NSE IPO: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने मंगलवार (9 सितंबर) को इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर्स अथॉरिटी (IFSCA) के पूर्व चेयरमैन इंजेती श्रीनिवास (Injeti Srinivas) को अपना नया चेयरमैन नियुक्त किया। यह पद पिछले दो साल से खाली था। नए चेयरमैन की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है, जब NSE अपने प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) की तैयारी कर रहा है।
NSE के बोर्ड और मैनेजमेंट ने श्रीनिवास का गवर्निंग बोर्ड के चेयरपर्सन के तौर पर स्वागत करते हुए कहा कि उनका अनुभव एक्सचेंज की ग्रोथ में अहम साबित होगा।
श्रीनिवास का प्रशासनिक अनुभव
इंजेती श्रीनिवास ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से इकोनॉमिक्स में बीए (ऑनर्स) किया है और यूके के स्ट्रैथक्लाइड ग्रेजुएट बिजनेस स्कूल से एमबीए किया है। वह ओडिशा कैडर के 1983 बैच के IAS अधिकारी हैं। उन्होंने पिछले हफ्ते NSE बोर्ड में पब्लिक इंटरेस्ट डायरेक्टर के रूप में जॉइन किया था।
श्रीनिवास पहले कॉर्पोरेट अफेयर्स सेक्रेटरी रह चुके हैं। वह IFSCA के फाउंडिंग चेयरपर्सन भी रहे, जहां उन्होंने संस्थागत सुधार, गवर्नेंस को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। श्रीनिवास 2017 से 2023 तक भारत की फाइनेंशियल स्टेबिलिटी एंड डेवलपमेंट काउंसिल के सदस्य भी रहे। उन्होंने सेबी और LIC के बोर्ड में भी सेवा दी है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के सीईओ आशीष चौहान ने हाल ही में कहा है कि कंपनी का IPO अभी समय ले सकता है, क्योंकि सेबी (SEBI) से अभी तक नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) नहीं मिला है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, NSE का आईपीओ सेबी की मंजूरी मिलने के बाद लगभग 8 से 9 महीने में लॉन्च हो सकता है। मंजूरी मिलने के बाद NSE के शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर लिस्ट होंगे। NSE का आईपीओ पिछले 8 सालों से अटका हुआ है।
ET Now की रिपोर्ट के अनुसार, NSE ने हाल ही में सेबी से NOC के लिए आवेदन किया है। पब्लिक होने की तैयारी कर रही किसी भी कंपनी के लिए यह दस्तावेज बेहद जरूरी होता है। NOC मिलने के बाद कंपनी ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) फाइल कर सकती है।
NSE ने जुलाई के आखिरी हफ्ते में अपने Q1 FY26 नतीजे घोषित करते समय बताया था कि उसने कोलोकेशन और डार्क फाइबर मामलों में सेबी के साथ दो अलग-अलग सेटलमेंट एप्लिकेशन दायर किए हैं और अब नियामक के जवाब का इंतजार है।