पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस के शेयर 1 अगस्त को 18 फीसदी क्रैश कर गए। कंपनी ने 31 जुलाई को चेयरमैन और सीईओ गिरीश कौसगी के इस्तीफे की खबर दी थी। 1 अगस्त को इसका शेयर कंपनी के शेयरों पर दिखा। कंपनी के शेयर 1 अगस्त को भारी दबाव के साथ खुले। फिर उनमें गिरावट बढ़ती गई। कुछ ब्रोकरेज फर्मों ने कौसगी के इस्तीफे को कंपनी के लिए निगेटिव बताया है। उनका मानना है कि इसका असर कंपनी के प्रदर्शन पर पड़ सकता है। पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस में पीएनबी बैंक की हिस्सेदारी है।
कौसगी के इस्तीफे की वजह पता नहीं
अभी यह नहीं पता है कि कौसगी ने किस वजह से इस्तीफा दिया। कंपनी ने सिर्फ यह बताया है कि उन्होंने PNB Housing Finance के बॉस पोजीशन से इस्तीफा दे दिया है। बोर्ड ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। 28 अक्टूबर को पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस में उनका आखिरी वर्किंग डे होगा। पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस के प्रदर्शन में पिछले कुछ सालों में काफी इम्प्रूवमेंट दिखा है। इसका श्रेय कौसगी को दिया जाता है।
सब्सिडियरी कंपनियों में डायरेक्टर भी नहीं रहेंगे
कौसगी ने इस्तीफे की अपनी चिट्ठी में लिखा है, "कंपनी में शानदार तीन साल के करियर के बाद मैं कंपनी से बाहर कोई मौका चाहता हूं।" पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस ने कहा है कि कौसगी पीएचएफएल होम लोंस और पीईएचईएल के फाउंडेशन के बोर्ड में डायरेक्टर भी नहीं रहेंगे। ये दोनों पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस की सब्सिडियरी कंपनियां हैं। पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस ने कहा है कि कंपनी नए लीडर के एप्वाइंटमेंट के लिए मेरिट आधारित सेलेक्शन प्रोसेस शुरू करेगी।
पीएनबी हाउसिंग ने अच्छे प्रदर्शन का श्रेय कौसगी को दिया
पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस ने कंपनी के अच्छे प्रदर्शन का श्रेय कौसगी को दिया है। कंपनी ने कहा है कि उनके नेतृत्व में पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस देश की तीसरी सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी बन गई। कंपनी के अच्छे प्रदर्शन का असर पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस के शेयरों पर भी दिखा है। अक्टूबर 2022 के बाद से कंपनी के शेयर की कीमतें तीन गुनी से ज्यादा हो गई हैं। हालांकि, बीते एक महीने में शेयरों में 26 फीसदी से ज्यादा गिरावट आई है।
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कंपनी 4 अगस्त को निवेशकों की चिंता दूर करने की कोशिश करेगी
कंपनी ने 4 अगस्त को एक इनवेस्टर कॉल का ऐलान किया है। इसमें कंपनी कौसगी के इस्तीफे और इसके बाद की स्थितियों के बारे में इनवेस्टर्स को बताएगी। कंपनी इनवेस्टर्स को यह बताने की कोशिश करेगी कि कौसगी के इस्तीफे का कंपनी के प्रदर्शन पर किसी तरह का असर नहीं पड़ेगा। बताया जाता है कि कौसगी का फोकस कस्टमर को बेहतर सर्विसेज देने और सही सॉल्यूशंस तैयार करने पर रहता था। इससे नए ग्राहकों के बीच कंपनी को पैठ बनाने में मदद मिली।
जून तिमाही में पीएनबी का अच्छा प्रदर्शन
पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस का प्रदर्शन जून तिमाही में अच्छा रहा। कंपनी की लोन डिस्बर्समेंट ग्रोथ दूसरी हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों से ज्यादा रही। आगे भी इस ट्रेंड के जारी रहने की उम्मीद है। कंपनी अपने एसेट क्वालिटी को बेहतर बनाए रखने की कोशिश कर रही है। इससे लोनबुक की ग्रोथ थोड़ी सुस्त रही। हालांकि, ओवरऑल लोन ग्रोथ नई ऊंचाई पर पहुंच गई है। FY25 में यह 75,000 करोड़ को पार कर गई। कंपनी एफोर्डेबल और इमर्जिंग दोनों ही मार्केट्स पर फोकस कर रही है। ओवरऑल रिटेल डिस्बर्समेंट में इनकी हिस्सेदारी 50 फीसदी तक है।