सेबी ने इनवेस्टर्स को एक नए तरह के फ्रॉड को लेकर आगाह किया है। उसने इनवेस्टर्स से कहा है कि सेबी के अधिकारियों की तरफ से आने वाले किसी तरह के मैसेज को लेकर उन्हें सतर्क रहने की जरूरत है। फ्रॉड करने वाले सेबी के अधिकारी बनकर ऐसे मैसेज भेज भेज रहे हैं। इसमें इनवेस्टर्स को पेमेंट करने को कहा जा रहा है।
सेबी के फर्जी लेटरहेड का हो रहा इस्तेमाल
SEBI ने कहा है कि उसे पता चला है कि फ्रॉड करने वाले सेबी के अधिकारियों के नाम, उनके ऑफिस और ईमेल का इस्तेमाल निवेशकों को फ्रॉड के जाल में फंसाने के लिए कर रहे हैं। वे फर्जी लेटर हेड, लोगो और सील का इस्तेमाल कर इनवेस्टर्स को लेटर भेज रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी नोटिस भेजकर कंप्लायंस सर्विसेज और पेनाल्टी का पेमेंट करने को कहा जा रहा है। नोटिस में कहा जा रहा है कि पेमेंट नहीं करने पर रेगुलेटर एक्शन लेगा।
सेबी के अधिकारियों के फर्जी दस्तखत भी
रेगुलेटर ने यह देखा है कि सेबी के फर्जी लेटर का इस्तेमाल कर इनवेस्टर्स को यह भरोसा दिलाने की कोशिश की जाती है कि लेटर सर्टिफायड वेंडर या मर्चेट अकाउंट की तरफ से भेजा गया है। ऐसे एक मामले में एक सर्टिफिकेट पर सेबी का लेटरहेड था। उस लेटर में सेबी की तरफ से अधिकृत एक बैंक अकाउंट का दावा किया गया था। इस पर सेबी के अधिकारियों के फर्जी दस्तखत थे। इस पर सेबी का फर्जी लोगो भी था।
सेबी की ऑफिशियल वेबसाइट पर हर एक्शन की जानकारी
सेबी ने इस बारे में जारी बयान में कहा है, "भोले-भाले निवेशक ऐसे फ्रॉड के शिकार हो रहे हैं। वे अपनी मेहनत की कमाई गंवा रहे हैं। वे फ्रॉड करने वाले की तरफ से बताए गए बैंक अकाउंट में पैसे डिपॉजिट कर रहे हैं।" सेबी का कहना है कि इनवेस्टर्स को इस तरह के मैसेज और लेटर से सतर्क रहने की जरूरत है। उसने कहा है कि उसकी तरफ से उठाए जाने वाले हर कदम की जानकारी उसकी ऑफिशियल वेबसाइट पर होती है। पेमेंट के लिए सेबी का अलग पोर्टल है। सेबी के पोर्टल पर सेबी के अधिकारियों की कॉन्टैक्ट डिटेल उपलब्ध है।
पेमेंट के लिए सेबी की अलग वेबसाइट
रेगुलेटर ने कहा कि इनवेस्टर्स को अगर कोई संदिग्ध मैसेज या ईमेल मिलता है तो उसे सेबी की वेबसाइट से वेरिफाय करने की जरूरत है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इनवेस्टर्स को जल्दबाजी में किसी लेटर का जबाव देने की जरूरत नहीं है। अगर सेबी की तरफ से पेमेंट की मांग की जाती है तो उन्हें सतर्क हो जाने की जरूरत है। सेबी के हर फैसले की जानकारी मीडिया में भी आती है। इनवेस्टर्स को मीडिया में भी सेबी के किसी एक्शन की जानकारी चेक कर लेनी चाहिए।