बालासोर हादसे ने सरकार प्रशासन और जनता सहित सभी झकझोर दिया था। इस हादसे बाद सुरक्षा नये इंतजाम करने की माग भी उठी। जिसके चलते बालासोर एक्सिडेंट के बाद रेलवे ने कवच सिस्टम लगाने की बात कही थी। अब पता चला है कि रेलवे ने कवच सिस्टम पर काम तेज कर दिया है। हमारे सहयोगी चैनल CNBC-आवाज़ को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक रेलवे ने इस सिलसिले में जोर-शोर से तैयारी शुरू कर दी है। रेलवे इस साल के अंत तक 200 ट्रेनों में कवच सिस्टम लगाने की तैयारी में है। इस एक्सक्लूसिव खबर पर ज्यादा डिटेल देते हुए CNBC-आवाज़ की दीपाली नंदा ने कहा कि रेल ने सभी जनरल मैनेजर्स को रूट की पहचान करने को कहा है।
दीपाली नंदा ने आगे कहा कि सूत्रों के हवाले से ये खबर मिली है। 200 से ज्यादा ट्रेनों में इस साल के अंत तक कवच लगेगा। सभी जनरल मैनेजर्स को रेल ने ऐसे रूट की पहचान करने को कहा है जहां शुरुआती तौर पर कवच लगाने की आवश्यकता है। जबकि इस बारे में रेल मंत्रालय भी एक्शन में आ गया है। रेल मंत्रालय ने कहा कि कवच के लिए टेंडर निकालने में देरी नहीं होगी।
50 लाख प्रति किमी. का खर्च
रेल विभाग द्वारा सुरक्षा के मुद्देनजर इस प्रोजेक्ट पर बड़े पैमाने पर पैसा खर्च करने की योजना भी है। जहां तक कवच लगाने पर खर्च का सवाल है तो कवच लगाने में प्रति किमी. 50 लाख रुपये का खर्च आता है। वर्तमान में देखा जाये तो अभी साउथ-सेंट्रल रेलवे जोन में सुरक्षा के इंतजाम के रूप में कवच मौजूद है।
अभी सिर्फ 77 ट्रेन ही कवच सिस्टम से लैस
कवच सिस्टम को ट्रेन दुर्घटना रोकने के लिए तैयार किया गया है। इसके लगाये जाने पर पायलट के सिग्नल मिस करने पर सिस्टम अलर्ट जारी करता है। ओवर-स्पीडिंग, खराब मौसम में भी ट्रेन चलाने में मदद मिलती है। हालांकि अभी सिर्फ 77 ट्रेन में ही कवच सिस्टम लगाये जा चुके हैं। इस लगने से टक्कर या ट्रेन डिरेल होने पर खुद ब्रेक लग जाते हैं।