रिलायंस रिटेल ने एडवर्ब टेक्नोलॉजीज में 983 करोड़ रुपए में खरीदी 54% हिस्सेदारी

इस नए निवेश के साथ ही एडवर्ब का वैल्यूएशन 26.5 करोड़ डॉलर से 27 करोड़ डॉलर (करीब 2000 करोड़) रुपये के आसपास आ गया है.

अपडेटेड Jan 18, 2022 पर 3:25 PM
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एडवर्ब ने आगे कहा कि हम मुनाफे में चल रही कंपनी है और इस सौदे से मिले पैसे का इस्तेमाल विदेशी कारोबार के विस्तार और अपनी उत्पादन ईकाई की क्षमता में बढ़ोतरी करने में करेंगे

रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) की रिटेल यूनिट रिलायंस रिटेल वेंचर (Reliance Retail Ventures) ने एडवर्ब टेक्नोलॉजीज (Addverb Technologies) में 983 करोड़ रुपए (13.2 करोड़ डॉलर) में 54% हिस्सेदारी खरीदी है।

इस अधिग्रहण के बाद भी इंडिया स्थित एडवर्ब स्वतंत्र रुप से काम करती रहेगी और RIL से मिले पैसे का इस्तेमाल अपने विदेशी कारोबार के विस्तार और नोएडा में अपने सबसे बड़े रॉबोटिक मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट की स्थापना में करेगी।

एडवर्ब टेक्नोलॉजीज के को-फाउंडर और सीईओ संगीत कुमार ने कहा कि यह यूनिट पूरी तरह से ऑटोमेटेड होगी। एडवर्ब के सीईओ ने आगे कहा है कि इस इन्वेस्टमेंट के साथ ही रिलायंस एडवर्ब में 54 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाली कंपनी हो जाएगी और यह एडवर्ब की सबसे बड़ी शेयर धारक भी होगी। रिलायंस इंडस्ट्रीज पहले से ही हमारी अहम ग्राहक थी। जिसके साथ मिलकर हमने जियो मार्ट ग्रॉसरी बिजनेस के लिए हाइली ऑटोमेटेड वेयरहाउस बनाए हैं। पहले से ही साथ-साथ काम करने के कारण हममें एक दूसरे को लेकर विश्वास है जिसके कारण यह भागीदारी आगे बढ़ी है।


इस नए निवेश के साथ ही एडवर्ब का वैल्यूएशन 26.5 करोड़ डॉलर से 27 करोड़ डॉलर (करीब 2000 करोड़) रुपये के आसपास आ गया है। एडवर्ब पहले से ही नोएडा में एक उत्पादन ईकाई है। जहां यह प्रति वर्ष करीब 10,000 रोबोट बनाती है। एडवर्ब ने अपने एक आधारिक बयान में यह भी कहा है कि रिलायंस रिटेल के साथ हमारी इस रणनीति भागीदारी से हमें 5G टेक्नोलॉजी, नई एनर्जी इनिसिएटिव के जरिए बनने विकसित होने वाली नई बैटरी टेक्नोलॉजी, कार्बन फाइबर के क्षेत्र में होने वाले विकास तक पहुंच मिलेगी। जिससे हम ज्यादा विकसित और किफायती रोबोट बना सकेंगे।

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एडवर्ब ने आगे कहा कि हम मुनाफे में चल रही कंपनी है और इस सौदे से मिले पैसे का इस्तेमाल विदेशी कारोबार के विस्तार और अपनी उत्पादन ईकाई की क्षमता में बढ़ोतरी करने में करेंगे। वर्तमान में एडवर्ब का 80 फीसदी रेवेन्यू भारत से आता है लेकिन उम्मीद है कि अगले 4-5 वर्षों में कंपनी की कमाई में घरेलू और विदेशी कारोबार का हिस्सा आधा-आधा होगा।

हमारी आय में सॉफ्टवेयर से होने वाली कमाई का हिस्सा 15 फीसदी है जिसमें आगे और बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।गौरतलब है कि एडवर्ब की स्थापना 2016 में हुई थी। उम्मीद है कि वर्तमान वित्त वर्ष में कंपनी की रेवेन्यू में 100 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिल सकती है और यह पिछले वित्त वर्ष के 200 करोड़ रुपये से बढ़कर 400 करोड़ रुपये पर पहुंच सकती है। यह भी बताते चलें कि सिंगापुर, नीदरलैंड, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में कंपनी की सहायक कंपनियां है।

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