बजट के बाद अब नजर RBI पर है। 5 फरवरी को RBI की पॉलिसी से पहले MPC की बैठक शुरू हो गई है। RBI ने पिछले पॉलिसी में दरों में कोई कटौती नहीं की थी। बाजार की नजर इस बार इस बात पर होगी कि सरकार ने जो वित्तीय घाटे के भारी भरकम लक्ष्य रखे हैं उसपर RBI क्या कमेंट्री देता हैं। ग्रोथ को बढ़ाने के वित्त मंत्री के फॉर्मूले को शक्तिकांता दास का कितना साथ मिलता है। सवाल ये उठता है कि NEW INDIA के आत्मनिर्भर बजट के बाद इकोनॉमी में जोश भरने को लेकर क्या उपाय किए जा सकते हैं।

यहां  इन्ही मुद्दों पर चर्चा हो रही है। इस चर्चा में सीएनबीसी-आवाज़ का साथ दे रहे हैं Axis Bank के Chief Economist सौगत भट्टाचार्य, Bank of America के MD & Country Treasurer जय मेहता , CRISIL के Senior Director & Chief Economist- डीके जेशी, Kotak Mahindra AMC की DEBT& Head Product लक्ष्मी अय्यर  और ICRA की Principal Economist- अदिति नायर।

बाजार की RBI पॉलिसी पर नजर

5 फरवरी को RBI क्रेडिट पॉलिसी पेश करेगा। Fiscal Deficit पर RBI की कमेंट्री पर नजर रहेगी। हालांकि ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद नहीं है। बजट के बाद रेट कम रखने की चुनौती है। आरबीआई को बैंकों का कर्ज बढ़ाने पर फोकस रहेगा। अभी रिवर्स रेपो 3.35 फीसदी और रेपो रेट 4 फीसदी पर है। अभी SLR 18.5 फीसदी और CRR 3 फीसदी पर बरकरार है। अप्रैल में CRR फिर बढ़कर 4 फीसदी हो जाएगा।  वित्त वर्ष 2022 की पहली छमाही में महंगाई 4.6 फीसदी संभव है।

आवाज़ MPC की राय, क्या दरों में बदलाव होगा?

इस चर्चा में शामिल ऊपर उल्लिखित सभी मेहमानों की राय है कि 5 फरवरी को RBI क्रेडिट पॉलिसी मीट में दरों में कोई बदलाव नहीं होगा।  पॉलिसी Stance में बदलाव होगा ? इस सवाल के का जवाब भी सर्वसम्मति से यही है कि कि 5 फरवरी को RBI क्रेडिट पॉलिसी मीट में आरबीआई की पॉलिसी Stance में कोई बदलाव नहीं, होगा।

सौगत भट्टाचार्य की राय

सौगत भट्टाचार्य का कहना कि वित्त वर्ष 2022  में महंगाई दर 4.5 फीसदी तक रहने का अनुमान है। वित्तवर्ष 2022 में रिवर्स रेपो रेट 3.75 फीसदी तक संभव
है। क्रेडिट ग्रोथ में बढ़ोतरी के उपायों पर भी नजर रहेगी।

जयेश मेहता की राय

बजट के बाद बॉन्ड मार्केट को मदद जरूरी है। Global Bond Index में शामिल होने पर काम जारी है। Global Bond Index के रोडमैप पर नजर होगी।

डीके जोशी की राय

वित्त वर्ष 2022 में महंगाई दर 5 फीसदी तक रहने का अनुमान है। मार्च 2021 तक 10 साल यील्ड 6.2 फीसदी  रहने का अनुमान है। वहीं,  मार्च 2022 तक 10 साल यील्ड 6.5 फीसदी तक संभव है। इस बार की नीति बैठक में खस्ताहाल संस्थाओं को क्रेडिट गारंटी पर फोकस रहने वाला है।

Lakshmi Iyer की राय

अभी महंगाई दर बड़ी चुनौती नहीं है। आरबीआई की Global Bond Index के रोडमैप पर नजर रहेगी। वित्त वर्ष 2022  में रिवर्स रेपो 3.75 फीसदी रहने का अनुमान है।

अदिति नायर की राय

बैड बैंक प्रस्ताव को तेजी से लागू करना जरूरी है। सरप्लस लिक्विडिटी को लेकर RBI सर्तक रहेगा। CRR में कटौती वापस लेने के फैसले पर भी नजर रहेगी। FY22 में महंगाई दर 4.6% तक रहने का अनुमान है।

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