अपोलो माइक्रो सिस्टम्स का शेयर इस हफ्ते 20 फीसदी चढ़ा है। पिछले छह काराबारी सत्रों में से यह 5 में चढ़ा है। इस हफ्ते आई तेजी से पहले इसमें पिछले हफ्ते 12 फीसदी तेजी आई थी। कुल मिलाकर बीते 5 हफ्तों में यह स्टॉक 85 फीसदी भागा है। अगस्त की शुरुआत में इसकी कीमत 169 रुपये थी। 5 सितंबर को यरह 300 रुपये के पार बंद हुआ।
तीन हफ्तों में कारोबारी वॉल्यूम काफी ज्यादा
बीते पांच हफ्तों में से तीन हफ्तों में इस स्टॉक में कारोबारी वॉल्यूम काफी ज्यादा रहा। वीकली वॉल्यूम 10 करोड़ शेयरों के लेवल को पार कर गया। इससे पहले इस स्टॉक में एवरेज वीकली वॉल्यूम 2 से 3.5 करोड़ शेयर रहता था। इस हफ्ते 21 करोड़ से ज्यादा शेयरों की खरीदफरोख्त हुई। पिछले हफ्ते कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंजों को बताया था कि उसे मल्टी-इनफ्लूएंस ग्राउंड माइन (MIGM) की प्रोडक्शन एजेंसी के रूप में DRDO की मंजूरी मिल गई है।
डीआरडीओ से ट्रेक्नोलॉजी ट्रांसफर का एग्रीमेंट
इसके अलावा कंपनी ने NASM-SR मिसाइल के ओमिनी-डायरेक्शनल मल्टी-ईएफपी वॉरहेड के टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के लिए DRDO से एक समझौता किया है। कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंजों को इस बारे में भी 29 अगस्त को बताया था। कंपनी का प्रदर्शन जून तिमाही में शानदार रहा है। इसका कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट जून तिमाही में दोगुना यानी 17.68 करोड़ रुपये हो गया। इसने FY25 की पहली तिमाही में टैक्स बाद 8.42 करोड़ रुपये प्रॉफिट कमाया था।
कमजोर बाजार में भी शानदार प्रदर्शन
जून तिमाही में कंपनी की कुल इनकम 46.9 फीसदी बढ़कर 134.45 करोड़ रुपये रही। एक साल पहले की समान अवधि में यह 91.78 करोड़ रुपये थी। यह हैदराबाद की कंपनी है। यह डिफेंस के अलावा इंफ्रास्ट्रक्चर, ट्रांसपोर्टेशन, एयरोस्पेस जैसे सेक्टर के लिए टेक्नोलॉजी आधारित सॉल्यूशन ऑफर करती है। खास बात यह है कि इस स्टॉक में तब जबर्दस्त तेजी देखने को मिली है, जब स्टॉक मार्केट का सेंटिमेंट काफी कमजोर है।