क्रूड ऑयल की कीमतों में बढ़ोतरी शॉर्ट टर्म में बढ़ा सकती है इक्विटी मार्केट की परेशानी:शिबानी कुरियन

सरकार का रुख इंफ्रास्ट्रक्चर, मैन्यूफैक्चरिंग, इंडस्ट्रियल और सीमेंट सेक्टरों से जुडे शेयरों के लिए फायदेमंद रहेगा। इन पर हमारी नजर रहनी चाहिए.

अपडेटेड Feb 15, 2022 पर 12:19 PM
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तीसरी तिमाही में कंपनियों के नतीजों पर बात करते हुए शिबानी सिरकर कुरियन ने कहा कि अभी तक आए नतीजे काफी हद तक उम्मीद के अनुरुप ही रहे हैं।

यूक्रेन- रूस के बीच तनाव बढ़ने के साथ ही सोमवार के कारोबार में तेल की कीमतों ने 7 सालों का हाई पार कर लिया। कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट की शिबानी सिरकर कुरियन (Shibani Sircar Kurian) ने मनीकंट्रोल से बात करते हुए कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में लगातार बनी तेजी, महंगाई और ब्याज दरों पर अपना असर दिखा सकती है। हालांकि आरबीआई ने हाल ही में कहा है कि वित्त वर्ष 2023 की दूसरी छमाही में भारत में महंगाई की दर में गिरावट आने की संभावना है और यह अपने मीडियम टर्म लक्ष्य के आसपास ही रहेगी। आरबीआई के इस बयान से इस बात की उम्मीद बनती है कि वह अपनी मौद्रिक नीतियों में नरमी बनाएं रखेगा।

तीसरी तिमाही में कंपनियों के नतीजों पर बात करते हुए  शिबानी सिरकर कुरियन ने कहा कि अभी तक आए नतीजे काफी हद तक उम्मीद के अनुरुप ही रहे हैं। वर्तमान में हमें वित्त वर्ष 2022-23 के लिए निफ्टी के अर्निंग अनुमान में किसी बड़े फेरबदल की उम्मीद नहीं है। उन्होंने इस बातचीत में आगे कहा कि पिछले कुछ तिमाहियों से देखने को मिल रहा अर्निंग अपग्रेड का ट्रेन्ड कमजोर होता दिख रहा है। गौरतलब है कि शिबानी कुरियन को भारतीय इक्विटी मार्केट का करीब 17 साल का अनुभव है।

बाजार लगातार 2 कारोबारी सत्रों में 4 फीसदी से ज्यादा टूट चुका है क्या अभी इसमें 10 फीसदी तक की और गिरावट आ सकती है? इस सवाल का जवाब देते हुए शिबानी कुरियन ने कहा कि बाजार के महंगे वैल्यूएशन और ग्लोबल बाजार की मुश्किलों को देखते हुए लगता है कि घरेलू बाजार में आगे कुछ वौलेटिलिटी बनी रहेगी और नियर टर्म में कंसोलिडेशन देखने को मिल सकता है लेकिन वित्त वर्ष 2023 में कंपनियों की आय में मजबूती कायम रहने की उम्मीद है जिसको देखते हुए लगता है कि इक्विटी मार्केट के लिए आगे अच्छा सपोर्ट है।


आगे बाजार की नजर राज्यों में हो रहे चुनाव, वैक्सीनेशन की गति, भारत और दुनिया के दूसरे अहम देशों के मौद्रिक नीतियों , जियोपॉलिटिकल जोखिमों और क्रूड ऑयल के भाव पर उनके असर और कंपनियों के नतीजों पर रहेगी।

बाजार में आगे किन शेयरों और सेक्टरों पर नजर रहनी चाहिए इस पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस बार के बजट में सरकार का फोकस ग्रोथ पर रहा है। सरकार रोड, रेलवे, डिफेंस और हाउसिंग पर जोर दे रही है । सरकार का यह रुख इंफ्रास्ट्रक्चर, मैन्यूफैक्चरिंग, इंडस्ट्रियल और सीमेंट सेक्टरों से जुडे शेयरों के लिए फायदेमंद रहेगा। इन पर हमारी नजर रहनी चाहिए।

इसके अलावा निवेशकों की नजर रियल एस्टेट, फाइनेंशियल, उनमें भी बड़े प्राइवेट बैंकों, एक्सपोर्ट से जुड़े शेयरों और डिजिटल टेक्नोलॉजी वाले शेयरों पर रहनी चाहिए जिनमें लंबी अवधि में अच्छी तेजी देखने को मिल सकती है।

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