सात दिनों की तेजी के बाद बुल्स सु्स्ताने के मूड में दिख रहे हैं। निफ्टी 23600 के नीचे फिसल गया है। बैंक निफ्टी में भी करीब 400 अंको की गिरावट देखने को मिल रही है। मिडकैप और स्मॉलकैप भी रिकवरी की कोशिश में हैं। चुनिंदा ऑटो, पावर और मेटल शेयरों में तेजी है। अशोक लेलैंड का शेयर करीब 3 फीसदी भागा है। बैंकिंग, रियल्टी और टेलीकॉम में भी रौनक है। लेकिन फार्मा में कमजोरी है। डॉ रेड्डीज करीब 2 परसेंट टूटकर निफ्टी का टॉप लूजर बना है।
ऐसे में बाजार की आगे की दशा और दिशा पर बात करते हुए Citrus Advisors के फाउंडर संजय सिन्हा ने कहा कि बाजार में लार्ज कैप की तुलना में मिड और स्मॉल कैप में ज्यादा गिरावट हुई। इस की दो मुख्य वजह रही है। इनमें से पहली है वैल्युएशन का बहुत ज्यादा महंगा होना और दूसरी वजह रही सिस्टम में नकदी घटना। एफआईआई के बिकवाली के चलते सिस्टम में नकदी काफी घट गई। एफआईआई का आगे का रुख कैसा रहेगा इस पर अभी भी असमंजस बना हुआ है।
संजय सिन्हा की राय है कि करेक्शन के बाद वैल्युएशन सस्ता हुआ है। कई पॉकेट में तो जरुरत से ज्यादा करेक्शन दिखा है। करीब 1100 टॉप मार्केट कैप वाले शेयरों के विश्लेषण से पता चलता है कि इनमें से करीब 460 शेयर ऐसे हैं जो अपने 5 साल के प्राइस अर्निंग औसत से नीचे कारोबार कर रहे हैं। हाल के दिनों में लिक्वविडिटी भी सुधरी है। पिछले कुछ दिनो से एफआईआई भी खरीदारी कर रहे हैं। Mutual Fund के आंकड़े भी उत्साहजनक हैं।
उन्होंने आगे कहा कि ट्रंप टैरिफ और कंजम्प्शन बूस्ट के लिए बजट में किए गए उपाय के फायदे पर बाजार की नजर रहेगी। बाजार में प्राइस करेक्शन तो हो गया है लेकिन टाइम करेक्शन अभी बाकी है। क्योंकि हमें अभी कन्विक्शन और कॉन्फिडेंस की जरूरत है।
IT सेक्टर के वैल्युएशन की जगह ग्रोथ की चिंता
बाजार पर बात करते हुए संजय ने आगे कहा कि IT को हमें डिफेंसिव सेक्टर के तौर पर देखना चाहिए। IT सेक्टर के वैल्युएशन की जगह ग्रोथ की चिंता है है। उन्होंने आगे कहा कि RBI के रेट कट का सिलसिला जारी रहेगा। आगे बैंकों के NII अच्छे रहेंगे लेकिन NIM पर दबाव संभव है।
संजय को नॉन फेरस से ज्यादा आकर्षक फेरस मेटल लग रहा है। उनका ये भी मानना है कि वैल्युएशन के लिहाज से FMCG में ग्रोथ नहीं है। आगे FMCG शेयर रेंज बाउंड रह सकते हैं। फूड डिलीवरी में कंपिटीशन काफी बढ़ा है। हमें इस बात को ध्यान में रखना चाहिए।
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