PSU stocks : कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज को पीएसयू शेयरों के बारे में बाजार का हालिया नजरिया पसंद नहीं आ रहा है। गौरतलब है कि हाल के दिनों में सरकारी कंपनियों के शेयरों में तेज रैली देखने को मिली है। इसकी वजह से बाजार में सरकारी शेयरों को लेकर काफी उत्साह देखने को मिला रहा है। लेकिन कोटक के विश्लेषक इस नजरिए से सहमत नहीं है। हाल में आई एक रिपोर्ट में कोटक के विश्लेषकों ने शॉर्ट टर्म पर फोकस, प्रॉफिटिबिलिटी और मिडटर्म के जोखिमों की अनदेखी, कारोबारी मॉडल की कमजोरी और दूसरी चिंताओं का हवाला देते हुए इस सेक्टर पर पॉजिटिव नजरिए को खारिज कर दिया है।
कैपिटल गुड्स, इलेक्ट्रिक यूटिलिटी, फाइनेंस, तेल और गैस के लीडरशिप में पिछले साल पीएसयू शेयरों में 19-443 फीसदी की तेजी देखने को मिली है। कोटक की रिपोर्ट में कहा गया है, "हमें इन सेक्टरों के मिड से लॉन्ग टर्म ग्रोथ और मुनाफे के अनुमान अत्याधिक आशावादी लगते हैं। हमें इस बात को लेकर संदेह है कि अधिकांश क्षेत्रों में बहुत कुछ बदल गया है।"
कैपिटल गुड्स सेक्टर की पीएसयू कंपनियों में बढ़ी हुई ऑर्डर बुक के कारण बड़ी री-रेटिंग हुई है। लेकिन कोटक ने खास तौर पर थर्मल पावर प्रोडक्शन जैसे सेक्टर में लंबे समय तक बड़े ऑर्डर प्रवाह बने रहने को लेकर आशंका जाहिर की है। कोटक ने अपनी रिपोर्ट में कहा "सरकार की खरीदार, मालिक और नीति निर्माता या नियामक की थ्री-इन-वन भूमिका कैपिटल गुड्स कंपनियों की भविष्य की कमाई और रिटर्न के बारे में अनिश्चितता पैदा करती है।"
एनटीपीसी के वैल्यूएशन को लेकर चिंता
कोटक की इस रिपोर्ट में इलेक्ट्रिक यूटिलिटीज की री-रेटिंग पर कहा गया है कि एनटीपीसी के वैल्यूएशन को लेकर चिंता है। इसके अलावा बाजार पावरग्रिड के ग्रोथ को लेकर अतिउत्साह में दिख रहा है। कोटक के विश्लेषकों के मुताबिक सोलर एनर्जी और प्रतिस्पर्धी टैरिफ-आधारित बिडिंग परियोजनाओं की तरफ हो रहा ट्रांजिशन परंपरागत इलेक्ट्रिक यूटिलिटीज के लिए जोखिम पैदा कर रहा है।
सरकारी तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) में तेजी पर कोटक ने लिखा, "हम बाजार के भरोसे से हैरान हैं।" ओएमसी की री-रेटिंग मुनाफे में भारी बढ़त की उम्मीदों के चलते हुई है। लेकिन कोटक का कहना है मार्केटिंग मार्जिन में अस्थिरता और मुनाफे को लेकर अस्वाभाविक आशावाद उसे हैरान करते हैं। कोटक की राय है कि सरकारी मूल्य निर्धारण नीति की अनिश्चितता और कम एफसीएफ-टू-पीएटी अनुपात, पी/ई-आधारित वैल्यूएशन को सही नहीं बनाते हैं।"
कोटक ने कहा कि उसने पावरग्रिड कॉर्प (190 बीपीएस) से बाहर निकलते हुए 150 बेसिस प्वाइंट के वेटेज साथ पिडिलाइट इंडस्ट्रीज को अपने पोर्टफोलियो में शामिल किया है। ब्रोकरेज हाउस ने शेष 40 बेसिस प्वाइंट को एसबीआई लाइफ को रिडिस्ट्रीब्यूट कर दिया है। कोटक के मुताबिक पावरग्रिड कॉर्प ने मजबूत प्रदर्शन किया है। पिछले 1 साल में स्टॉक ने 69 फीसदी रिटर्न दिया है। अब यो 2.4X FY2026 BV पर कारोबार कर रहा है - जो इसके लगभग 1.5X BV के सही मल्टिपल की तुलना में काफी महंगा है।
बढ़ते आवासीय रियल एस्टेट अप-साइकिल में पिडिलाइट में आगे जोरदार ग्रोथ की संभावना दिख रही है। इसके देखते हुए महंगे हो चुके पावरग्रिड कॉर्प से निकल पर पिडिलाइट में निवेश का फैसला लिया गया है। हाल की कीमतों में कटौती और विज्ञापन और प्रचार खर्च में बढ़ोतरी के बावजूद कंपनी के मुनाफे में बढ़त की उम्मीद है।
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