Realty stocks : एक मुश्किल भरे साल के बाद, क्या दिसंबर रेट कट से मंदी में चल रहे रियल्टी स्टॉक्स का सुधरेगा मूड?

Realty stocks : बड़े रेट कट के बावजूद रियल एस्टेट स्टॉक्स के लिए यह साल बहुत खराब रहा है। इससे यह सेक्टर 2025 का सबसे बड़ा अंडरपरफॉर्मर बन गया है। लेकिन वैल्यूएशन कम होने और दिसंबर में एक और रेट कट होने की उम्मीद के साथ ही एनालिस्ट्स का कहना है कि आखिरकार इनमें रिकवरी का मूड बन रहा है

अपडेटेड Dec 03, 2025 पर 5:04 PM
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REITs को इक्विटी एसेट क्लास के तौर पर क्लासिफ़ाई करने के सेबी के कदम से रियल एस्टेट स्पेस में म्यूचुअल फंड पार्टिसिपेशन बेहतर होने की उम्मीद है। सेबी का यह कदम पूरे रियल्टी इकोसिस्टम के लिए एक स्ट्रक्चरल पॉज़िटिव फैक्टर है

Realty stocks : इस साल रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) द्वारा कुल 1 फीसदी रेट कट के बावजूद रियल एस्टेट स्टॉक्स ने इन्वेस्टर्स के पोर्टफोलियो को बहुत नुकसान पहुंचाया है। हाल तक कई सालों तक रैली का मज़ा लेने वाला यह सेक्टर 2025 का सबसे खराब परफ़ॉर्मर बनकर उभरा है। अब, दिसंबर में एक और रेट कट और मोटे तौर पर अच्छी तिमाही नतीजों की उम्मीदों के साथ,एनालिस्ट्स का मानना ​​है कि इनके हालात आखिरकार बदलते दिखेंगे।

2025 रहा भारी गिरावट का साल

इस साल बड़े लिस्टेड डेवलपर्स जैसे DLF, गोदरेज प्रॉपर्टीज़, लोढ़ा डेवलपर्स, ओबेरॉय रियल्टी, प्रेस्टीज एस्टेट्स, शोभा, सनटेक रियल्टी और ब्रिगेड एंटरप्राइजेज के शेयर 35 फीसदी तक गिरे हैं। यहां तक ​​कि निफ्टी रियल्टी इंडेक्स भी लगभग 15 फीसदी टूटा है। ब्रॉडर मार्केट की तुलना में रियल्टी इंडेक्स ने काफी ज्यादा अंडरपरफॉर्मेंस दिखाया है।


मंदी के तीन कारण

ANAROCK Capital के CEO शोभित अग्रवाल का कहना कहना है कि इस मंदी के तीन साफ़ कारण हैं। ये रेगुलेटरी अड़चनें, खासकर प्रोजेक्ट अप्रूवल में देरी, लिक्विडिटी की कमी, बैलेंस शीट पर दबाव और महामारी के बाद हाउसिंग बूम के चलते कीमतों में बहुत ज़्यादा बढ़ोतरी। इनकी वजह से डेवलपर्स नए लॉन्च में देरी कर रहे हैं।

इन वजहों से किफायती सेगमेंट के घर खरीदना महंगा हो गया है, जिससे 2025 के पहले नौ महीनों में घरों की बिक्री में 12 फीसदी की गिरावट आई है। डिमांड तेज़ी से प्रीमियम और लग्ज़री घरों की तरफ झुक गई है जो अब कुल बिक्री का लगभग 60 फीसदी हिस्सा है।

क्या यह कॉन्ट्रा बेट का समय है?

इस करेक्शन के चलते रियल्टी शेयरों का वैल्यूएशन को उनके कई सालों के एवरेज से काफी नीचे आ गया है। DLF अपने प्राइस-टू-अर्निंग्स रेश्यो के 34 गुना पर ट्रेड कर रहा है, जबकि इसका पांच साल का एवरेज 58 गुना है। ओबेरॉय रियल्टी 18 गुना पर है,जो इसके हिस्टॉरिकल एवरेज 26 गुना से कम है। इसी शोभा का भाव तेज़ी से गिरकर 32 गुना पर आ गया है,जबकि इस पांच साल का एवरेज 111 गुना है। मार्केट पर नज़र रखने वालों के लिए,यह रीसेट निवेश का एक अच्छा मौका हो सकता है।

होम-लोन EMI कम होने से सेंटिमेंट में होगा सुधार

मार्केट एक्सपर्ट सुनील सुब्रमण्यम का मानना ​​है कि रियल्टी स्टॉक अब एक आकर्षक “कॉन्ट्रा पिक” का मौका दे रहे हैं। उनका कहना है कि दिसंबर में होने वाली रेट कटौती, सीमेंट और बिल्डिंग मटीरियल पर GST में कटौती के साथ मिलकर, रियल्टी कंपनियों के मार्जिन को बेहतर कर सकती है। होम-लोन EMI कम होने से भी अफोर्डेबिलिटी को सपोर्ट मिलेगा और सेंटिमेंट में सुधार होगा।

REITs को इक्विटी एसेट क्लास के तौर पर क्लासिफ़ाई करने से होगा फायदा

इसके अलावा, REITs को इक्विटी एसेट क्लास के तौर पर क्लासिफ़ाई करने के सेबी के कदम से रियल एस्टेट स्पेस में म्यूचुअल फंड पार्टिसिपेशन बेहतर होने की उम्मीद है। सेबी का यह कदम पूरे रियल्टी इकोसिस्टम के लिए एक स्ट्रक्चरल पॉज़िटिव फैक्टर है।

अच्छे रहे दूसरी तिमाही के नतीज

इस सेक्टर के वित्त वर्ष 2026 के दूसरी तिमाही के नतीजे मोटे तौर पर अच्छे रहे हैं। प्रेस्टीज एस्टेट्स, मैक्रोटेक डेवलपर्स (लोढ़ा) और सनटेक रियल्टी जैसे डेवलपर्स ने हर तरह से अच्छे नंबर दिए हैं। हालांकि, ज़्यादा इनपुट कॉस्ट की वजह से सोभा और ओबेरॉय रियल्टी के मार्जिन पर दबाव दिखा है। वहीं, DLF और गोदरेज प्रॉपर्टीज़ ने मिले-जुले नतीजे दिए हैं। इसके साथ ही त्योहारी सीजन की मजबूत मांग ने दूसरी छमाही में डिमांड बढ़ने की उम्मीदों को और मजबूत किया है।

एमके ग्लोबल के एनालिस्ट्स का कहना है कि रियल एस्टेट सेक्टर की इन्वेंट्री विज़िबिलिटी में साफ़ सुधार दिख रहा है। ब्रोकरेज को उम्मीद है कि सनटेक रियल्टी FY25–28 में 25–35 फीसदी प्री-सेल्स CAGR हासिल करेगी। ओबेरॉय रियल्टी 18 परसेंट CAGR दर्ज करेगी। वहीं, ऊंचे बेस के बावजूद लोढ़ा 16 परसेंट CAGR बनाए रखेगी। एमके ने सनटेक को अपने पसंदीदा मिडकैप शेयर के तौर पर हाईलाइट किया है।

 

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