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ट्रंप टैरिफ से इन 3 ऑटो कंपोनेंट शेयरों को लग सकता है झटका, ब्रोकरेज फर्म नुवामा ने दी चेतावनी

Trump Tariffs: ब्रोकरेज फर्म नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने एक रिपोर्ट में बताया कि, उसे ऑटो कंपनोंटेस कंपनियों के साथ बातचीत से पता चलता है कि कमर्शियल व्हीकल (CV) और दूसरे ऑटो कंपोनेंट्स पर टैरिफ की दर पहली तिमाही के 10% से बढ़कर अब 25% हो चुका है। हालांकि, पैसेंजर व्हीकल (PV) कंपोनेंट्स पर पहले से ही 25% की दर लागू थी

अपडेटेड Jul 31, 2025 पर 2:44 PM
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Trump Tariffs: भारत फोर्ज का करीब 20% से अधिक रेवेन्यू अमेरिका से आता है

Trump Tariffs: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर 25% टैरिफ ऐलान के बाद भारतीय ऑटो कंपोनेंट कंपनियों की चिंता बढ़ गई है। ट्रंप ने बुधवार को ऐलान किया कि भारत को अमेरिका में निर्यात पर 25% टैरिफ देना होगा। इसके साथ ही उन्होंने रूस से तेल और सैन्य उपकरण खरीदने के लिए भारत पर अतिरिक्त पेनाल्टी लगाने की भी बात कही है। हालांकि इस पेनाल्टी की दर कितनी होगी, अभी इसकी जानकारी सामने नहीं आई है।

ट्रंप के इस कदम से भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर के मुनाफे पर नेगेटिव असर पड़ने की आशंका है। खासकर वे कंपनियां जो अमेरिकी शेयर बाजार पर निर्भर हैं, उनपर इसका अधिक असर दिख सकता है।

नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की चेतावनी

ब्रोकरेज फर्म नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने एक रिपोर्ट में बताया कि, उसे ऑटो कंपनोंटेस कंपनियों के साथ बातचीत से पता चलता है कि कमर्शियल व्हीकल (CV) और दूसरे ऑटो कंपोनेंट्स पर टैरिफ की दर पहली तिमाही के 10% से बढ़कर अब 25% हो चुका है। हालांकि, पैसेंजर व्हीकल (PV) कंपोनेंट्स पर पहले से ही 25% की दर लागू थी।


किन कंपनियों पर सबसे ज्यादा असर?

1. भारत फोर्ज (Bharat Forge)

भारत फोर्ज का करीब 20% से अधिक रेवेन्यू अमेरिका से आता है। इसमें से 55-60% रेवेन्यू कमर्शियल व्हीकल्स से, 5-10% पैसेंजर व्हीकल्स से, और बाकी गैर ऑटो सेगमेंट से आता है।

2. रामकृष्ण फोर्जिंग्स (Ramkrishna Forgings)

कंपनी की 30% से अधिक कमाई नॉर्थ अमेरिका से होती है। इसमें भी कमर्शियल व्हीकल सेगमेंट की हिस्सेदारी सबसे अधिक है।

3. बालकृष्ण इंडस्ट्रीज (Balkrishna Industries)

कंपनी की करीब 15% बिक्री अमेरिका से होती है। यह बिक्री मुख्य रूप से एग्रीकल्चर, कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट्स और माइनिंग जैसे सेगमेंट से आती है।

बढ़े हुए टैरिफ का क्या असर पड़ेगा?

टैरिफ बढ़ने से इन कंपनियों की लागत में इजाफा होगा, जिससे डिमांड में गिरावट का खतरा है। अगर कंपनियां टैक्स का कुछ बोझ खुद उठाती हैं, तो इससे इनके प्रॉफिट मार्जिन पर दबाव बढ़ेगा। इसके अलावा एक्सपोर्ट महंगा हो जाएगा, जिससे अमेरिकी ग्राहकों के लिए भारतीय सामान कम कॉम्पिटिटीव हो सकते है।

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