शेयर मार्केट से तगड़े रिटर्न के नाम पर गैरकानूनी तरीके से निवेशकों को जोड़ने का नया मामला सामने आया है। यह मामला एक अनरजिस्टर्ड पोर्टफोलियो मैनेजमैंट सर्विसेज (PMS) एंटिटी Bansun Stocks Trading से जुड़ा है जो एक पिरामिड स्कीम के जरिए क्लाइंट्स बना रही है। अधिक से अधिक ग्राहक जोड़ने के लिए महंगे गिफ्ट जैसे कि 1 करोड़ रुपये के घर और थाईलैंड घुमाने तक का लालच देती है। अभी तक जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक इसकी जड़ें पंजाब में हैं। बनसुन स्टॉक्स ट्रेडिंग निवेश पर फटाफट कई गुना रिटर्न का लालच देकर पैसे इकट्ठा कर रही है।
इस समय देश में कई अनरजिस्टर्ड पीएमएस कंपनियां कुकुरमत्ते की तरफ उग रही हैं और यह भी उसी की तरह है लेकिन यह मल्टी-लेवल मार्केटिंग (MLM) यानी पिरामिड मार्केटिंग स्कीम भी चला रही है। आसान शब्दों में कहें तो यह अपने क्लांट्स से अधिक से अधिक लोगों को कंपनी से जोड़ने को कहती है और इसके बदले में उन्हें मुनाफे में हिस्सा बांटती है। इसके खुलासे के लिए मनीकंट्रोल का एक रिपोर्टर बानसुन के पास क्लाइंट बनने के लिए पहुंचा। रिपोर्टर से मुनाफे का 5 फीसदी रिटर्न देने का वादा किया गया और क्लाइंट्स जोड़ने पर एक्स्ट्रा इनकम का भी। इसे लेकर मनीकंट्रोल ने बानसुन को मेल भेजा है जिस पर फिलहाल कोई जवाब नहीं आया है।
किन नियमों का हुआ है उल्लंघन
एक्सपर्ट्स के मुताबिक Bansun की कारोबारी गतिविधियां कम से कम दो नियम तोड़ रही हैं। बाजार नियामक सेबी की कई मामलों में पैरवी करने वाले अगामा लॉ एसोसिएट्स (Agama Law Associates) के प्रिंसिपल एसोसिएट रविशेखर पांडेय ने बताया कि इस मामले में एक तो पीएमएस रेगुलेशंस और दूसरा कलेक्टिव इनवेस्टमेंट स्कीम रेगुलेशंस का उल्लंघन हुआ है। फंड्स, सिक्योरिटीज या पोर्टफोलियो मैनेज करने के लिए किसी एंटिटी को पीएमएस के तौर पर रजिस्टर्ड होना चाहिए। इसके अलावा एक लक्ष्य को लेकर पैसे जुटाने यानी किसी खास लक्ष्य के लिए कई लोगों से पैसे जुटाने के लिए CIS (कलेक्टिव इनवेस्टमेंट स्कीम) कंपनी के तौर पर रजिस्टर्ड होना चाहिए। बानसुन न तो सेबी के पास रजिस्टर्ड पीएमएस एंटिटीज की लिस्ट में है और न ही कलेक्टिव इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट कंपनीज की लिस्ट में।
बानसुन के मल्टी-लेवल मार्केटिंग स्ट्रक्चर में सर्विस डिस्ट्रीब्यूट करने के लिए रिवार्ड मिलता है जो रजिस्टर्ड पीएमएस डिस्ट्रीब्यूटर्स के लिए बने कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन है। इसके अलावा पोर्टफोलियो मैनेजर्स के लिए यह भी नियम है कि डिस्ट्रीब्यूटर्स के पास नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटीज मार्केट्स (NISM) का सर्टिफिकेट हो लेकिन मनीकंट्रोल के रिपोर्टर से इसके बारे में पूछा भी नहीं गया कि उसके पास सर्टिफिकेट है या नहीं।
कैसे काम करता है पूरा मल्टी-लेवल का यह नेटवर्क
बानसुन के ऐड मैटेरियल के मुताबिक किसी शख्स को बाकी लोगों को जोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है और लोगों को जोड़ने पर उन्हें मुनाफे में हिस्सा दिया जाता है। उदाहरण के लिए अगर A ने B को निवेश के लिए मना लिया तो A को अपने ट्रेंडिग मुनाफे का हिस्सा मिलेगा ही और B के भी ट्रेडिंग प्रॉफिट का भी कुछ फीसदी मिलेगा। पहले लेवल पर ट्रेडिंग प्रॉफिट का 10 फीसदी मिलता है। अब अगर B इसमें C को जोड़ता है तो A को B के ट्रेडिंग प्रॉफिट से 10 फीसदी और C यानी लेवल 2 के ट्रेडिंग प्रॉफिट पर 8 फीसदी हिस्सा मिलेगा। इस प्रकार से इस पिरामिड स्कीम में 15 लेवल हैं और 15वें लेवल पर A को क्लाइंट के प्रॉफिट का 1 फीसदी मिलेगा। नेटवर्क फटाफट बने, इसके लिए कंपनी कहती है कि अगर ज्वाइनिंग के 48 घंटे के भीतर ही दो लोगों को जोड़ते हैं तो ट्रेडिंग प्रॉफिट में से 1 फीसदी का एक्स्ट्रा प्रॉफिट मिलेगा। ऐड ब्राउचर के मुताबिक लेवल शुरू करने के लिए नए क्लाइंट को कम से 50 हजार रुपये लाने होंगे। हालांकि मनीकंट्रोल के रिपोर्टर को बताया गया कि 25 हजार रुपये के निवेश से भी लेवल शुरू हो सकता है।
सिर्फ यही नहीं, एक और तरीके से रिवार्ड मिलता है। क्लाइंट ने कंपनी के लिए कितना बिजनेस लाया, उसके हिसाब से उसे किसी खास जगह की यात्रा पर जाने का मौका, 25 हजार रुपये का लैपटॉप, मोटरसाइकिल, हैचबैक, लग्जरी सेडान और एक घर तक का आकर्षक ऑफर दिया जाता है। 15 लाख रुपये का बिजनेस लाने पर क्लाइंट को थाईलैंड की यात्रा, 30 लाख रुपये का कारोबार लाने पर लग्जरी सेडान, 50 करोड़ रुपये के बिजनेस पर 1 करोड़ रुपये का घर मिलने का लुभावना ऑफर है। हालांकि इस रिवार्ड में गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट और इंश्योरेंस डॉक्यूमेंट्स जैसे पेपर्स शामिल नहीं हैं।