : निफ्टी ऊपरी स्तरों संघर्ष कर रहा है। अगर यह 25,830 से नीचे जाता है तो 25,760–25,728 की ओर दबाव बढ़ सकता है। जब तक यह 26,060 के पास स्थित अहम रेजिस्टेंस लेवल को फिर से हासिल नहीं कर लेता, दबाव कायम रहेगा
58,800 से नीचे ब्रेक होने पर बैंक निफ्टी पर शॉर्ट-टर्म दबाव पड़ सकता है, जबकि 59,550 से ऊपर जाने पर 59,800 के पास रेंज के ऊपरी सिरे की ओर एक नई तेजी की कोशिश शुरू हो सकती है
Nifty trend : बाजार में आज भी कमजोरी देखने को मिल रही है। रुपए में रिकवरी और क्रूड के सपोर्ट के बाद भी बाजार में कॉन्फिडेंस नहीं है। बाजार ऊपरी स्तरों से हल्का हुआ है। निफ्टी 25900 के नीचे ट्रेड कर रहा है। बैंक निफ्टी भी 100 अंक कमजोरी के साथ कारोबार कर रहा है। साथ ही मिड और स्मॉल कैप में भी ऊपरी स्तरों से गिरावट आई है। आज सरकारी बैंकों में सबसे ज्यादा खरीदारी देखने को मिली है। पीएसयू बैंक इंडेक्स 1.25 फीसदी मजबूती के साथ कारोबार कर रहा है। SBI निफ्टी के टॉप गेनर्स में शुमार है। साथ ही IT, मेटल, ऑयल एंड गैस शेयरों में रौनक है। लेकिन रियल्टी और प्राइवेट बैंकों पर दबाव है।
बाजार पर एक्सपर्ट्स की राय
एनरिच मनी के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर पोनमुडी आर का कहना है कि FPI की लगातार बिकवाली और रुपये में कमजोरी शॉर्ट टर्म के लिए मुख्य चुनौतियां बनी हुई हैं। भारत-अमेरिका व्यापार बातचीत में देरी से स्थिति और भी खराब हो गई है।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वीके विजयकुमार का कहना है कि AI ट्रेड के लगातार कमजोर होने के साथ ही FIIs 2026 में कभी भी भारत में खरीदार बनने की कगार पर है। अगर इसके साथ ही अमेरिका-भारत ट्रेड डील भी हो जाती है तो FIIs भारत में खरीदार बन जाएंगे। 2026 की पहली छमाही में रुपये के मजबूत होने की संभावना है। ऐसे में FII की बिकवाली के चलते सस्ते में मिल रहे स्टॉक्स खरीदारी करनी चाहिए। 2026 में हमें बाजार में रैली देखने को मिल सकती है।
आज इन अहम स्तरों पर रहे नजर
वेव्स स्ट्रैटेजी एडवाइजर्स के फाउंडर और CEO आशीष क्याल का कहना है कि इस महीने की शुरुआत में 26,325 के पास नया हाई बनाने के बाद, निफ्टी नीचे की ओर ट्रेंड करने लगा है और लगातार दो-तीन सेशन से ज़्यादा समय तक ऊपरी लेवल्स पर टिकने में नाकाम रहा है। पिछले कुछ सेशन से डेली चार्ट पर इंडेक्स मिड-बोलिंगर बैंड के पास ट्रेड कर रहा था।
हालांकि, पिछले सेशन में निफ्टी इस ज़ोन से पलट गया और शुक्रवार के सेशन के दौरान बने गैप को भर दिया। इस रिवर्सल ने इंडेक्स को और नीचे धकेल दिया, जिससे यह पिछले दिन के निचले स्तर से नीचे बंद हुआ, जो बढ़ते डाउनसाइड प्रेशर का संकेत है। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) द्वारा लगातार बिकवाली किसी भी बड़ी तेज़ी को रोक रही है, जिससे बाज़ार ऊपरी स्तरों पर टिक नहीं पा रहा है।
उन्होंने आगे कहा निफ्टी ऊपरी स्तरों संघर्ष कर रहा है। अगर यह 25,830 से नीचे जाता है तो 25,760–25,728 की ओर दबाव बढ़ सकता है। जब तक यह 26,060 के पास स्थित अहम रेजिस्टेंस लेवल को फिर से हासिल नहीं कर लेता, दबाव कायम रहेगा।
आशीष क्याल ने बैंकिंग शेयरों पर बात करते हुए कहा कि दिसंबर की शुरुआत में 60,114 के पास एक नया ऑल-टाइम हाई बनाने के बाद बैंक निफ्टी ऊपरी लेवल पर टिके रहने के लिए संघर्ष कर रहा है और कंसोलिडेशन फेज में चला गया है। दो हफ़्तों से ज़्यादा समय से, इंडेक्स 58,800 से 59,800 की एक बड़ी रेंज में उतार-चढ़ाव कर रहा है। ये नवंबर 2025 में शुरू हुई तेज़ रैली के बाद एक ठहराव का संकेत है।
इंडेक्स ने पिछली तेज़ी का 38.2% रिट्रेस किया है, जिसे चल रहे ट्रेंड में एक हेल्दी ठहराव माना जाता है। फिलहाल, यह के निचले सिरे के पास ट्रेड कर रहा है, जो मुख्य चैनल सपोर्ट से भी मेल खाता है। 58,800 से नीचे ब्रेक होने पर बैंक निफ्टी पर शॉर्ट-टर्म दबाव पड़ सकता है, जबकि 59,550 से ऊपर जाने पर 59,800 के पास रेंज के ऊपरी सिरे की ओर एक नई तेजी की कोशिश शुरू हो सकती है।
मंत्री फिनमार्ट के फाउंडर अरुण कुमार मंत्री का कहना है कि निफ्टी ने एक बार फिर 26,050–26,100 के अहम ब्रेकआउट ज़ोन को रिजेक्ट कर दिया है और तेज़ी से नीचे गिर गया है, RSI भी फिर से 50 के निशान से नीचे आ गया है और डेली चार्ट पर नेगेटिव डाइवर्जेंस साफ़ दिख रहा है। पिछले दो सेशन से कीमत 20-DMA से काफी नीचे ट्रेड कर रही है, और हर तेज़ी पर लगातार सप्लाई दिख रही है।
MACD और ADX भी ट्रेंड में शॉर्ट-टर्म कमज़ोरी का संकेत दे रहे हैं। निफ्टी से 25,720–25,780 के शॉर्ट-टर्म सपोर्ट ज़ोन को टेस्ट करने की उम्मीद है, जबकि 26,000–26,050 एक बड़ी रुकावट बनी हुई है। डेरिवेटिव्स के मोर्चे पर भी, 25700 पर वीकली सीरीज़ में काफी ओपन इंटरेस्ट है,जो बुल्स के लिए आखिरी उम्मीद हो सकता है।
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