Nifty Outlook: वैश्विक ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैक्स ने भारतीय मार्केट की रेटिंग को डाउनग्रेड कर दिया है और निफ्टी 50 के टारगेट में भी कटौती कर दी है। गोल्डमैन ने भारतीय मार्केट की रेटिंग को ओवरवेट से न्यूट्रल कर दी है। इसके अलावा घरेलू इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी 50 के लिए 12 महीने का टारगेट 27500 से घटाकर 27000 कर दिया है। गोल्डमैन ने तीन महीने के लिए निफ्टी का टारगेट 24500 और छह महीने के लिए 25000 पर फिक्स किया है। वहीं सेक्टरवाइज ब्रोकरेज फर्म ने कुछ सेक्टर को अपग्रेड कर दिया है और कुछ को डाउनग्रेड किया है तो कुछ पर अपने रुझान में कोई बदलाव नहीं किया है।
Goldman ने क्यों किया भारतीय मार्केट को डाउनग्रेड
गोल्डमैन का कहना है कि स्ट्रक्चरल तौर पर भारतीय मार्केट मजबूत दिख रहा है लेकिन इकनॉमिक ग्रोथ और कॉरपोरेट प्रॉफिट फिसल रहा है। ब्रोकरेज का कहना है कि हाई वैल्यूएशन और अनुकूल माहौल के कम होने के चलते नियर टर्म में मार्केट मे तेजी सीमित दिख रही है। ऐसे में ब्रोकरेज ने क्वालिटी, अर्निंग्स विजिबिलिटी और टारगेटेड अल्फा स्ट्रैटेजीज को टॉप प्रॉयोरिटी में रखने की बात कही है।
कितना टूट सकता है मार्केट?
अब सवाल उठता है कि जब माहौल बहुत बेहतर नहीं है और वैल्यूएशन भी हाई है तो मार्केट में जो गिरावट का दबाव है, यह कब तक जारी रहेगा? इसे लेकर गोल्डमैन का मानना है कि अधिक गिरावट के आसार नहीं दिख रहें हैं क्योकि घरेलू निवेश से इसे सपोर्ट मिलेगा। हालांकि ब्रोकरेज का यह भी कहना है कि तीन से छह महीने में करेक्शन दिख सकता है। अक्टूबर महीने में विदेशी इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स ने जितनी भारी बिकवाली की है, उसमें से अधिकतर घरेलू इंस्टीट्यूशंस ने खरीदारी कर अब्जॉर्ब कर लिया है।
सेक्टरवाइज क्या है अनुमान?
गोल्डमैन सैक्स का ऑटो, टेलीकॉम और इंश्योरेंस सेक्टर पर ओवरवेट रुझान बना हुआ है। इसने रियल एस्टेट और इंटरनेट को अपग्रेड कर ओवरवेट रेटिंग दी है। वहीं दूसरी तरफ ब्रोकरेज ने इंडस्ट्रियल्स, सीमेंट, केमिकल्स और फाइनेंशियल्स जैसे साइक्लिकल सेक्टर्स को डाउनग्रेड कर दिया है।
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