देश में बढ़ती गर्मी ने गर्मी के मौसम से पहले ही लोगों का हाल बेहाल करना शुरू कर दिया है। गर्मी जिस कदर समय से पहले बढ़ रही है। उसने सरकार की चिंता भी बढ़ा दी है। देश में बिजली की किल्लत नहीं हो इसके लिए सरकार ने कमर कस ली है। सरकार इसके लिए पूरी तरह से एक्शन मोड में आ गई है। केंद्र सरकार ने राज्यों को अपने स्तर पर इससे निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है। इसके साथ ही राज्य सरकारों से बिजली की किल्लत से निपटने के लिए पर्याप्त संसाधनों का इंतजाम करने को कहा है। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से उनके पास कितना कोयला उपलब्ध है। इस पर भी जानकारी मंगाई है।
सरकार की क्या तैयारी है ये बताते हुए सीएनबीसी-आवाज़ की दीपाली नंदा ने कहा कि पिछले साल उत्तर भारत और देश के अन्य हिस्सों में भीषण गर्मी का सामना करना पड़ा था। उस समय बिजली की दिक्कतें भी सामने आईं थी। इस बार अनुमान लगाया जा रहा है कि अबकी बार पारा और ऊपर जा सकता है। गर्मी के बढ़ते पारे के साथ बिजली संकट की चिंता बढ़ी है। लिहाजा बिजली संकट से निपटने के लिए सरकार ने कमर कस ली है।
दीपाली ने कहा कि सूत्र बता रहे हैं कि बिजली मंत्रालय ने राज्यों को पर्याप्त संसाधन जुटाने को कहा है। उन्हें मार्च तक बिजली स्टेशनों में कोयले का भंडार पूरा करने का आदेश दिया है। सूत्रों ने ये भी बताया कि उन्हें बिजली स्टेशनों में 45 mt कोयला रखने को कहा है। सूत्रों के मुताबिक राज्यों से कोयला की उपलब्धता पर जानकारी भी मांगी गई है। इसमें दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, UP समेत बाकी राज्यों से भी जानकारी मांगी है।
सूत्रों के हवाले से दीपाली नंदा ने आगे कहा कि इंपोर्टेड कोयले से चलने वाले पावर प्लांट्स को खास आदेश जारी किये गये हैं। उन्हें अगले तीन महीने पूरी क्षमता के साथ बिजली का उत्पादन करने के निर्देश दिये गये हैं। ऐसा अनुमान व्यक्त किया गया है कि अप्रैल में बिजली की मांग 229 GW तक जा सकती है। बिजली की मांग पिछले साल अप्रैल में 211 GW तक गई थी।